बहेड़ा चूर्ण के उपयोग एंव लाभ Baheda Churna Ke Fayde Upyog

बहेड़ा चूर्ण के उपयोग एंव लाभ Usages and Benefits of Bheda Churna पतंजलि बहेड़ा चूर्ण के उपयोग कर लाभ, बहेड़ा के फायदे

बहेड़ा के बारे में : बहेड़ा (भरड़ ) चूर्ण बहेड़ा (विभीतकी) वृक्ष के फल (बीज को छोड़कर, बहेड़ा के गूदे और छिलके को पीस कर) जिसे बहेड़ा ही बोला जाता है से तैयार किया जाता है। बहेड़ा आयुर्वेदिक गुणों से भरपूर औषधीय फल है। बहेड़ा का उपयोग त्रिफला चूर्ण में भी किया जाता है। बहेड़ा का वानस्पतिक नाम (terminalia bellerica) है और इसे कई अन्य नामों से भी जाना जाता है जैसे हल्ला, बहेड़ा, फिनास, भैरा, बहेर। संस्कृत में इसे विभीतकी के नाम से पहचाना जाता है। 
 
बहेड़ा चूर्ण के उपयोग एंव लाभ Baheda Churna Ke Fayde Upyog
बहेड़ा रस में मधुर, कषैला, गुण में हल्का, खुश्क, प्रकृति में गर्म, विपाक में मधुर, त्रिदोषनाशक, उत्तेजक, धातुवर्द्धक, पोषक, रक्तस्तम्भक, दर्द को नष्ट करने वाला होता है। बहेड़ा विरेचक (Laxative) भी होता है। यह आमाशय को शक्ति देता है। आमाशय को ताकत देने वाली कोई भी दूसरी औषधि इससे बढ़कर नहीं है। इसका आधा पका फल रेशेदार और पाचक होता है। बहेड़ा बालों के लिए लाभकारी तथा मज्जा मदकारी होती है। बहेड़ा विटामिन A से भरपूर होता है। 

बहेड़ा के पेड़ : बहेड़ा का पेड़ ऊँचा, लम्बा और फैलाव लिए होता है। बहेड़ा के पेड़ ऊंचाई वाले स्थानों पर प्रमुखता से पाए जाते हैं। भारत में हिमालय के क्षेत्रों के इस पेड़ की भरमार होती है। बहेड़ा के पेड़ अठारह से तीस मीटर तक की ऊंचाई लिए हो सकते हैं। इसके पत्तों से इसकी पहचान की जाय तो इसके पत्ते बरगद के

पेड़ के पत्तों के समान प्रतीत होते हैं। इस वृक्ष के जो फल लगता है उसे ही बहेड़ा कहा जाता है जो गोल अंडे के जैसा होता है। इस वृक्ष के फल और छाल का उपयोग प्रधानता से किया जाता है। माना जाता है की बहेड़ा पेड़ की छायां भी लाभदायी होती है। 
 
बहेड़ा के आयुर्वेदिक लाभ : बहेड़ा का उपयोग कई प्रकार की आयुर्वेदिक ओषधियों के निर्माण में किया जाता है। बहेड़ा का मुख्यतया उपयोग पाचन से सबंधित विकारों के इलाज के लिए होता है। यह कब्ज दूर करता है और पाचक रस बढ़ाता है। यह वात और कफ को संतुलित करता है और कृमिनाशक, पोषक, विरेचक और स्तम्भक होता है। 
 
अम्ल कटु तिक्त रसं,
स्निग्धं मधुरं कषायं
श्लेष्मा पित्त श्वास शोथ,
वात शोष क्षय निवारकम्

बहेड़ा का रस खट्टा, कड़वा, तिक्त, स्निग्ध, मधुर और कषाय होता है। यह श्लेष्मा, पित्त, श्वास, शोथ, वात और क्षय को दूर करता है।

त्रिदोष निवारकं,
वात पित्त कफ शोष,
कफ रोग प्रशमनं,
त्रिफला में प्रशंसितम्

बहेड़ा त्रिदोष नाशक है। यह वात, पित्त और कफ को दूर करता है। यह कफ रोगों को दूर करता है। यह त्रिफला का एक महत्वपूर्ण घटक है।

रक्तपित्त नाशकं,
हृदय रोग निवारकम्,
स्निग्ध बलवर्धकं,
वात पित्त शोष नाशकम्

बहेड़ा रक्तपित्त को दूर करता है। यह हृदय रोगों को दूर करता है। यह स्निग्ध और बलवर्धक है। यह वात और पित्त को दूर करता है। बहेड़ा एक उत्तम रसायन है। यह शरीर को स्वस्थ और मजबूत रखता है। यह कई बीमारियों को दूर करता है और दीर्घायु प्रदान करता है।

बहेड़ा चूर्ण के उपयोग एंव लाभ Usages and Benefits of Bheda Churna पतंजलि बहेड़ा चूर्ण के उपयोग कर लाभ, बहेड़ा के लाभ

बहेड़ा कब्ज दूर करता है और पाचक रस स्त्रावित करता है। यह गैस एसिडिटी, अजीर्ण, खट्टी डकारों को भी शांत करता है। बहेड़ा के उपयोग से आतों की सूजन भी दूर होती है। इनके अलावा बहेड़ा के सेवन से हाथ पैरों की जलन शांत होती है, आखों की रोशनी में सुधार होता है, दमा और गुर्दे के रोगों में लाभदायक, खांसी दस्त, पेशाब की जलन, शारीरिक सूजन को कम करता है। भरड में कई तरह के जैविक योगिक होते हैं जैसे की ग्‍लूकोसाइड, टैनिन, गैलिक एसिड, इथाइल गैलेट आदि जो की बहुत लाभदायी होते हैं।

बहेड़ा चूर्ण के लाभ : Benefits of Baheda Churna

बहेड़ा चूर्ण को कई प्रकार से सेवन किया जा सकता है जिससे विभिन्न विकारों में लाभ प्राप्त होता है।
  • बहेड़ा चूर्ण के सेवन से नेत्र ज्योति में सुधार होता है। 
  • बहेड़ा चूर्ण को पानी में मिलाकर इसका लेप शरीर पर लगाने से हाथ पैरों की जलन शांत होती है। 
  • इसके सेवन से कफ और पित्त संतुलित होते हैं। 
  • बहेड़ा चूर्ण को शक़्कर में मिला कर सेवन करने से लार की समस्या दूर होती है। 
  • इसके चूर्ण की नियमित सेवन करने से कामशक्ति का विकास होता है और स्तम्भन शक्ति भी बढ़ती है। 
  • रात को सोने से पहले बहेड़ा का चूर्ण गुनगुने पानी के साथ लेने से कब्ज दूर होता है। 
  • स्वसन रोगों में भी बहेड़ा लाभदायी होता है। 
  • बहेड़ा का सेवन शहद के साथ करने पर पीलिया रोग में सुधार होता है। 
  • बहेड़ा के बीजों को पीस कर लगाने से सूजन कम होती है। 
  • बहेड़ा के सेवन से कफ जनित विकार दूर होते हैं। 
  • त्वचा रोग जैसे त्वचा संक्रमण,  हाथ पैरों में जलन, सूजन में भी भरड़ चूर्ण का लाभ मिलता है। 
  • सुखी खांसी के दौरान बहेड़ा के सेवन से सुधार होता है। 
  • बहेड़ा के सेवन से मानसिक शक्ति का विकास होता है। 
  • गले के विकारों में भी बहेड़ा के सेवन से लाभ मिलता है। स्वर यन्त्र की जलन को दूर करता है। 
  • भोजन के उपरांत बहेड़ा चूर्ण के सेवन से पाचन की गति बढ़ जाती है। 
  • बहेड़ा की छाल को चूंसने से खांसी दूर होती है। 
  • बहेड़ा का अन्य ओषधियों के सहयोग से सेवन करने पर दमा में लाभ मिलता है। 
  • बहेड़ा के सेवन से रक्त शुद्धि में लाभ मिलता है। 
  • बहेड़े के चूर्ण को रात में पानी में भिगोकर सुबह बालों में लगाने से बाल झड़ना बंद होते हैं और रुसी भी दूर होती है। 
  • बहेड़ा पेड़ की छाल का क्वाथ पीने से कुष्ठ रोग में सुधार होता है। 
  • बहेड़ा चूर्ण को अरंडी के तेल में गर्म करके उसे बंद गाठ पर लगाने से सुधार प्राप्त होता है।

बहेड़ा चूर्ण कहाँ से खरीदें : बहेड़ा चूर्ण को पतंजलि स्टोर्स से ख़रीदा जा सकता है। इसके बारे में अधिक जानकारी प्राप्त करने और ऑनलाइन क्रय करने के लिए पतंजलि आयुर्वेदा की ऑफिसियल वेबसाइट पर विजिट करें जिसका  लिंक निचे दिया जा रहा है।

Baheda Churna is made from the extracts of baheda which has multifarious benefits. It cures cough, congestion, laryngitis. It also cures stomach ailments and improves vision. Baheda is a natural source of vitamins which cures your cold infections and strengthens vision. It also purges your stomach thus controlling indigestion and constipation. Take BahedaChurna for immediate relief from long-lingering cold and throat ache. Experience the goodness of Ayurvedic cure with Baheda Churna.

बहेड़ा के विषय में विस्तार से जानकारी

बहेड़ा एक पतझड़ वाला वृक्ष है, जिसका वानस्पतिक नाम Terminalia bellirica है। यह भारत, पाकिस्तान, बांग्लादेश और श्रीलंका में पाया जाता है। यह एक अत्यंत उपयोगी फल है, जिसका उपयोग आयुर्वेदिक दवाओं में किया जाता है।

बहेड़ा के औषधीय गुण

बहेड़ा में विटामिन सी, पोटेशियम, कैल्शियम और आयरन जैसे कई पोषक तत्व होते हैं। इसके अलावा, इसमें कई प्रकार के एंटीऑक्सीडेंट भी होते हैं। बहेड़ा के औषधीय गुण निम्नलिखित हैं:
  • कब्ज को दूर करने में मदद करता है: बहेड़ा एक प्राकृतिक रेचक है। यह पेट में पानी को अवशोषित करके और मल को नरम करके कब्ज को दूर करने में मदद करता है।
  • पाचन में सुधार करता है: बहेड़ा पाचन तंत्र को स्वस्थ रखने में मदद करता है। यह पाचन रसों के उत्पादन को बढ़ाता है और पाचन क्रिया को सुचारू करता है।
  • भूख बढ़ाता है: बहेड़ा भूख को बढ़ाने में मदद करता है। यह पाचन तंत्र को मजबूत करके और भोजन के अवशोषण को बढ़ाकर भूख को बढ़ाता है।
  • रक्त को शुद्ध करता है: बहेड़ा रक्त को शुद्ध करने में मदद करता है। यह रक्त में विषाक्त पदार्थों को बाहर निकालकर और रक्त को शुद्ध करके शरीर को स्वस्थ रखता है।
  • शरीर की प्रतिरक्षा प्रणाली को मजबूत करता है: बहेड़ा शरीर की प्रतिरक्षा प्रणाली को मजबूत करने में मदद करता है। यह एंटीऑक्सीडेंट के उत्पादन को बढ़ाकर और शरीर को संक्रमण से लड़ने में मदद करता है।
  • त्वचा और बालों के लिए फायदेमंद है: बहेड़ा त्वचा और बालों के लिए फायदेमंद है। यह त्वचा को चमकदार और स्वस्थ बनाता है और बालों को झड़ने से रोकता है।
  • सर्दी-खांसी और बुखार को दूर करता है: बहेड़ा सर्दी-खांसी और बुखार को दूर करने में मदद करता है। यह कफ को निकालता है और सर्दी-खांसी से राहत देता है।

बहेड़ा का उपयोग कैसे करें

बहेड़ा को कई तरह से सेवन किया जा सकता है। इसे कच्चा खाया जा सकता है, इसका चूर्ण बनाया जा सकता है, या इसे चाय या काढ़े के रूप में लिया जा सकता है।

कच्चा बहेड़ा

कच्चा बहेड़ा खाने से कब्ज और पाचन समस्याओं से राहत मिलती है। इसे छोटे-छोटे टुकड़ों में काटकर या काटकर खाया जा सकता है।

बहेड़ा का चूर्ण

बहेड़ा का चूर्ण कई तरह के रोगों के इलाज के लिए उपयोग किया जाता है। इसे दूध, पानी या अन्य पेय पदार्थों में मिलाकर लिया जा सकता है। बहेड़ा एक औषधीय पौधा है, जिसका वानस्पतिक नाम एम्बेलिका ऑफिसिनैलिस (Emblica officinalis) है। इसे अंग्रेजी में एम्बेलिक (Amla) या इंडियन गूसबेरी (Indian gooseberry) कहा जाता है। बहेड़ा के फल, पत्ते, छाल और जड़ सभी औषधीय गुणों से भरपूर होते हैं।

बहेड़ा का चूर्ण कई बीमारियों के इलाज में फायदेमंद होता है। यह पाचन, श्वसन, हृदय, त्वचा, बालों और आंखों के स्वास्थ्य के लिए अच्छा होता है। बहेड़ा का चूर्ण कब्ज, अपच, दस्त, पेट फूलना, गैस, पेट दर्द, पेट में कीड़े, अस्थमा, खांसी, सर्दी, जुकाम, बुखार, हृदय रोग, उच्च रक्तचाप, मधुमेह, त्वचा रोग, बालों का झड़ना, आंखों की कमजोरी आदि में उपयोग किया जाता है। बहेड़ा का चूर्ण बनाने के लिए, बहेड़ा के फलों को अच्छी तरह से धो लें। फिर, उन्हें छाया में सुखा लें। सूख जाने के बाद, उन्हें पीसकर चूर्ण बना लें। बहेड़ा का चूर्ण का उपयोग करने के लिए, इसे पानी, दूध, दही या शहद के साथ मिलाकर सेवन किया जा सकता है। इसका सेवन दिन में एक या दो बार किया जा सकता है।

बहेड़ा की चाय
बहेड़ा की चाय सर्दी-खांसी और बुखार को दूर करने के लिए एक प्रभावी उपाय है। इसे बनाने के लिए, 1 चम्मच बहेड़ा चूर्ण को 2 कप पानी में उबाल लें। फिर इसे छानकर पी लें।

बहेड़ा का काढ़ा
बहेड़ा का काढ़ा पाचन समस्याओं और त्वचा रोगों के इलाज के लिए उपयोग किया जाता है। इसे बनाने के लिए, 1 चम्मच बहेड़ा चूर्ण को 1 कप पानी में उबाल लें। फिर इसे छानकर पी लें।

बहेड़ा का उपयोग सावधानी से करें
बहेड़ा का उपयोग करते समय कुछ बातों का ध्यान रखना चाहिए:
  • गर्भवती महिलाओं और स्तनपान कराने वाली महिलाओं को बहेड़ा का उपयोग करने से पहले डॉक्टर से सलाह लेनी चाहिए।
  • बहेड़ा का उपयोग सीमित मात्रा में करें। अधिक मात्रा में बहेड़ा का उपयोग करने से मतली, उल्टी और दस्त जैसी समस्याएं हो सकती हैं।
बहेड़ा एक बहुत ही उपयोगी फल है। यह कई स्वास्थ्य समस्याओं के इलाज में मदद करता है। हालांकि, इसका उपयोग करते समय सावधानी बरतनी चाहिए। 
 
बहेड़ा एक आयुर्वेदिक जड़ी बूटी है जिसका उपयोग कई तरह की स्वास्थ्य समस्याओं के इलाज के लिए किया जाता है। यह एक कसैले स्वाद वाली फल है जिसे आमतौर पर चूर्ण या काढ़े के रूप में लिया जाता है।


बहेड़ा के उपयोग व फायदे

गले के रोगों में लाभकारी

बहेड़ा में कसैले गुण होते हैं जो गले की खराश, टॉन्सिलिटिस और अल्सर जैसी समस्याओं में राहत दिलाते हैं। इसे थोड़े से घी में पकाकर खाने से या इसके छिलके का काढ़ा बनाकर पीने से गले के रोगों में लाभ मिलता है।

आंखों की रोशनी बढ़ाने में मददगार

बहेड़ा में विटामिन सी और एंटीऑक्सीडेंट होते हैं जो आंखों की रोशनी बढ़ाने में मदद करते हैं। इसके छिलके और मिश्री के साथ काढ़ा बनाकर पीने से आंखों की रोशनी बढ़ जाती है।

त्वचा और बालों के लिए लाभकारी

बहेड़ा में एंटीसेप्टिक और एंटी-इंफ्लेमेटरी गुण होते हैं जो त्वचा और बालों के स्वास्थ्य के लिए फायदेमंद होते हैं। इसे बालों की जड़ों पर लगाने से बालों का झड़ना कम होता है और बालों को मजबूती मिलती है।

पाचन तंत्र के लिए लाभकारी

बहेड़ा में पाचक गुण होते हैं जो पाचन क्रिया को बेहतर बनाने में मदद करते हैं। इसे चूर्ण या काढ़े के रूप में लेने से कब्ज, अपच और गैस जैसी समस्याओं में राहत मिलती है।

कफ और खांसी में लाभकारी

बहेड़ा में कफनाशक गुण होते हैं जो कफ और खांसी को दूर करने में मदद करते हैं। इसके पत्तों और चीनी के साथ काढ़ा बनाकर पीने से कफ से निजात मिलती है। छाल का टुकड़ा मुंह में रखकर चूसने से भी खांसी और बलगम से छुटकारा मिलता है।

 पेट की समस्याएं: बहेड़ा पाचन तंत्र को मजबूत करने में मदद करता है। यह कब्ज, दस्त, अपच और गैस जैसी समस्याओं से राहत दिला सकता है।
श्वसन संबंधी समस्याएं: बहेड़ा कफ को कम करने और सांस लेने में आसानी लाने में मदद करता है। यह खांसी, सर्दी, जुकाम और ब्रोंकाइटिस जैसी समस्याओं के इलाज के लिए उपयोगी है।
मधुमेह: बहेड़ा रक्त में शर्करा के स्तर को नियंत्रित करने में मदद कर सकता है। यह डायबिटीज के रोगियों के लिए एक अच्छा उपचार है।
आंखों की समस्याएं: बहेड़ा आंखों की रोशनी में सुधार करने में मदद कर सकता है। यह मोतियाबिंद और रतौंधी जैसी समस्याओं के इलाज के लिए उपयोगी है।
त्वचा की समस्याएं: बहेड़ा त्वचा को स्वस्थ और चमकदार बनाए रखने में मदद करता है। यह मुँहासे, मुंहासे और अन्य त्वचा की समस्याओं के इलाज के लिए उपयोगी है।

बहेड़े के फायदे

पाचन में सुधार: बहेड़ा पाचन तंत्र को मजबूत करने में मदद करता है। यह कब्ज, दस्त, अपच और गैस जैसी समस्याओं से राहत दिला सकता है।
श्वसन संबंधी समस्याओं में राहत: बहेड़ा कफ को कम करने और सांस लेने में आसानी लाने में मदद करता है। यह खांसी, सर्दी, जुकाम और ब्रोंकाइटिस जैसी समस्याओं के इलाज के लिए उपयोगी है।
मधुमेह को नियंत्रित करने में मदद: बहेड़ा रक्त में शर्करा के स्तर को नियंत्रित करने में मदद कर सकता है। यह डायबिटीज के रोगियों के लिए एक अच्छा उपचार है।
आंखों की रोशनी में सुधार: बहेड़ा आंखों की रोशनी में सुधार करने में मदद कर सकता है। यह मोतियाबिंद और रतौंधी जैसी समस्याओं के इलाज के लिए उपयोगी है।
त्वचा को स्वस्थ रखने में मदद: बहेड़ा त्वचा को स्वस्थ और चमकदार बनाए रखने में मदद करता है। यह मुँहासे, मुंहासे और अन्य त्वचा की समस्याओं के इलाज के लिए उपयोगी है।

बहेड़ा का उपयोग कैसे करें?

बहेड़ा का उपयोग करने के कई तरीके हैं। इसे चूर्ण, काढ़ा, अर्क या टैबलेट के रूप में लिया जा सकता है। चूर्ण के रूप में उपयोग करने के लिए, एक चम्मच बहेड़ा चूर्ण को एक गिलास पानी में मिलाकर दिन में दो बार लें। काढ़ा बनाने के लिए, एक चम्मच बहेड़ा चूर्ण को एक कप पानी में उबाल लें। छानकर पी लें। अर्क के रूप में उपयोग करने के लिए, एक चम्मच बहेड़ा अर्क को एक गिलास पानी में मिलाकर दिन में दो बार लें। टैबलेट के रूप में उपयोग करने के लिए, डॉक्टर द्वारा निर्देशित अनुसार लें।

बहेड़ा के नुकसान

बहेड़ा का सेवन करने से कुछ लोगों को दस्त, पेट में ऐंठन और मतली जैसी समस्याएं हो सकती हैं। बहेड़ा का अधिक मात्रा में सेवन करने से भी नुकसान हो सकता है। इसलिए, बहेड़ा का सेवन करने से पहले डॉक्टर से सलाह लेना उचित है।

बहेड़ा के अन्य उपयोग

बहेड़ा का उपयोग कई अन्य तरह के स्वास्थ्य समस्याओं के इलाज के लिए भी किया जाता है, जिनमें शामिल हैं:
  • पीलिया
  • मधुमेह
  • उच्च रक्तचाप
  • गठिया
  • अस्थमा
  • हृदय रोग
बहेड़ा एक सुरक्षित और प्रभावी आयुर्वेदिक जड़ी बूटी है जिसका उपयोग कई तरह की स्वास्थ्य समस्याओं के इलाज के लिए किया जा सकता है। हालांकि, बहेड़ा का सेवन करने से पहले डॉक्टर से सलाह लेना उचित है।

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The author of this blog, Saroj Jangir (Admin), is a distinguished expert in the field of Ayurvedic Granths. She has a diploma in Naturopathy and Yogic Sciences. This blog post, penned by me, shares insights based on ancient Ayurvedic texts such as Charak Samhita, Bhav Prakash Nighantu, and Ras Tantra Sar Samhita. Drawing from an in-depth study and knowledge of these scriptures, Saroj Jangir has presented Ayurvedic Knowledge and lifestyle recommendations in a simple and effective manner. Her aim is to guide readers towards a healthy life and to highlight the significance of natural remedies in Ayurveda.
 
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