मात पिता तुम मेरे लिरिक्स
गुरु गोविन्द दोऊ खड़े
काके लागू पाय
बलिहारी गुरु आपनी
जिन गोविन्द दियो बताय
मात पिता तुम मेरे ।
मेरे प्रभु मेरे गुरु ।।2
जो है और जो है नहीं
सब कुछ तुम हो सद्गुरु
मात पिता तुम मेरे
मेरे प्रभु मेरे गुरु
जो है और जो है नहीं
सब कुछ तुम हो सद्गुरु
माँ ने दिया जनम ।
पिता ने दिया है नाम ।।2
अनदेखी एक दिशा
बुलाती सुबहो श्याम
हर दिशा में अब तुम ही
किस दिशा को नमन करूँ
जो है और जो है नहीं
सब कुछ तुम हो सद्गुरु
साँसों की ये डोर ।
अभी शुरू अभी ख़तम ।।2
ये डोर पकड़ तुम तक आजाऊं
अब करूँ यही जतन
हो गया है जिसका अंत
और हुआ जो नहीं शुरू
जो है और जो है नहीं
सब कुछ तुम हो सद्गुरु
मात पिता तुम मेरे
मेरे प्रभु मेरे गुरु
जो है और जो है नहीं
सब कुछ तुम हो सद्गुरु
मात पिता तुम मेरे
मेरे प्रभु मेरे गुरु
जो है और जो है नहीं
सब कुछ तुम हो सद्गुरु |
काके लागू पाय
बलिहारी गुरु आपनी
जिन गोविन्द दियो बताय
मात पिता तुम मेरे ।
मेरे प्रभु मेरे गुरु ।।2
जो है और जो है नहीं
सब कुछ तुम हो सद्गुरु
मात पिता तुम मेरे
मेरे प्रभु मेरे गुरु
जो है और जो है नहीं
सब कुछ तुम हो सद्गुरु
माँ ने दिया जनम ।
पिता ने दिया है नाम ।।2
अनदेखी एक दिशा
बुलाती सुबहो श्याम
हर दिशा में अब तुम ही
किस दिशा को नमन करूँ
जो है और जो है नहीं
सब कुछ तुम हो सद्गुरु
साँसों की ये डोर ।
अभी शुरू अभी ख़तम ।।2
ये डोर पकड़ तुम तक आजाऊं
अब करूँ यही जतन
हो गया है जिसका अंत
और हुआ जो नहीं शुरू
जो है और जो है नहीं
सब कुछ तुम हो सद्गुरु
मात पिता तुम मेरे
मेरे प्रभु मेरे गुरु
जो है और जो है नहीं
सब कुछ तुम हो सद्गुरु
मात पिता तुम मेरे
मेरे प्रभु मेरे गुरु
जो है और जो है नहीं
सब कुछ तुम हो सद्गुरु |
"Maat Pita", an offering from Sounds of Isha for Guru Purnima
