
भोले तेरी भक्ति का अपना ही
हम परदेसी पंछी रे साधु भाई Hum Pardeshi Panchi Re Sadhu Bhayi Kabir Bhajan
हम परदेसीहम परदेसी
पंछी बाबा
अणी देसरा नाही
हम परदेसी पंछी बाबा
अणी देसरा नाही
अणी देस रा
अणी देस रा
लोग अचेता
अणी देस रा
लोग अचेता
पल पल पार पछताई भाई संतो
अणी देसरा नाही
हम परदेसी पंछी बाबा
अणी देसरा नाही
मुख बिन गाना
पग बिन चलना
बिना पंख उड जाई हो
मुख बिन गाना
पग बिन चलना
बिना पंख उड जाई हो
बिना मोह की सुरत हमारी
बिना मोह की सुरत हमारी
अनहद मे रम जाई भाई संतो
अणी देसरा नाही
हम परदेसी पंछी बाबा
अणी देसरा नाही
छाया बैठू अगनी व्यापे
धूप अधिक सितलाई हो
छाया बैठू अगनी व्यापे
धूप अधिक सितलाई हो
छाया धूप से
छाया धूप से सतगुरु न्यारा
छाया धूप से सतगुरु न्यारा
हम सतगुरु के भाई भाई संतो
अणी देसरा नाही
हम परदेसी पंछी बाबा
अणी देसरा नाही
आठो पहर अडक रहे आसन
कदे न उतरे शाही
आठो पहर अडक रहे आसन
कदे न उतरे शाही
मन पवन दोनो
मन पवन दोनो
मन पवन दोनो नही पहुंचे
मन पवन दोनो नही पहुंचे
उन्ही देस के माही भाई संतो
अणी देसरा नाही
हम परदेसी पंछी बाबा
अणी देसरा नाही
निरगुण रूप
निरगुण रूप है मेरे दाता
सरगुण नाम धराई
निरगुण रूप है मेरे दाता
सरगुण नाम धराई
कहे कबीरा
कबीरा
कहे कबीर सुनो भाई साधो
कहे कबीर
सुनो भाई साधो
कहे कबीर
सुनो भाई साधो
कहे कबीर सुनो भाई साधो
कहे कबीर सुनो भाई साधो
सतगुरु है हम माहीं भाई संतो
अणी देसरा नाही
हम परदेसी पंछी बाबा
अणी देसरा नाही
अणी देस रा लोग अचेता
पल पल पार पछताई भाई संतो
अणी देसरा नाही