निर्गुण्डी (Vitex Negundo) के लाभ, निर्गुण्डी किन रोगों में लाभदायी होती है Benefits of Nirgundi Patanjali Nirgundi Kvath Benefits
निर्गुन्डी : निर्गुन्डी एक आयुर्वेदिक हर्ब है। औषधीय गुणों से भरपूर यह हर्ब एक झाडी होती है। संस्कृत में इसे सिंदुवार के नाम जाना जाता है। मुख्यतय निर्गुन्डी गर्म और उष्ण इलाकों में पायी जाती है। राजस्थान में भी यह बहुतयात से होती है। यह खेतों की मेड, खाली खेतों में उगती है। निर्गुन्डी हिमालय की तराई में भी बहुतयात से उगती है। निर्गुन्डी सफ़ेद, नीली और काले रंग के फूलों वाली होती है जिसकी कई प्रजातियां भी होती हैं। नीले पुष्पों वाली निर्गुन्डी को श्रेष्ठ औषधीय गुणों वाली माना जाता है। परम्परागत रूप से इसका उपयोग किया जाता रहा है। जोड़ो के दर्द के लिए इसका उपयोग गाँवों में होता आया है। यह कफ और वात को शांत करने के अलावा एंटी इंफ्लामेंटरी होती है। यह मूत्र वर्धक होती है। बुखार, खुजली , शूल, सूजन, आंव, वायु, पेट के कीड़े नष्ट करने, कोढ़, अरुचि व ज्वर में लाभदायी होती है। यह दर्द निवारक दवा के रूप में उपयोग होती है।
निर्गुण्डी (Vitex Negundo) के लाभ, निर्गुण्डी किन रोगों में लाभदायी होती है Benefits of Nirgundi Patanjali Nirgundi Kvath Benefits
निर्गुन्डी के गुण धर्म : निर्गुन्डी वात, कफ नाशक होती है और सूजन को कम करती है। यह पाचन वर्धक, यकृतउत्तेजक और कृमि नाशक होती है। इसकी तासीर गर्म होती है इसलिए महिलाओं के मासिक धर्म में उपयोग की जाती है। साइटिका, मूत्राघात में इसका उपयोग किया जाता है।निर्गुन्डी की तासीर
निर्गुन्डी की तासीर गर्म होती है।
निर्गुन्डी का सेवन कितनी मात्रा में और कैसे करे : इसके लिए आप पूर्ण रूप से आयुर्वेदाचार्य / डॉक्टर की सलाह लेवे क्योंकि प्रत्येक रोग में निर्गुन्डी की मात्रा और अन्य दवा के मेल के बारे में आपको डॉक्टर सलाह दे सकता है।
भूख को बढ़ावा देती है: निर्गुंडी में अमीनो एसिड और विटामिन होते हैं जो भूख को बढ़ावा देने में मदद करते हैं। इससे भोजन को ठीक से पचने में मदद मिलती है।
कृमिनाशक है: निर्गुंडी एक कृमिनाशक के रूप में कार्य करती है, जो आंतों में कीड़ों को मारने में मदद करती है। इससे पाचन तंत्र को स्वस्थ रखने में मदद मिलती है।
एंटी-इंफ्लेमेटरी है: निर्गुंडी में एंटी-इंफ्लेमेटरी गुण होते हैं, जो सूजन को कम करने में मदद करते हैं। इससे पाचन तंत्र में होने वाली सूजन को कम करने में मदद मिलती है।
निर्गुंडी का रस पाचन में सुधार के लिए एक प्रभावी उपाय है। इसके लिए, 10 निर्गुंडी के पत्तों का रस निकालें और उसमें दो दाने काली मिर्च और एक चम्मच अजवायन का चूर्ण मिलाएं। इस मिश्रण को सुबह और शाम एक चम्मच सेवन करें। निर्गुंडी के पत्तों का काढ़ा भी पाचन में सुधार के लिए उपयोग किया जा सकता है। इसके लिए, 10 निर्गुंडी के पत्तों को 2 कप पानी में उबालें। जब पानी आधा रह जाए, तो इसे छान लें और सुबह और शाम एक कप पिएं।
निर्गुन्डी का सेवन कितनी मात्रा में और कैसे करे : इसके लिए आप पूर्ण रूप से आयुर्वेदाचार्य / डॉक्टर की सलाह लेवे क्योंकि प्रत्येक रोग में निर्गुन्डी की मात्रा और अन्य दवा के मेल के बारे में आपको डॉक्टर सलाह दे सकता है।
निर्गुन्डी के लाभ /फायदे
- इसके सेवन से वात जनित रोग शांत होते हैं। गठिया और कटी शूल, साइटिका में निर्गुन्डी का श्रेष्ठ लाभ प्राप्त होता है।
- समस्त वात व्याधियों के लिए यह एक श्रेष्ठ दवा है जो दर्द नाशक होती है।
- निर्गुन्डी कफ और वात को नष्ट करती है और दर्द को दूर करती है।
- यह सूजन कम करती है और एंटी बेक्टेरियल होती है।
- निर्गुन्डी सर दर्द को दूर करती है और नसों से वात को दूर करती है।
- गले का दर्द और मुंह के छालों में निर्गुन्डी के सकारात्मक लाभ होते हैं।
- निर्गुन्डी के सेवन से पाचन बढ़ता है और पेट के अंदर जमा गैस दूर होती है।
- निर्गुण्डी पत्तों के स्वरस में पकाए तेल को 1 – 2 बूंद कान में डालने से तथा कान के अन्य विकार दूर होते हैं।
- निर्गुन्डी को शिलाजीत के साथ सेवन करने से छोटे मोटे रोग दूर होते हैं।
- निर्गुण्डी पत्तों के स्वरस में 2 दाने काली मिर्च और अजवायन चूर्ण मिलाकर सुबह-शाम सेवन करने से पाचन विकार दूर होते हैं और गैस की समस्या दूरहोती है।
- निर्गुन्डी के पत्तों से बने तेल को बालो में लगाने से बाल मजबूत बनते हैं और बालों का गिरना और रुसी समाप्त हो जाती है।
- निर्गुन्डी के पत्तों के तेल को जोड़ों पर लगाने से गठिया रोग में आराम प्राप्त होता है।
- निर्गुन्डी के पत्तों को पीस कर इसका लेप हाथ पैरों पर लगाने से हाथ पैरों की जलन शांत होती है।
- निर्गुन्डी की चाय पिने से स्वसन विकार दूर होते हैं।
- निर्गुन्डी का काढ़ा पिने से बुखार और सर दर्द में आराम मिलता है।
- निर्गुन्डी के पत्तों को पीस कर इसका लेप सूजन और मोच पर लगाने से आराम मिलता है।
- निर्गुन्डी क्वाथ के सेवन से भूख बढ़ती है, पाचन में सुधार होता है और यह कृमि नाशक का काम भी करती है।
- खांसी, निमोनिया और दमा में भी निर्गुन्डी क्वाथ के सकारात्मक प्रभाव होते हैं।
- निर्गुन्डी के पत्तों के तेल या इसके ताजे पत्तों को पीस कर इसका लेप घाव पर लगाने से घाव जल्दी भर जाता है।
- निर्गुन्डी के पत्तों के पेस्ट को माथे पर लगाने से माइग्रेन और पुराने सरदर्द में आराम मिलता है।
- निर्गुन्डी के पत्तों के रस का सेवन करने से हृदय की सूजन दूर होती है।
पाचन में सुधार
निर्गुंडी का उपयोग पाचन में सुधार के लिए किया जा सकता है। निर्गुंडी में निम्नलिखित गुण होते हैं जो पाचन को बेहतर बनाने में मदद करते हैं:भूख को बढ़ावा देती है: निर्गुंडी में अमीनो एसिड और विटामिन होते हैं जो भूख को बढ़ावा देने में मदद करते हैं। इससे भोजन को ठीक से पचने में मदद मिलती है।
कृमिनाशक है: निर्गुंडी एक कृमिनाशक के रूप में कार्य करती है, जो आंतों में कीड़ों को मारने में मदद करती है। इससे पाचन तंत्र को स्वस्थ रखने में मदद मिलती है।
एंटी-इंफ्लेमेटरी है: निर्गुंडी में एंटी-इंफ्लेमेटरी गुण होते हैं, जो सूजन को कम करने में मदद करते हैं। इससे पाचन तंत्र में होने वाली सूजन को कम करने में मदद मिलती है।
निर्गुंडी का रस पाचन में सुधार के लिए एक प्रभावी उपाय है। इसके लिए, 10 निर्गुंडी के पत्तों का रस निकालें और उसमें दो दाने काली मिर्च और एक चम्मच अजवायन का चूर्ण मिलाएं। इस मिश्रण को सुबह और शाम एक चम्मच सेवन करें। निर्गुंडी के पत्तों का काढ़ा भी पाचन में सुधार के लिए उपयोग किया जा सकता है। इसके लिए, 10 निर्गुंडी के पत्तों को 2 कप पानी में उबालें। जब पानी आधा रह जाए, तो इसे छान लें और सुबह और शाम एक कप पिएं।
गठिया के उपचार में लाभकारी है निर्गुन्डी
निर्गुंडी का उपयोग गठिया के उपचार में किया जा सकता है। निर्गुंडी में निम्नलिखित गुण होते हैं जो गठिया के लक्षणों को कम करने में मदद करते हैं:कसैलापन: निर्गुंडी में कसैलापन होता है, जो सूजन को कम करने में मदद करता है।
एंटी-इंफ्लेमेटरी है: निर्गुंडी में एंटी-इंफ्लेमेटरी गुण होते हैं, जो सूजन को कम करने में मदद करते हैं।
दर्द निवारक है: निर्गुंडी में दर्द निवारक गुण होते हैं, जो दर्द को कम करने में मदद करते हैं।
निर्गुंडी के पत्तों से निकाले हुए तेल की मालिश गठिया के दर्द और सूजन को कम करने में मदद कर सकती है। इसके लिए, निर्गुंडी के पत्तों को पीसकर तेल निकाल लें। इस तेल को प्रभावित क्षेत्र पर हल्की मालिश करें।
निर्गुंडी के पत्तों का काढ़ा भी गठिया के दर्द और सूजन को कम करने में मदद कर सकता है। इसके लिए, 10 निर्गुंडी के पत्तों को 2 कप पानी में उबालें। जब पानी आधा रह जाए, तो इसे छान लें और सुबह और शाम एक कप पिएं।
त्वचा को चमकदार बनाने के लिए निर्गुन्डी के फायदे
निर्गुंडी का उपयोग त्वचा को चमकदार बनाने के लिए किया जा सकता है। निर्गुंडी में निम्नलिखित गुण होते हैं जो त्वचा को चमकदार बनाने में मदद करते हैं:एंटीऑक्सीडेंट है: निर्गुंडी एक शक्तिशाली एंटीऑक्सीडेंट है, जो त्वचा को मुक्त कणों से होने वाले नुकसान से बचाने में मदद करता है। इससे त्वचा में झुर्रियां, महीन रेखाएं और अन्य उम्र बढ़ने के लक्षण कम हो सकते हैं।
त्वचा को मॉइस्चराइज़ करती है: निर्गुंडी में मॉइस्चराइज़िंग गुण होते हैं, जो त्वचा को हाइड्रेटेड रखने में मदद करते हैं। इससे त्वचा को रूखा और बेजान होने से बचाया जा सकता है।
त्वचा को साफ करती है: निर्गुंडी में एंटी-बैक्टीरियल और एंटी-फंगल गुण होते हैं, जो त्वचा को साफ और स्वस्थ रखने में मदद करते हैं। इससे मुंहासे, पिंपल्स और अन्य त्वचा की समस्याओं को कम किया जा सकता है।
बालों के लिए निर्गुन्डी के फायदे
निर्गुंडी बालों के लिए एक बहुत ही फायदेमंद जड़ी-बूटी है। यह बालों को झड़ने से रोकने, बालों का विकास बढ़ाने और बालों को सफेद होने से रोकने में मदद करती है। निर्गुंडी में एंटी-ऑक्सीडेंट, एंटी-डैंड्रफ और एंटी-बैक्टीरियल गुण होते हैं जो बालों के स्वास्थ्य के लिए फायदेमंद होते हैं। ये गुण बालों को झड़ने से रोकने, बालों की जड़ों को मजबूत बनाने और बालों को स्वस्थ रखने में मदद करते हैं।
निर्गुंडी के पत्तों से बने तेल को बालों के लिए टॉनिक के रूप में इस्तेमाल किया जा सकता है। यह तेल बालों को झड़ने से रोकने, बालों का विकास बढ़ाने और बालों को सफेद होने से रोकने में मदद करता है।
खांसी के उपचार में निर्गुन्डी के फायदे/लाभ
निर्गुंडी खांसी के उपचार में एक बहुत ही प्रभावी जड़ी-बूटी है। यह खांसी को कम करने, कफ को दूर करने और श्वसन को सुचारू बनाने में मदद करती है। निर्गुंडी में एंटी-वायरल, एंटी-बैक्टीरियल और एंटी-इंफ्लेमेटरी गुण होते हैं जो खांसी के कारण होने वाले संक्रमण को रोकने और खत्म करने में मदद करते हैं। ये गुण कफ को भी पतला करने और इसे बाहर निकालने में मदद करते हैं।
निर्गुंडी के पत्तों के रस का सेवन खांसी के उपचार में सबसे प्रभावी तरीका है। इसके लिए, निर्गुंडी के ताजे पत्तों को पीसकर या मिक्सर में डालकर उनका रस निकाल लें। इस रस को शहद के साथ मिलाकर दिन में तीन बार लें। निर्गुंडी के पत्तों से बना काढ़ा भी खांसी के लिए एक अच्छा उपाय है। इसके लिए, निर्गुंडी के पत्तों को पानी में उबाल लें। जब पानी आधा हो जाए तो इसे छान लें और इसमें शहद मिलाकर पिएं।
घाव भरने में गुणकारी है निर्गुन्डी
निर्गुंडी घाव भरने के लिए एक बहुत ही प्रभावी जड़ी-बूटी है। यह घाव को जल्दी भरने, सूजन को कम करने और संक्रमण को रोकने में मदद करती है। निर्गुंडी में एंटी-बैक्टीरियल, एंटी-इंफ्लेमेटरी और एंटी-ऑक्सीडेंट गुण होते हैं जो घाव भरने में मदद करते हैं। ये गुण घाव को बैक्टीरिया से बचाते हैं, सूजन को कम करते हैं और नई कोशिकाओं के निर्माण को बढ़ावा देते हैं।
सूजन दूर करने के लिए निर्गुन्डी के लाभ/फायदे
निर्गुंडी सूजन को कम करने में एक बहुत ही प्रभावी जड़ी-बूटी है। यह सूजन को कम करने, दर्द को कम करने और संक्रमण को रोकने में मदद करती है।
निर्गुंडी में एंटी-इंफ्लेमेटरी और एंटी-ऑक्सीडेंट गुण होते हैं जो सूजन को कम करने में मदद करते हैं। ये गुण सूजन के कारण होने वाले दर्द को कम करते हैं और नई कोशिकाओं के निर्माण को बढ़ावा देते हैं।
माइग्रेन दूर करने में निर्गुन्डी के फायदे
निर्गुंडी के पत्ते माइग्रेन में फायदेमंद साबित होते हैं। निर्गुंडी में एंटी-इंफ्लेमेटरी, एंटी-ऑक्सीडेंट और दर्द निवारक गुण होते हैं, जो माइग्रेन के दर्द को कम करने में मदद कर सकते हैं।
निर्गुंडी के पत्तों को पानी के साथ पीसकर पेस्ट बनाकर माथे पर लगाने से माइग्रेन का दर्द कम हो सकता है। इसके अलावा, निर्गुंडी के सूखे पत्तों का धुंआ करके उसे सूंघने से भी माइग्रेन के दर्द में राहत मिल सकती है। निर्गुंडी के ताजे पत्तों के रस को हल्का गर्म करके दो-दो बूंद कान में डालने से भी माइग्रेन का दर्द खत्म हो सकता है।
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Five Leaved Chaste निर्गुण्डी
निर्गुण्डी के औषधीय गुणों में शामिल हैं:
- पाचन में सुधार: निर्गुण्डी पाचन तंत्र को मजबूत करने में मदद करती है। यह भोजन को पचाने में मदद करता है और कब्ज, अपच और एसिडिटी जैसी पाचन समस्याओं को दूर करने में सहायक होता है।
- प्रतिरक्षा प्रणाली को बढ़ावा देता है: निर्गुण्डी प्रतिरक्षा प्रणाली को बढ़ावा देने में मदद करती है। इसमें एंटीऑक्सीडेंट होते हैं जो शरीर को संक्रमण से लड़ने में मदद करते हैं।
- दर्द निवारक: निर्गुण्डी दर्द निवारक के रूप में कार्य करती है। यह सिरदर्द, दांत दर्द, और मांसपेशियों में दर्द जैसी समस्याओं को दूर करने में सहायक होता है।
- ज्वर निवारक: निर्गुण्डी ज्वर निवारक के रूप में कार्य करती है। यह बुखार को दूर करने में सहायक होता है।
- कैंसर विरोधी: निर्गुण्डी में कैंसर विरोधी गुण होते हैं। यह कैंसर कोशिकाओं के विकास और प्रसार को रोकने में मदद कर सकती है।
- सूजन कम करने वाला: निर्गुण्डी सूजन कम करने वाला के रूप में कार्य करती है। यह सूजन और दर्द जैसी समस्याओं को दूर करने में सहायक होता है।
- महिलाओं के स्वास्थ्य के लिए फायदेमंद: निर्गुण्डी महिलाओं के स्वास्थ्य के लिए फायदेमंद है। यह मासिक धर्म संबंधी समस्याओं, रजोनिवृत्ति के लक्षणों, और बांझपन जैसी समस्याओं को दूर करने में सहायक होता है।
निर्गुण्डी का उपयोग करने के कुछ सामान्य तरीके इस प्रकार हैं:
- काढ़ा: निर्गुण्डी के पत्तों, बीजों, या जड़ों को पानी में उबालकर काढ़ा बनाया जा सकता है। यह काढ़ा पाचन समस्याओं, दर्द, ज्वर, और अन्य बीमारियों के इलाज के लिए इस्तेमाल किया जा सकता है।
- चूर्ण: निर्गुण्डी के सूखे पत्तों, बीजों, या जड़ों को पीसकर चूर्ण बनाया जा सकता है। यह चूर्ण खाया जा सकता है या पानी में मिलाकर लिया जा सकता है।
- घृत: निर्गुण्डी के पत्तों या बीजों को घी में पकाकर घृत बनाया जा सकता है। यह घृत दर्द, ज्वर, और अन्य बीमारियों के इलाज के लिए इस्तेमाल किया जा सकता है।
Nirgundi, also known as Vitex negundo, is an Ayurvedic herb that is known for its medicinal properties. Here are some of the potential benefits of nirgundi:
- Reduces inflammation: Nirgundi has anti-inflammatory properties that can help to reduce inflammation in the body.
- Relieves pain: Nirgundi may help to relieve pain and discomfort, especially in conditions like arthritis and joint pain.
- Treats respiratory problems: Nirgundi is known to be effective in treating respiratory problems like asthma, bronchitis, and coughs.
- Helps with digestive issues: Nirgundi is a digestive stimulant and can help with issues like constipation, bloating, and indigestion.
- Supports healthy skin: Nirgundi has antibacterial and anti-inflammatory properties that make it effective in treating various skin problems like acne and eczema.
- Supports female reproductive health: Nirgundi has been traditionally used to support female reproductive health, regulating menstrual cycles and reducing menstrual cramps.
- Supports overall health and wellbeing: Nirgundi has numerous medicinal properties and can be used as a general tonic to support overall health and wellbeing.
In Ayurveda, Nirgundi is classified as a bitter, astringent, and pungent herb, and it is considered to have a cooling effect on the body. The plant has been traditionally used for the treatment of various health conditions, such as fever, headache, joint pain, skin disorders, respiratory disorders, digestive disorders, and menstrual disorders.
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Samhita, Bhav Prakash Nighantu, and Ras Tantra Sar Samhita. Drawing from
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