टोटला क्वाथ के लाभ और उपयोग

टोटला क्वाथ के लाभ और उपयोग Patanjali Totla Kvath Usages and Benefits

टोटला क्वाथ क्या है- टोटला क्वाथ एक आयुर्वेदिक ओषधियों / हर्ब के मिश्रण से तैयार क्वाथ (काढ़ा ) है पतंजलि आयुर्वेदा के अनुसार यह काढ़ा हेपेटाइटिस, पीलिया और यकृत से संबंधित बीमारियों में फायदेमंद। विशिष्ट गुणों के साथ, प्राचीन सूत्रों का मिश्रण। स्वादिष्ट और प्रभावी क्वाथ / काढ़ा। लगभग 400 मिलीलीटर पानी में 5-10 ग्राम क्वाथ मिलाएं और इसे तब तक उबालें, जब तक कि अवशेष 100 मिली। इसे छानें और सुबह खाली पेट, रात के खाने से एक घंटे पहले या सोने से पहले लें। यदि किसी क्वाथ का स्वाद तीखा होता है, तो, यदि आप मधुमेह के रोगी नहीं हैं, तो शहद या किसी अन्य मीठी वस्तु को मिलाएं। यदि आप इस काढ़े को अधिक मात्रा में लेने में असमर्थ हैं, तो अधिक समय तक उबालें और कम पानी की मात्रा के साथ इसे छान लें। सतर्क रहें कि शहद मिलाया जाएगा, जब काढ़ा ठंडा हो और गर्म न हो। 

टोटला क्वाथ के लाभ और उपयोग Patanjali Totla Kvath Usages and Benefits

टोटला क्वाथ किन रोगों में लाभदायक होता है

टोटला क्वाथ से पीलिया, हेपेटाइटिस और यकृत से सबंधित विकारों में सुधार प्राप्त किया जाता है। टोटला क्वाथ एक आयुर्वेदिक दवा है जो यकृत के स्वास्थ्य को बढ़ावा देने के लिए उपयोग की जाती है। यह यकृत को नुकसान से बचाने, यकृत कोशिकाओं की मरम्मत करने और यकृत के कार्य को बेहतर बनाने में मदद कर सकती है।

टोटला क्वाथ में श्योनाक, अर्जुन, हरड़, बहेड़ा, नीम, हल्दी, दालचीनी, काली मिर्च और इलायची जैसे घटक होते हैं। इन सभी घटकों के यकृत के स्वास्थ्य को बढ़ावा देने के लिए औषधीय गुण होते हैं।

टोटला क्वाथ का उपयोग पीलिया, हेपेटाइटिस और अन्य यकृत से संबंधित विकारों के इलाज के लिए किया जा सकता है। यह इन विकारों के लक्षणों को कम करने और यकृत की क्षति को कम करने में मदद कर सकता है।

पीलिया

टोटला क्वाथ के सेवन से पीलिया रोग में होने वाली कमजोरी, थकावट, तनाव उलटी दूर होती है। इस क्वाथ के घटक के कारण पीलिया रोग में यह एक असरदार ओषधि होती है। पुनर्नवा की जड़ इसकी घटक है जो पीलिया रोग में बहुत कारगर होती है। पुर्ननवा मूल से पीलिया दूर होता है। भूमि आंवले से भी पीलिया रोग में लाभ प्राप्त होता है। टोटला क्वाथ पीलिया के इलाज में एक प्रभावी आयुर्वेदिक दवा है। यह पीलिया के लक्षणों को कम करने और यकृत को ठीक करने में मदद कर सकता है।

टोटला क्वाथ में श्योनाक, अर्जुन, हरड़, बहेड़ा, नीम, हल्दी, दालचीनी, काली मिर्च और इलायची जैसे घटक होते हैं। इन सभी घटकों के पीलिया के इलाज में औषधीय गुण होते हैं।

लिवर में लाभदायद

लिवर और लिवर की स्वेलिंग को कम करता है। इसके सेवन के आलावा सर्वकल्प क्वाथ के सेवन से भी लाभ प्राप्त होता है। इसके सेवन से रोगप्रतिरोधक क्षमता का विकास होता है। भूमि आंवले के सेवन से भी लिवर को शक्ति मिलती है। टोटला क्वाथ लिवर के लिए एक लाभदायक आयुर्वेदिक दवा है। यह लिवर को स्वस्थ रखने और लिवर के कार्य को बेहतर बनाने में मदद कर सकता है।

टोटला क्वाथ में श्योनाक, अर्जुन, हरड़, बहेड़ा, नीम, हल्दी, दालचीनी, काली मिर्च और इलायची जैसे घटक होते हैं। इन सभी घटकों के लिवर के लिए औषधीय गुण होते हैं।

पाचन में सहयोगी

टोटला क्वाथ के सेवन से पाचन तंत्र का विकास होता है और पाचन सबंधी विकार यथा अजीर्ण, अपच कब्ज दूर होती है। भूमि आंवले से पेट के विकार दूर होते हैं। टोटला क्वाथ और भूमि आंवले दोनों ही पाचन में सहयोगी हैं। टोटला क्वाथ में आंवला, हरड़, बहेड़ा, दालचीनी, इलायची, तेजपत्ता, काली मिर्च और गरम मसाला आदि औषधीय जड़ी-बूटियां होती हैं। इनमें पाचन को बढ़ावा देने वाले गुण होते हैं। टोटला क्वाथ के सेवन से पाचन तंत्र मजबूत होता है और पाचन संबंधी विकार जैसे अजीर्ण, अपच, कब्ज आदि दूर होते हैं।

भूमि आंवला भी एक आयुर्वेदिक औषधि है जो पाचन में सहायक होती है। भूमि आंवला में टैनिन, फ्लेवोनॉइड्स और अन्य पोषक तत्व होते हैं जो पाचन को बढ़ावा देते हैं। भूमि आंवले के सेवन से पेट के विकार जैसे अपच, कब्ज, गैस आदि दूर होते हैं।

टोटला क्वाथ के लाभ और उपयोग Patanjali Totla Kvath Usages and Benefits

हेपेटाइटिस के रोग में लाभदायक : इसके सेवन से हेपेटाइटस रोग में भी लाभ मिलता है क्यों की इसमें श्योनाक होता है जो इस रोग में काफी लाभप्रद होता है। टोटला क्वाथ के सेवन से हेपेटाइटिस के रोग में लाभ मिलता है। टोटला क्वाथ में श्योनाक होता है, जो एक आयुर्वेदिक जड़ी-बूटी है जो हेपेटाइटिस के उपचार में उपयोगी होती है। श्योनाक में एंटीऑक्सीडेंट, एंटी-इंफ्लेमेटरी और एंटीवायरल गुण होते हैं। ये गुण हेपेटाइटिस के कारण होने वाले नुकसान को कम करने में मदद करते हैं।

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टोटला क्वाथ की सेवन विधि Totla Kwath uses/Sevan vidhi

टोटला क्वाथ एक आयुर्वेदिक औषधि है जो कई स्वास्थ्य समस्याओं के इलाज में उपयोगी है। इसका सेवन करने के लिए निम्नलिखित विधि अपनाएं:

  • 5 से 10 ग्राम टोटला क्वाथ को 400 मिलीलीटर पानी में डालें।
  • इस मिश्रण को तब तक उबालें जब तक कि यह 100 मिलीलीटर न रह जाए।
  • इस काढ़े को छान लें और इसे ठंडा होने दें।
  • इस काढ़े को दिन में दो बार सुबह खाली पेट और शाम को खाना खाने से कम से कम एक घंटा पहले लें।
दिव्य टोटला काढ़ा की सेवन विधि और मात्रा Dosage of Divya Totala Kwath in Hindi
दिव्य टोटला क्वाथ की सेवन विधि और मात्रा निम्नलिखित हैं:
सेवन विधि:

  • टोटला क्वाथ एक पाउडर के रूप में पैकेट में उपलब्ध है।
  • इस पाउडर से पानी में पका कर काढ़ा बनाया जाता है।
  • काढ़ा बनाने के लिए 5 ग्राम पाउडर को लेकर 400 ml पानी में उबालें जब तक पानी उड़ कर करीब 100 ml रह जाए।
  • आप इसे और देर तक भी पका सकते हैं जिससे पानी की मात्रा कम हो जाए और इसे लेना आसान हो जाए।
  • इसे छान लें।
सेवन मात्रा:

दिव्य टोटला क्वाथ का सेवन दिन में दो बार, सुबह नाश्ते से रात को डिनर से दो घंटा पहले करना चाहिए। प्रत्येक बार 5 ग्राम पाउडर का काढ़ा बनाकर लें।
 
सावधानियां:

दिव्य टोटला क्वाथ का सेवन करने से पहले किसी योग्य आयुर्वेदिक चिकित्सक से सलाह लेना उचित है। गर्भवती और स्तनपान कराने वाली महिलाओं को दिव्य टोटला क्वाथ का सेवन नहीं करना चाहिए। यदि किसी को दिव्य टोटला क्वाथ से कोई एलर्जी या अन्य समस्या हो तो उसे इसका सेवन नहीं करना चाहिए।
दिव्य टोटला क्वाथ का सेवन करने से पहले इन सावधानियों का ध्यान रखना चाहिए।

टोटला क्वाथ के उपयोग

टोटला क्वाथ का उपयोग निम्नलिखित स्वास्थ्य समस्याओं के इलाज में किया जा सकता है:
  • पेट की गैस और कब्ज
  • पाचन संबंधी समस्याएं
  • पीलिया
  • यकृत संबंधी समस्याएं
  • लिवर सिरोसिस
  • एनीमिया
  • थकान
  • शरीर में सूजन

दिव्य टोटला क्वाथ के फायदे Benefits of Divya Totala Kwath in Hindi

दिव्य टोटला क्वाथ एक आयुर्वेदिक औषधि है जो लीवर को स्वस्थ रखने में मदद करती है। यह पाचन को बेहतर बनाता है, कब्ज और दस्त को ठीक करता है, कफ को कम करता है, वातदोष को दूर करता है, दर्द और सूजन को कम करता है। यह पीलिया, हेपेटाइटिस और लीवर की सूजन में भी लाभकारी है।

दिव्य टोटला क्वाथ के मुख्य लाभ निम्नलिखित हैं:

  1. पाचन को बेहतर बनाता है: दिव्य टोटला क्वाथ में पाचन को बेहतर बनाने वाले गुण होते हैं। यह पाचन रसों के उत्पादन को बढ़ाता है और भोजन के पाचन को आसान बनाता है।
  2. कब्ज और दस्त को ठीक करता है: दिव्य टोटला क्वाथ में ग्राही गुण होते हैं, जो कब्ज को ठीक करने में मदद करते हैं। यह पेट की दीवारों को आराम देता है और मल त्याग को आसान बनाता है। इसके अलावा, यह दस्त को रोकने में भी मदद करता है।
  3. कफ को कम करता है: दिव्य टोटला क्वाथ में कासहर गुण होते हैं, जो कफ को कम करने में मदद करते हैं। यह कफ को पतला करता है और इसके उत्सर्जन को आसान बनाता है।
  4. वातदोष को दूर करता है: दिव्य टोटला क्वाथ में वातहर गुण होते हैं, जो वातदोष को दूर करने में मदद करते हैं। यह वात से संबंधित दर्द और सूजन को कम करता है।
  5. दर्द और सूजन को कम करता है: दिव्य टोटला क्वाथ में दर्द निवारक और सूजनरोधी गुण होते हैं। यह दर्द और सूजन को कम करने में मदद करता है।
  6. लीवर को स्वस्थ रखता है: दिव्य टोटला क्वाथ लीवर को स्वस्थ रखने में मदद करता है। यह लीवर के कार्यों को बेहतर बनाता है और लीवर को नुकसान से बचाता है।
  7. पीलिया, हेपेटाइटिस और लीवर की सूजन में लाभकारी है: दिव्य टोटला क्वाथ पीलिया, हेपेटाइटिस और लीवर की सूजन में लाभकारी है। यह लीवर के कार्यों को बेहतर बनाता है और लीवर को नुकसान से बचाता है।
  8. दिव्य टोटला क्वाथ का सेवन खाली पेट दिन में दो बार, सुबह और शाम करना चाहिए। इसे पानी या दूध के साथ लिया जा सकता है।
दिव्य टोटला क्वाथ का उपयोग करने से पहले किसी योग्य आयुर्वेदिक चिकित्सक से सलाह लेना उचित है।

टोटला क्वाथ के घटक Totala Kwath Ke Ingredients

दिव्य टोटला क्वाथ एक आयुर्वेदिक दवा है जो श्योनाक नामक पौधे की छाल से बनाई जाती है। यह एक बहुत ही बहुमुखी दवा है जिसका उपयोग कई स्वास्थ्य समस्याओं के इलाज में किया जा सकता है.
 

दिव्य टोटला क्वाथ के चिकित्सीय उपयोग Uses of Divya Totala Kwath in Hindi

दिव्य टोटला क्वाथ एक आयुर्वेदिक औषधि है जो लीवर को स्वस्थ रखने में मदद करती है। यह पाचन को बेहतर बनाता है, कब्ज और दस्त को ठीक करता है, कफ को कम करता है, वातदोष को दूर करता है, दर्द और सूजन को कम करता है। यह पीलिया, हेपेटाइटिस और लीवर की सूजन में भी लाभकारी है। दिव्य टोटला क्वाथ के चिकित्सीय उपयोग निम्नलिखित हैं:

  1. लीवर में सूजन: दिव्य टोटला क्वाथ लीवर में सूजन को कम करने में मदद करता है। यह लीवर के कार्यों को बेहतर बनाता है और लीवर को नुकसान से बचाता है।
  2. पीलिया, हेपेटाइटिस: दिव्य टोटला क्वाथ पीलिया और हेपेटाइटिस में लाभकारी है। यह लीवर के कार्यों को बेहतर बनाता है और लीवर को नुकसान से बचाता है।
  3. पित्त की अधिकता: दिव्य टोटला क्वाथ पित्त की अधिकता को कम करने में मदद करता है। यह पित्त के प्रवाह को नियंत्रित करता है और पित्त से संबंधित लक्षणों को कम करता है।
  4. कफ: दिव्य टोटला क्वाथ कफ को कम करने में मदद करता है। यह कफ को पतला करता है और इसके उत्सर्जन को आसान बनाता है।
  5. उदर रोग: दिव्य टोटला क्वाथ उदर रोगों को ठीक करने में मदद करता है। यह पाचन को बेहतर बनाता है और कब्ज, दस्त, अपच, और अन्य उदर समस्याओं को ठीक करता है।
  6. फ़ूड पोइजनिंग: दिव्य टोटला क्वाथ फ़ूड पोइज़निंग के लक्षणों को कम करने में मदद करता है। यह विषाक्त पदार्थों को शरीर से बाहर निकालता है और पाचन को बेहतर बनाता है।
  7. सूजन: दिव्य टोटला क्वाथ सूजन को कम करने में मदद करता है। यह दर्द और सूजन को कम करता है।
  8. भूख की कमी: दिव्य टोटला क्वाथ भूख की कमी को दूर करने में मदद करता है। यह पाचन को बेहतर बनाता है और भूख को बढ़ाता है।
  9. मुंह में छाले: दिव्य टोटला क्वाथ मुंह में छालों को ठीक करने में मदद करता है। यह मुंह के छालों के कारण होने वाले दर्द और सूजन को कम करता है।
  10. आमवात: दिव्य टोटला क्वाथ आमवात में लाभकारी है। यह दर्द और सूजन को कम करता है।
  11. बस्ती रोग: दिव्य टोटला क्वाथ बस्ती रोगों को ठीक करने में मदद करता है। यह मूत्राशय और गुर्दे की समस्याओं को ठीक करता है।
  12. वातव्याधि: दिव्य टोटला क्वाथ वातव्याधि में लाभकारी है। यह वात से संबंधित दर्द और सूजन को कम करता है।

श्योनाक के लाभ अनेकों

इसका वानस्पतिक नाम Oroxylum indicum (Linn.) Kurz (ओरोक्जाइलम् इण्डिकम्) होता है। यह पेड़ अनेकों आयुर्वेदक गुणों से युक्त के औषधीय पेड़ होता है। इस पेड़ के अन्य नाम हैं सोनपाठा, सोनपत्ता, टेंटू आदि। श्योनाक वैसे तो पुरे भारत में ही पाए जाते हैं लेकिन रेगिस्तानी इलाकों में सामान्यतया है नहीं पाए जाते हैं। श्योनाक उष्ण है और वात, कफ नाशक है। श्योनाक की छाल शोथहर, व्रणरोपण एवं वेदनाहर है। रस में तिक्त व उष्ण होने के कारण यह दीपन, पाचन, रोचन, ग्राही तथा कृमिघ्न है। इसकी छाल और फलियां बहुत लाभदायी होती हैं। आयुर्वेद में इसका पंचमूल लाभ लिया जाता है। श्योनाक कर्णशूल, नाशारोग, स्वांस पाचन, अतिसार और बवासीर रोगों के उपचार में प्रमुखता से उपयोग में लिया जाता है। 
 
दिव्य टोटला क्वाथ एक आयुर्वेदिक दवा है जिसमें श्योनाक (Oroxylum indicum) एक प्रमुख घटक है। हालांकि, इसमें अन्य घटक भी हैं, जिनमें शामिल हैं:
  • अर्जुन (Terminalia arjuna)
  • हरड़ (Terminalia chebula)
  • बहेड़ा (Terminalia bellirica)
  • नीम (Azadirachta indica)
  • हल्दी (Curcuma longa)
  • दालचीनी (Cinnamomum zeylanicum)
  • काली मिर्च (Piper nigrum)
  • इलायची (Elettaria cardamomum)

इन सभी घटकों के अपने-अपने औषधीय गुण हैं। श्योनाक एक कसैले और कड़वे स्वाद वाला पौधा है जिसका उपयोग आयुर्वेद में विभिन्न स्वास्थ्य समस्याओं के इलाज के लिए किया जाता है, जिसमें शामिल हैं:
  • यकृत रोग
  • पीलिया
  • खांसी
  • गठिया
दिव्य टोटला क्वाथ इन सभी समस्याओं के इलाज में मदद कर सकता है। यह यकृत को स्वस्थ रखने, पीलिया के लक्षणों को कम करने, खांसी को दूर करने और गठिया के दर्द और सूजन को कम करने में मदद कर सकता है।
 

सावधनियाँ साइड-इफेक्ट्स कब प्रयोग न करें CautionsSide effects

सावधानियाँ
  • गर्भावस्था में कोई दवा बिना डॉक्टर की सलाह के न लें।
  • इसे बच्चों की पहुँच से दूर रखें।
  • इसे बताई मात्रा से अधिकता में न लें।
साइड इफ़ेक्ट्स
  • निर्धारित मात्रा में लेने से इसका कोई ज्ञात साइड इफ़ेक्ट नहीं है।
  • यदि आप गर्भवती हैं या गर्भवती होने की योजना बना रही हैं, तो इस दवा का उपयोग करने से पहले अपने डॉक्टर से बात करें।
  • यदि आप स्तनपान करा रही हैं, तो इस दवा का उपयोग करने से पहले अपने डॉक्टर से बात करें।
  • यदि आपको इस दवा में कोई ज्ञात एलर्जी है, तो इसका उपयोग न करें।
  • यदि आपको कोई अन्य स्वास्थ्य समस्या है, तो इस दवा का उपयोग करने से पहले अपने डॉक्टर से बात करें।
 
इस दवा को ठंडी और सूखी जगह पर स्टोर करें।
इस दवा को बच्चों की पहुंच से दूर रखें।
इस दवा की एक्सपायरी डेट के बाद इसका उपयोग न करें।

हमेशा अपने डॉक्टर के निर्देशों का पालन करें।
यदि आपके कोई प्रश्न या चिंताएं हैं, तो अपने डॉक्टर से बात करें।


यदि आप किसी अन्य दवा का उपयोग कर रहे हैं, तो इस दवा का उपयोग करने से पहले अपने डॉक्टर से बात करें। कुछ दवाएं एक साथ लेने से अन्य दवाओं के प्रभाव को कम या बढ़ा सकती हैं। इस दवा को लेने से पहले, अपने डॉक्टर को बताएं कि क्या आप कोई अन्य दवाएं ले रहे हैं, जिसमें ओवर-द-काउंटर और हर्बल दवाएं शामिल हैं। इस दवा को लेने से पहले, अपने डॉक्टर को बताएं कि क्या आपको कोई स्वास्थ्य समस्या है, जैसे कि यकृत या गुर्दे की समस्या। इस दवा को लेने से पहले, अपने डॉक्टर को बताएं कि क्या आप किसी भी खाद्य पदार्थ या रसायन से एलर्जी हैं। यह दवा आमतौर पर सुरक्षित और प्रभावी होती है। हालांकि, कुछ लोगों में साइड इफेक्ट हो सकते हैं। यदि आप किसी भी साइड इफेक्ट का अनुभव करते हैं, तो अपने डॉक्टर से बात करें।

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Saroj Jangir Author Author - Saroj Jangir

दैनिक रोचक विषयों पर में 20 वर्षों के अनुभव के साथ, मैं इस ब्लॉग पर रोचक और ज्ञानवर्धक जानकारियों और टिप्स यथा आयुर्वेद, हेल्थ, स्वास्थ्य टिप्स, पतंजलि आयुर्वेद, झंडू, डाबर, बैद्यनाथ, स्किन केयर आदि ओषधियों पर लेख लिखती हूँ, मेरे इस ब्लॉग पर। मेरे लेखों का उद्देश्य सामान्य जानकारियों को पाठकों तक पहुंचाना है। मैंने अपने करियर में कई विषयों पर गहन शोध और लेखन किया है, जिनमें जीवन शैली और सकारात्मक सोच के साथ वास्तु भी शामिल है....अधिक पढ़ें

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3 टिप्पणियां

  1. बहुत अच्छी खबर है।
  2. Very good info.
  3. Very good news