प्रवाल पिष्टी क्या होती है, प्रवाल पिष्टी के लाभ पतंजली प्रवाल पिष्टी के लाभ और उपयोग Patanjali Praval Pishti Benefits Composition Doses
प्रवाल पिष्टी क्या होती है
प्रवाल पिष्टी प्रवाल, मूंगा (समुद्री शैवाल ) Corallum Rubrum से तैयार की जाती है और इसे आयुर्वेद में जानतव्य द्रव्यों के तहत रखा जाता है। प्रवाल एक समुद्री जीव होता है। प्रवाल पिष्टी प्रवाल भस्म से सौम्य होती है क्यों की प्रवाल पिष्टी तैयार करने के लिए अग्नि का प्रयोग नहीं किया जाता है।आयुर्वेद के मतानुसार प्रवाल पिष्टी, प्रवास भस्म से अधिक सौम्य होती है। प्रवाल पिष्टी और प्रवाल भस्म दोनों का ही प्रयोग एसिडिटी और पित्त की अधिकता को शांत करने के लिए उपयोग में ली जाती है। प्रवाल विष्टि का वीर्य शीत होता है तथा विपाक मधुर, रस मधुर, दोष वात कफ और पित्त को शांत करना होता है।
पिष्टी क्या होता है
पिष्टी आयुर्वेदिक दवा होती है। इसे बनाने के लिए सबसे पहले सामग्री को डिटॉक्सिफिड किया जाता है जिसे शुद्धिकरण कहते हैं। इसके बाद इसे महीन पीसा जाता है और आखिर में इस महीन पीसे हुए दवा के चूर्ण को केवड़ा, गुलाब जल आदि में भिगोया जाता है और पुनः पीसा जाता है। पिष्टी को अंगूठे और अंगुली के बीच रगड़ कर महसूस किया जाता है की ये मोटा ना हो और महीन पाउडर हो।
प्रवाल पिष्टी के घटक
प्रवाल पिष्टी के घटक प्रवाल, समुद्री मूंगा होता है।
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प्रवाल पिष्टी के लाभ
- प्रवाल पिष्टी को मुख्यतया शरीर में पित्त जनित विकारो को शांत करने के लिए उपयोग में लिया जाता है लेकिन यह वात कफ और पित्त, त्रिदोष नाशक होता है। इसके सेवन से निम्न लाभ होते हैं।
- प्रधान रूप में यह पित्त जनित विकारों को शांत करता है। जिन व्यक्तियों का शरीर का तापमान बढ़ा हुआ रहता है, पित्त असंतुलित रहता है उनके लिए यह श्रेष्ट ओषधि है। इससे पित्त शांत होता है और शरीर में ठंडक आती है।
- इसके सेवन से शरीर के कैल्शियम की कमी दूर होती है। वस्तुतः प्रवाल समुद्री जीवों के द्वारा बनायीं गयी एक चट्टान ही होती है जो कैल्शियम कार्बोनेट से बनायीं होती है। इसमें कैल्शियम और मेगनीसियम प्रचूर मात्रा में होता है।
- कफ जनित समस्त विकारों को दूर करता है।
- बढ़ते हुए बच्चों, प्रेग्नेंसी, और बढ़ती उम्र में कैल्शियम की कमी को दूर करता है।
- इसका सबसे बड़ा लाभ होता है इसका जैविक होना इसलिए इससे प्राप्त कैल्शियम शीघ्र शरीर में अवशोषित हो जाता है।
- सामान्य कमजोरी को दूर करने के लिए भी प्रवाल पिष्टी का सेवन लाभदायी होता है।
- प्रवाल पिष्टी के सेवन से शरीर में अम्ल की अधिकता और ज्यादा अम्ल बनना बंद हो जाता है जिससे सर दर्द, एसिडिटी, पेट में जलन, हाथ पैरों (तलवों) में जलन शांत होती है।
- गुलकंद के साथ प्रवाल पिष्टी को लेने से पित्त जनित व्याधिया शांत होती है।
- प्रवाल पिष्टी के उपयोग से ज्वर शांत होता है और शरीर का तापमान भी स्थिर रहता है।
- चिंता, मानसिक विकार और तनाव में भी प्रवाल पिष्टी के सेवन से लाभ मिलता है।
- शरीर में बढे हुए पित्त के स्तर को शांत कर कफ को दूर करता है।
- हृदय की अनियमित धड़कन को नार्मल करता है।
- हड्डियों के कमजोर होने, गठिया आदि रोगों के लिए प्रवाल पिष्टी प्रभावी दवा है क्योंकि इसमें कैल्शियम की अधिकता होती है।
- प्रवाल पिष्टी और प्रवाल भस्म रक्तस्राव विकारों, कैल्शियम की कमी, सूखी खांसी, सामान्य दुर्बलता, जलन के साथ सिरदर्द, अम्लता, जठरशोथ, व्रण, सव्रण बृहदांत्रशोथ, हेपेटाइटिस या पीलिया, खट्टी उल्टी, नेत्रश्लेष्मलाशोथ (लाल आँखें) और पेशाब में जलन में लाभदायक है।
- प्रवाल पिष्टी दाहक विरोधी, गठिया नाशक, पाचन उत्तेजक, अम्लत्वनाशकज्, वरनाशक होता है।
प्रवाल पिष्टी की खुराक कैसे लें
यह आपको शरीर की तासीर और रोग पर निर्भर करता है। इसके लिए वैद्य की सलाह लें। प्रवाल पिष्टी को अकेले नहीं लेना चाहिए यानी की इसे शहद, गुलकंद में लेना चाहिए।पतंजलि आयुर्वेदा क्या कहता है प्रवाल पिष्टी के बारे में :
For cough, fever, osteomalacia, laxity and acidity. The material is treated, with the fluid of various herbs and cultured in fire, as described in ancient Ayurvedic texts mixing with different other ingredients. Patanjali ayurved and Divya pharmacy prepare calx, based on old refinery processes. These products and medicines do not cast any side or ill-effect on the patient and helpful in any of the old or complex disease. Dosage and usage : The `bhasmas` are prepared with pure and age-old formulae and hence are very impressive and eradicate the diseases from the root. The `bhasmas` should be used in proper proportion, considering the age and strength and with the expert advice of any vaidhya.
प्रवाल पिष्टी कहाँ से खरीदें
प्रवाल पिष्टी पतंजलि आयुर्वेदा के स्टोर्स पर उपलब्ध है। इसके बारे में विस्तार से जानने और ऑनलाइन खरीदने के लिए पतंजलि आयुर्वेदा की ऑफिसियल वेबसाइट पर विजिट करें जिसका लिंक निचे दिया गया है।लिंक :
https://www.patanjaliayurved.net/product/ayurvedic-medicine/pishti/praval-pishti/142
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The author of this blog, Saroj Jangir (Admin),
is a distinguished expert in the field of Ayurvedic Granths. She has a
diploma in Naturopathy and Yogic Sciences. This blog post, penned by me,
shares insights based on ancient Ayurvedic texts such as Charak
Samhita, Bhav Prakash Nighantu, and Ras Tantra Sar Samhita. Drawing from
an in-depth study and knowledge of these scriptures, Saroj Jangir has
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