अमृत वाणी हर हर तेरी सुण सुण होवे परम गत मेरी
अमृत वाणी हर हर तेरी,
सुण सुण होवे परम गत मेरी,
जलन बुझी शीतल होये मनवा
सतगुरु का दर्शन पाए जिओ,
अमृत वाणी हर हर तेरी
सुख भया दुख दूर पराना,
संत रसन हर नाम वखाना,
जल-थल-नीर भरे सर सो पर,
विरथा कोई ना जाये जिओ,
अमृत वाणी हर हर तेरी
सुण सुण होवे परम गत मेरी
दया धारी तीन सिरजन हारे,
जी जंत सगळे प्रत पारे,
मेहरवान कृपाल दयाला,
सगळे तृप्त अघाये जिओ,
अमृत वाणी हर हर तेरी
सुण सुण होवे परम गत मेरी
बन तृन भवना, कितो हरया,
करणहार खिन भीतर करया,
गुरुमुख नानक तिसै अराधे,
मन की आश पुजाये जीओ,
अमृत वाणी हर हर तेरी
सुण सुण होवे परम गत मेरी
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