प्यारे दरसन दीज्यो आय तुम बिन रह्यो न जाय लिरिक्स Pyare Darshan Dijyo Aay Lyrics

प्यारे दरसन दीज्यो आय, तुम बिन रह्यो न जाय लिरिक्स Pyare Darshan Dijyo Aay Lyrics,

प्यारे दरसन दीज्यो आय, तुम बिन रह्यो न जाय लिरिक्स Pyare Darshan Dijyo Aay Lyrics,

प्यारे दरसन दीज्यो आय, तुम बिन रह्यो न जाय
जल बिन कमल, चंद बिन रजनी, ऐसे तुम देख्या बिन सजनी
आकुल-व्याकुल फिरूँ रैन-दिन, विरह कलेजो खाय
दिवस न भूख, नींद नहिं रैना, मुख सूँ कथत न आवै बैना
कहा कहूँ कछु कहत न आवे, मिलकर तपत बुझाय
क्यूँ तरसाओ अंतरजामी, आय मिलो किरपा कर स्वामी
‘मीराँ’ दासी जनम जनम की, पड़ी तिहारे पाँय
or
प्यारे दरसन दीज्यो आय, तुम बिन रह्यो न जाय॥
जल बिन कमल, चंद बिन रजनी। ऐसे तुम देख्यां बिन सजनी॥
आकुल व्याकुल फिरूं रैन दिन, बिरह कलेजो खाय॥
दिवस न भूख, नींद नहिं रैना, मुख सूं कथत न आवै बैना॥
कहा कहूं कछु कहत न आवै, मिलकर तपत बुझाय॥
क्यूं तरसावो अंतरजामी, आय मिलो किरपाकर स्वामी॥
मीरां दासी जनम जनम की, पड़ी तुम्हारे पाय॥
 
मीरा बाई पद के शब्दार्थ :- रजनी =रात, सजनी =प्रिय/दासी। कलेजो खाय = विरह में कलेजा खाये जा रहा है, अत्यंत ही बुरी स्थिति है। बैना = वचन, पाय -पाँव। 
 

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