मैली चादर ओढ़ के कैसे, द्वार तुम्हारे आऊँ। हे पावन परमेश्वर मेरे, मन ही मन शरमाऊँ॥ मैली चादर ओढ़ के कैसे, द्वार तुम्हारे आऊँ। मैली चादर ओढ़ के कैसे
तूने मुझको जग में भेजा, निर्मल देकर काया। आकर इस संसार मैंने, इसको दाग लगाया। जनम जनम की मैली चादर, कैसे दाग छुड़ाऊं॥ मैली चादर ओढ़ के कैसे, द्वार तुम्हारे आऊँ। मैली चादर ओढ़ के कैसे
निर्मल वाणी पाकर तुझसे, नाम न तेरा गाया। नैन मूंद कर हे परमेश्वर, कभी ना तुझको ध्याया। मन वीणा की तारें टूटी, अब क्या गीत सुनाऊँ॥
मैली चादर ओढ़ के कैसे, द्वार तुम्हारे आऊँ। मैली चादर ओढ़ के कैसे
इन पैरों से चल कर तेरे, मंदिर कभी न आया। जहां जहां हो पूजा तेरी, कभी ना शीश झुकाया। हे हरिहर मैं हार के आया, अब क्या हार चढाऊँ मैली चादर ओढ़ के कैसे, द्वार तुम्हारे आऊँ। मैली चादर ओढ़ के कैसे
तू है अपरंपार दयालू, सारा जगत संभाले। जैसे भी हूँ, मैं हूँ तेरा, अपनी शरण लगाले। छोड़ के तेरा द्वारा दाता, और कहीं नहीं जाऊ॥ मैली चादर ओढ़ के कैसे, द्वार तुम्हारे आऊँ।
मैली चादर ओढ़ के कैसे द्वार तुम्हारे आऊँ। हे पावन परमेश्वर मेरे, मन ही मन शरमाऊँ मैली चादर ओढ़ के कैसे,
devotional Bhajan Lyrics in Hindi
द्वार तुम्हारे आऊँ। मैली चादर ओढ़ के कैसे
Maili Chadar Odh Ke Kaise Dwar Bhajan Lyrics HIndi/English Hari OM Sharan
यह भजन एक भक्त की ईश्वर से प्रार्थना है। वह अपने पापों के कारण ईश्वर के सामने आने में शर्मिंदा महसूस कर रहा है। वह ईश्वर से कहता है कि वह अपने पापों को कैसे धोए और उनके लिए क्षमा प्राप्त करे। भजन का पहला छंद ईश्वर की निर्मलता और भक्त की मैल को दर्शाता है। भक्त कहता है कि ईश्वर ने उसे निर्मल शरीर दिया, लेकिन उसने इसे पापों से मैला कर दिया है। वह अपने पापों के कारण ईश्वर के सामने आने में शर्मिंदा महसूस करता है।
Maili Chadar Odhe Ke Mailee Chaadar Odh Ke Kaise, Dvaar Tumhaare Aaoon.
He Paavan Parameshvar Mere, Man Hee Man Sharamaoon.
Mailee Chaadar Odh Ke Kaise, Dvaar Tumhaare Aaoon. Mailee Chaadar Odh Ke Kaise
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