प्यारा साँवरिया थारा ठाठ देखकर मन हरषावे है प्यारा सांवरियां सज्यो धजो बनडों सो बनकर सिंहासन पर बैठ्यो जी मोटा मोटा सेठ द्वार पर चँवर डुलावे है सेठा को भी सेठ जगत को
महा सेठ सांवरिया जी जो भी आवे द्वार पर अपडा शीश झुकावे है, शीश मुकुट कानन में कुंडल गले में बैजंती माला जी रतन जड़ित बागों सोना को छतर सुहावे है झूठो रंग छाड़ि गया सब लक्ष्मी संग बन जावो जी नंदू बाबा सबकी नैया पार लगावे जी.
Krishna Bhajan Lyrics Hindi
प्यारा साँवरिया थारा ठाठ देखकर मन हरषावे है प्यारा सांवरियां । सज्यो धजो बनडों सो बनकर सिंहासन पर बैठ्यो जी मोटा मोटा सेठ द्वार पर चँवर डुलावे है ।। प्यारा साँवरिया थारा ठाठ देखकर मन हरषावे है प्यारा सांवरियां । सेठा को भी सेठ जगत को महा सेठ सांवरिया जी
जो भी आवे द्वार पर अपडा शीश झुकावे है, प्यारा साँवरिया थारा ठाठ देखकर मन हरषावे है प्यारा सांवरियां । शीश मुकुट कानन में कुंडल गले में बैजंती माला जी रतन जड़ित बागों सोना को छतर सुहावे है ।। प्यारा साँवरिया थारा ठाठ देखकर मन हरषावे है प्यारा सांवरियां । झूठो रंग छाड़ि गया सब लक्ष्मी संग बन जावो जी नंदू बाबा सबकी नैया पार लगावे जी ।। प्यारा साँवरिया थारा ठाठ देखकर मन हरषावे है प्यारा सांवरियां ।
श्री कृष्णा को सांवरिया इसलिए कहा जाता है क्योंकि उनका रंग गहरा भूरा या सांवला है। उनके रंग को अक्सर "सांवली छटा" या "सांवली आभा" के रूप में वर्णित किया जाता है। श्री कृष्णा को सांवरिया कहने के पीछे कई कारण हो सकते हैं। एक कारण यह है कि उनका जन्म मथुरा में हुआ था, जो उत्तर भारत में एक गर्म और शुष्क क्षेत्र है। इस जलवायु के कारण, उनके शरीर का रंग गहरा हो गया होगा।