केशव नन्द किशोर का अमृतमय है नाम
भाग्यवान ही पाते हैं पावन ये सुख धाम
राधा रमण की मूर्ति भय भंजन भवतार
ऐसे दया निधान का सुमिरन है गुनकार
जो जन श्रधा भाव से धरे माधव का ध्यान
पलक झपकते ही उनका हो जाता कल्याण
फलदायक है कल्पतरु मुरलीधर की प्रीत
इसका साधक हो नहीं काल से भी भयभीत
जय जय श्री कृष्णा जय जय श्री कृष्णा
कृष्णा कृष्णा जप ले मन तृष्णा पूर्ण होय
नन्द बाबा के लाल सा नहीं दयालु कोय
जाप के अमृत से धुले मन का मिला काज
कभी ना तुझपे मनमोहन आने देगा आंच
घट घट की है जानता यशोमती का ये लाल
चरण शरण में जो आये पुरे होए सवाल
जैसे अनगिनत तारों में चंदा भला है एक
मनवा भटकना छोड़ दे बस गोविन्द को देख
जय जय श्री कृष्णा जय जय श्री कृष्णा
मनोरम मदन गोपाल के पग पंकज को छु
पारस पे सर धरके ही सोना बनेगा तू
मोहन की मनमोहिनी छवि बसे जिस नैन
उसे डराती न कभी भय की काली रेन
अविचल भक्ति श्याम की नष्ट करे सब पाप
कामना पूर्ण कर देता बंसीधर का जाप
हरी के इस अवतार का कष्ट हरण है प्यार
केवट बन कर ये करे भाव सिन्धु से पार
जय जय श्री कृष्णा जय जय श्री कृष्णा
सूरज जैसा तेजस्वी अर्जुन का रथवान
कभी समर्पण भाव से कर इसका गुणगान
अमर स्त्रोत है आनंद का देवकीसूत भगवंत
अंतर्मन से देख तू इसकी कला अनंत
कृष्ण आलौकित ज्योत है कृष्ण ही सिद्ध रूप
जगत निशा अज्ञान की सुखमय है ये धुप
मुरली मनोहर श्याम का तू अभिनन्दन कर
फिर आशा अभिलाषा के मन चाहे ले वर
जय जय श्री कृष्णा जय जय श्री कृष्णा
राधा रमण की मूर्ति भय भंजन भवतार
ऐसे दया निधान का सुमिरन है गुनकार
जो जन श्रधा भाव से धरे माधव का ध्यान
पलक झपकते ही उनका हो जाता कल्याण
फलदायक है कल्पतरु मुरलीधर की प्रीत
इसका साधक हो नहीं काल से भी भयभीत
जय जय श्री कृष्णा जय जय श्री कृष्णा
कृष्णा कृष्णा जप ले मन तृष्णा पूर्ण होय
नन्द बाबा के लाल सा नहीं दयालु कोय
जाप के अमृत से धुले मन का मिला काज
कभी ना तुझपे मनमोहन आने देगा आंच
घट घट की है जानता यशोमती का ये लाल
चरण शरण में जो आये पुरे होए सवाल
जैसे अनगिनत तारों में चंदा भला है एक
मनवा भटकना छोड़ दे बस गोविन्द को देख
जय जय श्री कृष्णा जय जय श्री कृष्णा
मनोरम मदन गोपाल के पग पंकज को छु
पारस पे सर धरके ही सोना बनेगा तू
मोहन की मनमोहिनी छवि बसे जिस नैन
उसे डराती न कभी भय की काली रेन
अविचल भक्ति श्याम की नष्ट करे सब पाप
कामना पूर्ण कर देता बंसीधर का जाप
हरी के इस अवतार का कष्ट हरण है प्यार
केवट बन कर ये करे भाव सिन्धु से पार
जय जय श्री कृष्णा जय जय श्री कृष्णा
सूरज जैसा तेजस्वी अर्जुन का रथवान
कभी समर्पण भाव से कर इसका गुणगान
अमर स्त्रोत है आनंद का देवकीसूत भगवंत
अंतर्मन से देख तू इसकी कला अनंत
कृष्ण आलौकित ज्योत है कृष्ण ही सिद्ध रूप
जगत निशा अज्ञान की सुखमय है ये धुप
मुरली मनोहर श्याम का तू अभिनन्दन कर
फिर आशा अभिलाषा के मन चाहे ले वर
जय जय श्री कृष्णा जय जय श्री कृष्णा
कृष्ण जन्माष्टमी 2019 श्री कृष्ण अमृतवाणी Krishna Amritwani I KAVITA PAUDWAL I Hindi English Lyrics
आपको ये पोस्ट पसंद आ सकती हैं
- श्याम सांवरे ओ मेरे श्याम सांवरे लिरिक्स Shyam Sanware O Mere Shyam Lyrics
- तू कर ले राधा मीठी बात क्यों छौ में हो रही सै लिरिक्स Tu Kar Le Radha Meethi Baat Lyrics
- रखवाले रे बंसीवाले रे मेरी सुनले ज़रा पुकार रे लिरिक्स Rakhwale Re Bansiwale Re Lyrics
- जय जय मदन गोपाल तेरी जय होवे लिरिक्स Jay Jay Madan Gopal Lyrics
- झूमे झूमे रे भगत मतवाला बनके लिरिक्स Jhume Jhume Re Bhagat Matwala Lyrics
- बंसी बजा के श्याम ने दीवाना बना दिया लिरिक्स Bansi Baja Ke Shyam Ne Lyrics