क्रोध ना छोड़ा झूंठ ना छोड़ा लिरिक्स Krodh Na Chhoda Jhoonth Na Chhoda Lyrics

क्रोध ना छोड़ा झूंठ ना छोड़ा लिरिक्स Krodh Na Chhoda Jhoonth Na Chhoda Lyrics Satya Vachan Kyon Chhod Diya Kabir Bhajan

 
क्रोध ना छोड़ा झूंठ ना छोड़ा लिरिक्स Krodh Na Chhoda Jhoonth Na Chhoda Lyrics

क्रोध ना छोड़ा झूंठ ना छोड़ा
क्रोध ना छोड़ा झूंठ ना छोड़ा
सत्य वचन क्यो छोड़ दिया तूने
नाम जपना क्यो छोड़ दिया

झूठे जग मे जी ललचाकर
असल वतन क्यो छोड़ दिया तूने
क्रोध ना छोड़ा झूंठ ना छोड़ा

क्रोध ना छोड़ा झूंठ ना छोड़ा
क्रोध ना छोड़ा झूंठ ना छोड़ा
सत्य वचन क्यो छोड़ दिया तूने
नाम जपना क्यो छोड़ दिया

कौड़ी को तो खूभ संभाला
लाल रतन क्यो छोड़ दिया

क्रोध ना छोड़ा झूंठ ना छोड़ा
क्रोध ना छोड़ा झूंठ ना छोड़ा
सत्य वचन क्यो छोड़ दिया तूने
नाम जपना क्यो छोड़ दिया

यही सुमिरन ते आती सुख पाओ
सो सुमिरन क्यो छोड़ दिया

क्रोध ना छोड़ा झूंठ ना छोड़ा
क्रोध ना छोड़ा झूंठ ना छोड़ा
सत्य वचन क्यो छोड़ दिया तूने
नाम जपना क्यो छोड़ दिया
कालिस एत भगवान बरोसे
तन मन धन क्यो ना छोड़ दिया तूने

क्रोध ना छोड़ा झूंठ ना छोड़ा
क्रोध ना छोड़ा झूंठ ना छोड़ा
सत्य वचन क्यो छोड़ दिया तूने
नाम जपना क्यो छोड़ दिया



यह भजन सांसारिक मोहमाया और ईश्वर की भक्ति के महत्व को बताता है। भजन की शुरुआत में, भक्त कहता है कि उसने क्रोध और झूठ को नहीं छोड़ा है। वह कहता है कि उसने भगवान की भक्ति और सत्य वचन को नहीं छोड़ा है। भजन के दूसरे भाग में, भक्त कहता है कि उसने झूठे जग में जीने के लिए अपने असली वतन को छोड़ दिया है। वह कहता है कि उसने सांसारिक सुखों के पीछे भागते हुए अपने आध्यात्मिक जीवन को बर्बाद कर दिया है।

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