उड़ जायेगा उड़ जायेगा, उड़ जायेगा हंस अकेला, जग दर्शन का मेला।
जैसे पात गिरे तरुवर पे, मिलना बहुत दुहेला,
ना जाने किधर गिरेगा, ना जानूं किधर गिरेगा, गगन पवन का रेला, उड़ जायेगा उड़ जायेगा, उड़ जायेगा हंस अकेला, जग दर्शन का मेला। जब होवे उमर पूरी जब छूटे गा हुकुम हुज़ूरी यम के दूत बड़े मज़बूत
Kabir Bhajan Lyrics in Hindi
यम से पडा झमेला, उड़ जायेगा उड़ जायेगा, उड़ जायेगा हंस अकेला, जग दर्शन का मेला।
दास कबीर हर के गुण गावे, वाह हर को पारण पावे, गुरु की करनी गुरु जायेगा, चेले की करनी चेला,
उड़ जायेगा उड़ जायेगा, उड़ जायेगा हंस अकेला, जग दर्शन का मेला।
Ud Jayega Hans Akkela ( Avdhoota Bhajan) by Pandit Kumar Gandharv