सुनता है गुरु ज्ञानी ज्ञानी ज्ञानी लिरिक्स Sunta Hai Guru Gyani Gyani Lyrics


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सुनता है गुरु ज्ञानी ज्ञानी ज्ञानी लिरिक्स Sunta Hai Guru Gyani Gyani Lyrics कबीर भजन लिरिक्स हिंदी Kabir Bhajan Lyrics Hindi

सुनता है गुरु ज्ञानी ज्ञानी ज्ञानी,
गगन में आवाज हो रही,
झीनी झीनी झीनी झीनी,
पहिले आए आए पहिले आए,
नाद बिंदु से पीछे जमया,
पानी पानी हो जी,
सब घट पूरण गुरु रह्या है,
अलख पुरुष निर्बानी हो जी।

सुनता हैं गुरु ज्ञानी ज्ञानी ज्ञानी ज्ञानी,
गगन में आवाज हो रही
झीनी-झीनी झीनी-झीनी,
वहां से आया पता लिखाया,
तृष्णा तूने बुझाई बुझाई,
अमृत छोड़सो विषय को धावे,
उलटी फाँस फंसानी हो जी ll 2 ll
सुनता हैं गुरु ज्ञानी ज्ञानी ज्ञानी ज्ञानी,
गगन में आवाज हो रही
 झीनी-झीनी झीनी-झीनी,
गगन मंडलू में गौ,
भोई से दही जमाया जमाया,
माखन माखन संतों ने खाया,
छाछ जगत बापरानी हो जी … ll 3 ll
सुनता हैं गुरु ज्ञानी ज्ञानी ज्ञानी ज्ञानी,
गगन में आवाज हो रही
झीनी-झीनी झीनी-झीनी,
बिन धरती एक मंडल दीसे,
बिन सरोवर जूँ पानी रे,
गगन मंडलू में होए उजियाला,
बोल गुरु-मुख बानी हो जी ll 4 ll
सुनता है गुरु ज्ञानी ज्ञानी ज्ञानी,
गगन में आवाज हो रही,
झीनी झीनी झीनी-झीनी।
सुनता है गुरु ज्ञानी ज्ञानी ज्ञानी,
गगन में आवाज हो रही,
झीनी झीनी झीनी झीनी,
पहिले आए आए पहिले आए,
नाद बिंदु से पीछे जमया,
पानी पानी हो जी,
सब घट पूरण गुरु रह्या है,
अलख पुरुष निर्बानी हो जी।

Full Kabir Bhajan Sunta hai Guru Gyani by Kumar Gandharva Devanagari Lyrics English translations

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