नैनन में काजल घले, होठों पे मुस्कान,
छवि अनूठी श्याम की, दर्शन से कल्याण।
चर्चा बाबा श्याम की, फ़ैली आठों याम,
श्याम धणी के द्वार पर, बनते बिगड़े काम।
मितवा मन को श्याम में, ऐसे लो लगाय,
कण कण में इस जगत के, श्याम नजर आ जाए।
लीला घोड़ा श्याम का, सपने में जो आए,
मन मंदिर में, श्याम के दर्शन भी हो जाए।
दाल बाटी संग चूरमा, लगे जो थारे भोग,
बाबा थारी किरपा से, मिट जावे सब रोग।
दुनिया बैरन हो गयी, श्याम ही मेरा यार,
मेरी बस एक आह पर, दौड़े लखदातार।
खाली है झोली मेरी, दूर है तेरो धाम,
श्याम भजन में करता हूँ, श्याम नाम रसपान।
छवि अनूठी श्याम की, दर्शन से कल्याण।
चर्चा बाबा श्याम की, फ़ैली आठों याम,
श्याम धणी के द्वार पर, बनते बिगड़े काम।
मितवा मन को श्याम में, ऐसे लो लगाय,
कण कण में इस जगत के, श्याम नजर आ जाए।
लीला घोड़ा श्याम का, सपने में जो आए,
मन मंदिर में, श्याम के दर्शन भी हो जाए।
दाल बाटी संग चूरमा, लगे जो थारे भोग,
बाबा थारी किरपा से, मिट जावे सब रोग।
दुनिया बैरन हो गयी, श्याम ही मेरा यार,
मेरी बस एक आह पर, दौड़े लखदातार।
खाली है झोली मेरी, दूर है तेरो धाम,
श्याम भजन में करता हूँ, श्याम नाम रसपान।
Shyam Stuti - Hath Jod Vinti Karu | श्याम स्तुति - हाथ जोड़ विनती करू !