हे जग वंदन गोरी नंदन,
करदो जग से पार,
गजानन आया तेरे द्वार,
रिद्धि सीधी के तुम हो स्वामी,
के घनायक अंतर यामी,
गोरी माँ के राज दुलारे,
भक्तो को दो प्यार,
गजानन आया तेरे द्वार,
हे जग वन्धन गोरी नंदन ,
करदो जग से पार,
भुधि विवेक के तुम हो दाता
भक्तो के तुम भाग्ये विद्याता
भाव भजन से गाऊ तोहे
मेरा करो उधार गजानन आया तेरे द्वार
हे जग वन्धन गोरी नंदन
करदो जग से पार
करदो जग से पार,
गजानन आया तेरे द्वार,
रिद्धि सीधी के तुम हो स्वामी,
के घनायक अंतर यामी,
गोरी माँ के राज दुलारे,
भक्तो को दो प्यार,
गजानन आया तेरे द्वार,
हे जग वन्धन गोरी नंदन ,
करदो जग से पार,
भुधि विवेक के तुम हो दाता
भक्तो के तुम भाग्ये विद्याता
भाव भजन से गाऊ तोहे
मेरा करो उधार गजानन आया तेरे द्वार
हे जग वन्धन गोरी नंदन
करदो जग से पार
Author - Saroj Jangir
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