मेरा मेरा मत कर पगले लिरिक्स Mera Mera Mat Kar Pagale Lyrics Satsangi Bhajan Lyrics

मेरा मेरा मत कर पगले लिरिक्स Mera Mera Mat Kar Pagale Lyrics Satsangi Bhajan Lyrics


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यह जगत का मेला दो दिन का है। मेरा मेरा करके हम अपनी जीवन की खुशियों को ताक पर रख देते हैं। अधिक से अधिक माया को जोड़ने के चक्कर में खुशियों को घटाते जाते हैं। हमारी सोच होती है की हम तो सदा के लिए हैं, जबकि यह तो दो दिन का बसेरा है। जो है वह सभी उसी पूर्ण ब्रह्म का है। माया भी ईश्वर की बनाई हुई है। माया कभी नहीं मरती है यह तन जरूर मरता है। इस जगत में एक रोज तो मरना है फिर क्यों नहीं दिलों में जिन्दा रहा जाए। हरी का सुमिरन ही मुक्ति का आधार है। अच्छे कर्म और हरी के नाम का सुमिरन ही भव से पार लगाएगा।

मेरा मेरा मत कर पगले,
क्या तेरा क्या मेरा है,
दो दिन के सब रिश्ते नातें,
दो दिन रैन बसेरा है,
मेरा-मेरा मत कर पगले,
क्या तेरा क्या मेरा है।

जिसकी खातिर आया जग में,
वो ही काम तू करके जा,
सबके दिलो में जिन्दा रहे तू,
ऐसे ही तू मरके जा,
इस जग में आकर के बन्दे,
यही काम तो तेरा है,
दो दिन रैन बसेरा है,
मेरा-मेरा मत कर पगले,
क्या तेरा क्या मेरा है।

जैसा कर्म करेगा बन्दे,
वैसा ही फल पायेगा,
बुरा पाप करके बन्दे तू,
बिलकुल न बच पायेगा
तेरे ऊपर पल पल बन्दे,
उस मालिक का पहरा है,
दो दिन रैन बसेरा है,
मेरा-मेरा मत कर पगले,
क्या तेरा क्या मेरा है।

नाम हरी का रट ले,
भव से पार उतर जाए,
दो दिन रहना है तुझको,
फिर तू अपने घर जाए,
जिसको समझ रहा तू अपना,
तेरा नहीं ये डेरा है,
दो दिन रैन बसेरा है,
मेरा-मेरा मत कर पगले,
क्या तेरा क्या मेरा है।


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