तारीफ़ तारीफ़ मिल के करो सारे तारीफ़
तारीफ़ तारीफ़ मिल के करो,
सारे तारीफ़
तारीफ़ तारीफ़ मिल के करो,
सारे तारीफ़.
येशु की जो है प्यारा मुंजी
उसने हम सब को है बनाया
जो कुछ दिखता उसने रचाया
सारे जहां का वो शहंशाह
पापों से वो पाक है करता
सारी खताएं माफ़ वो करता
सारे रोगों को करता चंगा
उसकी मौत से ज़िन्दगी है पाई
आशा नई एक उसने दिखाई
बैठेंगे तख्त पर फतःमंद हो
हम्द ओ सन्ना मिलकर करेंगे
सदा वहाँ पर उसके रहेंगे
गीत नया वहाँ गाएँगे
तारीफ़ तारीफ़ मिल के करो सारे तारीफ़
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