केहि समुझावौ सब जग अंधा लिरिक्स Kehi Samujhaavo Sab Jag Andhaa Lyrics

केहि समुझावौ सब जग अंधा लिरिक्स Kehi Samujhaavo Sab Jag Andhaa Lyrics

 
केहि समुझावौ सब जग अंधा लिरिक्स Kehi Samujhaavo Sab Jag Andhaa Lyrics

केहि समुझावौ सब जग अंधा
इक दु होय उन्हें समुझावौं
सबहि भुलाने पेट के धंधा।
पानी घोड़ पवन असवरवा
ढरकि परै जस ओसक बुंदा
गहिरी नदी अगम बहै धरवा
खेवनहार के पड़िगा फंदा।
घर की वस्तु नजर नहि आवत
दियना बारि के ढूॅंढ़त अंधा
लागी आगि सबै बन जरिगा
बिन गुरुज्ञान भटकिगा बंदा।
कहै कबीर सुनो भाई साधो
जाय लंगोटी झारि के बंदा
 

Kehi Samujhaavau Sab Jag Andha
Ik Du Hoy Unhen Samujhaavaun
Sabahi Bhulaane Pet Ke Dhandha.
Paanee Ghod Pavan Asavarava
Dharaki Parai Jas Osak Bunda
Gahiree Nadee Agam Bahai Dharava
Khevanahaar Ke Padiga Phanda.
Ghar Kee Vastu Najar Nahi Aavat
Diyana Baari Ke Dhooaindhat Andha
Laagee Aagi Sabai Ban Jariga
Bin Gurugyaan Bhatakiga Banda.
Kahai Kabeer Suno Bhaee Saadho
Jaay Langotee Jhaari Ke Banda

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Saroj Jangir Author Author - Saroj Jangir

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1 टिप्पणी

  1. Bahot hi achha laga ,Kabir ji ke lyrics mile thank u