Shree Jaharveer Chalisa In Hindi | श्री जाहरवीर चालीसा | चालीसा संग्रह | जाहरवीर चालीसा
गोगाजी (गोगाजी) जिसे गुग्गा के नाम से भी जाना जाता है, भारत में राजस्थान राज्य का एक लोक देवता है। वह इस क्षेत्र का एक प्रख्यात योद्धा-नायक है। हिंदू और मुस्लिम एक जैसे हैं। वह संत के रूप में भी पूजनीय है और यहाँ तक कि 'साँप-देवता' के रूप में भी। उन्हें हिंदुओं के बीच गोगा और मुसलमानों में जाहर पीर के रूप में जाना जाता है। कैमखानी मुसलमान उससे वंश का दावा करते हैं और उसे एक सहकर्मी (संत) के रूप में मानते हैं। गोगाजी एक साँप-देवता के रूप में लोकप्रिय हैं और राजस्थान के लगभग हर गाँव में एक थान (पवित्र स्थान) है जो उन्हें समर्पित है। गोगाजी के भक्त उत्तर प्रदेश, पंजाब, मध्य प्रदेश और महाराष्ट्र में पाए जा सकते हैं। गुजरात में, महान योद्धा के सम्मान में एक वार्षिक जुलूस निकाला जाता है।
। । दोहा । ।
सुवन केहरी जेवर सुत महाबली रनधीर । ।
बंदौ सुत रानी बाछला विपत निवारण वीर । ।
जय जय जय चौहान वंश गूगा वीर अनूप । ।
अनंगपाल को जीतकर आप बने सुर भूप । । ।
॥ चौपाई ॥
जय जय जय जाहर रणधीरा , पर दुख भंजन बागड़ वीरा । ।
गुरु गोरख का है वरदानी , जाहरवीर जोधा लासानी ।
गौरवरण मुख महा विशाला , माथे मुकट घुंघराले बाला ।
कांधे धनुष गले तुलसी माला , कमर कृपान रक्षा को डाला ।
जन्में गूगावीर जग जाना , ईसवी सन हजार दरमियाना ।
श्री जाहरवीर चालीसा बल सागर गुण निधि कुमारा , दुःखी जनों का बना सहारा ।
बागड़ पति बाछला नन्दन , जेवर सुत हरि भक्त निकन्दन ।
जेवर राव का पुत्र कहाये , माता पिता के नाम बढ़ाये ।
पूरन हुई कामना सारी , जिसने विनती करी तुम्हारी । ।
सन्त उबारे असुर संहारे , भक्त जनों के काज संवारे ।
गूगावीर की अजब कहानी , जिसको ब्याही श्रीयल रानी ।
बाछल रानी जेवर राना , महादुःखी थे बिन सन्ताना । ।
भंगिन ने जब बोली मारी , जीवन हो गया उनको भारी ।
सूखा बाग पड़ा नौलखा , देख - देख जग का मन दुक्खा ।
कुछ दिन पीछे साधू आये , चेला चेली संग में लाये ।
जेवर राव ने कुआं बनवाया , उद्घाटन जब करना चाहा । ।
खारी नीर कुएं से निकला , राजा रानी का मन पिघला ।
रानी तब ज्योतिषी बुलवाया , कौन पाप मैं पुत्र न पाया ।
कोई उपाय हमको बतलाओ , उन कहा गोरख गुरु मनाओ ।
गुरु गोरख जो खुश हो जाई , सन्तान पाना मुश्किल नाई ।
बाछल रानी गोरख गुन गावे , नेम धर्म को न बिसरावे ।
करे तपस्या दिन और राती , एक वक्त खाय रूखी चपाती ।
कार्तिक माघ में करे स्नाना , व्रत इकादशी नहीं भुलाना । ।
पूरनमासी व्रत नहीं छोड़े , दान पुण्य से मुख नहीं मोड़े ।
चेलों के संग गोरख आये , नौलखे में तम्बू तनवाये । ।
मीठा नीर कुएँ का कीना , सूखा बाग हरा कर दीना ।
मेवा फल सब साधु खाए , अपने गुरु के गुण को गाये ।
औघड़ भिक्षा मांगने आए , बाछल रानी ने दुःख सुनाये । ।
औघड़ जान लियो मन माहीं , तप बल से कुछ मुश्किल नाहीं । ।
रानी होवे मनसा पूरी , गुरु शरण है बहुत जरूरी ।
बारह बरस जपा गुरु नामा , तब गोरख ने मन में जाना ।
पुत्र देने की हामी भर ली , पूरनमासी निश्चय कर ली ।
काछल कपटिने गजब गुजारा , धोखा गुरु संग किया करारा ।
बाछल बनकर पुत्र पाया , बहन का दरद जरा नहीं आया ।
औघड़ गुरु को भेद बताया , तब बाछल ने गूगल पाया ।
कर परसादी दिया गूगल दाना , अब तुम पुत्र जनो मरदाना ।
लीली घोड़ी और पण्डतानी , लूना दासी ने भी जानी ।
रानी गूगल बाट के खाई , सब बांझों को मिली दवाई ।
नरसिंह पंडित लीला घोड़ा , भज्जु कुतवाल जना रणधीरा । ।
रूप विकट धर सब ही डरावे , जाहरवीर के मन को भावे ।
भादों कृष्ण जब नौमी आई , जेवर राव के बजी बधाई ।
विवाह हुआ गूगा भये राना , संगलदीप में बने मेहमाना ।
रानी श्रीयल संग ले फेरे , जाहर राज बागड़ का करे ।
अरजन सरजन जने , गूगा वीर से रहे वे तने । ।
दिल्ली गए लड़ने के काजा , अनंग पाल चढे महाराजा ।
उसने घेरी बागड़ सारी , जाहरवीर न हिम्मत हारी । ।
अरजन सरजन जान से मारे , अनंगपाल ने शस्त्र डारे ।
चरण पकड़कर पिण्ड छुड़ाया , सिंह भवन माड़ी बनवाया ।
उसी में गूगावीर समाये , गोरख टीला धूनी रमाये ।
पुण्यवान सेवक वहाँ आये , तन मन धन से सेवा लाए ।
मनसा पूरी उनकी होई , गूगावीर को सुमरे जोई ।
चालीस दिन पढ़े जाहर चालीसा , सारे कष्ट हरे जगदीसा ।
दूध पूत उन्हें दे विधाता , कृपा करे गुरु गोरखनाथा ।
बागड़ पति बाछला नन्दन , जेवर सुत हरि भक्त निकन्दन ।
जेवर राव का पुत्र कहाये , माता पिता के नाम बढ़ाये ।
पूरन हुई कामना सारी , जिसने विनती करी तुम्हारी । ।
सन्त उबारे असुर संहारे , भक्त जनों के काज संवारे ।
गूगावीर की अजब कहानी , जिसको ब्याही श्रीयल रानी ।
बाछल रानी जेवर राना , महादुःखी थे बिन सन्ताना । ।
भंगिन ने जब बोली मारी , जीवन हो गया उनको भारी ।
सूखा बाग पड़ा नौलखा , देख - देख जग का मन दुक्खा ।
कुछ दिन पीछे साधू आये , चेला चेली संग में लाये ।
जेवर राव ने कुआं बनवाया , उद्घाटन जब करना चाहा । ।
खारी नीर कुएं से निकला , राजा रानी का मन पिघला ।
रानी तब ज्योतिषी बुलवाया , कौन पाप मैं पुत्र न पाया ।
कोई उपाय हमको बतलाओ , उन कहा गोरख गुरु मनाओ ।
गुरु गोरख जो खुश हो जाई , सन्तान पाना मुश्किल नाई ।
बाछल रानी गोरख गुन गावे , नेम धर्म को न बिसरावे ।
करे तपस्या दिन और राती , एक वक्त खाय रूखी चपाती ।
कार्तिक माघ में करे स्नाना , व्रत इकादशी नहीं भुलाना । ।
पूरनमासी व्रत नहीं छोड़े , दान पुण्य से मुख नहीं मोड़े ।
चेलों के संग गोरख आये , नौलखे में तम्बू तनवाये । ।
मीठा नीर कुएँ का कीना , सूखा बाग हरा कर दीना ।
मेवा फल सब साधु खाए , अपने गुरु के गुण को गाये ।
औघड़ भिक्षा मांगने आए , बाछल रानी ने दुःख सुनाये । ।
औघड़ जान लियो मन माहीं , तप बल से कुछ मुश्किल नाहीं । ।
रानी होवे मनसा पूरी , गुरु शरण है बहुत जरूरी ।
बारह बरस जपा गुरु नामा , तब गोरख ने मन में जाना ।
पुत्र देने की हामी भर ली , पूरनमासी निश्चय कर ली ।
काछल कपटिने गजब गुजारा , धोखा गुरु संग किया करारा ।
बाछल बनकर पुत्र पाया , बहन का दरद जरा नहीं आया ।
औघड़ गुरु को भेद बताया , तब बाछल ने गूगल पाया ।
कर परसादी दिया गूगल दाना , अब तुम पुत्र जनो मरदाना ।
लीली घोड़ी और पण्डतानी , लूना दासी ने भी जानी ।
रानी गूगल बाट के खाई , सब बांझों को मिली दवाई ।
नरसिंह पंडित लीला घोड़ा , भज्जु कुतवाल जना रणधीरा । ।
रूप विकट धर सब ही डरावे , जाहरवीर के मन को भावे ।
भादों कृष्ण जब नौमी आई , जेवर राव के बजी बधाई ।
विवाह हुआ गूगा भये राना , संगलदीप में बने मेहमाना ।
रानी श्रीयल संग ले फेरे , जाहर राज बागड़ का करे ।
अरजन सरजन जने , गूगा वीर से रहे वे तने । ।
दिल्ली गए लड़ने के काजा , अनंग पाल चढे महाराजा ।
उसने घेरी बागड़ सारी , जाहरवीर न हिम्मत हारी । ।
अरजन सरजन जान से मारे , अनंगपाल ने शस्त्र डारे ।
चरण पकड़कर पिण्ड छुड़ाया , सिंह भवन माड़ी बनवाया ।
उसी में गूगावीर समाये , गोरख टीला धूनी रमाये ।
पुण्यवान सेवक वहाँ आये , तन मन धन से सेवा लाए ।
मनसा पूरी उनकी होई , गूगावीर को सुमरे जोई ।
चालीस दिन पढ़े जाहर चालीसा , सारे कष्ट हरे जगदीसा ।
दूध पूत उन्हें दे विधाता , कृपा करे गुरु गोरखनाथा ।
गोगाजी चालीसा- जय जय जाहर रणधीरा | Hindi Devotional | by. K.C. Nimesh
गोगाजी चालीसा- जय जय जाहर रणधीरा | Hindi Devotional | by. K.C. Nimesh Song : Gogaji Chalisa ( Jai Jai Jahar Rangdhira)
Singer- Music : K.C. Nimesh
Lyrics: Traditional
Category : Gogaji Bhajan (Hindi Devotional)
Producer : Amresh Bahadur, Ramit Mathur
Label : Yuki
Singer- Music : K.C. Nimesh
Lyrics: Traditional
Category : Gogaji Bhajan (Hindi Devotional)
Producer : Amresh Bahadur, Ramit Mathur
Label : Yuki
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