जय हो गणपति गज मुख धारी भजन लिरिक्स

जय हो गणपति गज मुख धारी Jai Ho Ganpati Gaj Mukh Dhari Bhajan

जय हो गणपति गज मुख धारी लिरिक्स Jai Ho Ganpati Gaj Mukh Dhari Lyrics

प्रथम पूज्य है सब देवो में,
जाने दुनिया सारी
जय हो गणपति गज मुख धारी
जय हो गणपति गज मुख धारी
जय हो गणपति गज मुख धारी
आप निराले और आप छवि है सबसे न्यारी,
जय हो गणपति गज मुख धारी,

जय हो गणपति गज मुख धारी
जय हो गणपति गज मुख धारी

गिरजा माँ के प्यारे है
शिव शंकर के दुलारे है,
रूप चतुर भुज धारे है
सारे काज सवार है,
आन पधारो आज सबा में करके मुस सवारी,
जय हो गणपति गज मुख धारी,
जय हो गणपति गज मुख धारी
जय हो गणपति गज मुख धारी

ऐसा जामुन खाते है
लडूवन भोग लगाते है,
सारे विघ्न मिटाते है
विघनेश्वर कहलाते है,
ओह भेह हारी हो शुभ कारी
महिमा आप की प्यारी,
जय हो गणपति गज मुख धारी,
जय हो गणपति गज मुख धारी
जय हो गणपति गज मुख धारी

जो भी ध्यान लगाते है
मन वंचित फल पाते है,
श्रदा से जो मनाते है
कार्य सफल हो जाते है,
चरण कमल पे विवेक पड़ा है,
सुन लो अर्ज हमारी,
जय हो गणपति गज मुख धारी,
जय हो गणपति गज मुख धारी
जय हो गणपति गज मुख धारी


 
 गणेश जी हिंदू धर्म में प्रथम पूजनीय देवता हैं। इन्हें सभी देवों का स्वामी माना जाता है। गणेश जी को विघ्नहर्ता भी कहा जाता है, क्योंकि वे सभी बाधाओं को दूर करते हैं।
Saroj Jangir Author Author - Saroj Jangir

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