कायर सके ना झेल फकीरी अलबेला को खेल ज्यूँ रण माँय लडे नर सूरा अणियाँ झुक रहना सेल गोली नाल जुजरबा चालै सन्मुख लेवै झेल सती पति संग नीसरी अपने पिया के गैल सुरत लगी अपने साहिब से अग्नि काया बिच मेल
अलल पक्षी ज्यूँ उलटा चाले बांस भरत नट खेल मेरु इक्कीस छेद गढ़ बंका चढ़गी अगम के महल दो और एक रवे नहीं दूजा आप आप को खेल कहे सामर्थ कोई असल पिछाणै लेवै गरीबी झेल हरी भजे वे सुरवा, नहीं कायर को काम। कायर नर का क्या मता काम क्रोध का ध्यान। कायर सके ना झेल फकीरी कायर सके ना झेल, फकीरी अलबेला रो खेल।
Nath Ji Bhajan Lyrics Hindi,Rajasthani Devotional Bhajan Lyrics in Hindi
ज्यूँ रण माँय लडे नर सूरा, अणियाँ झुक रया सेल। गोली नाल जुजर बा चालै, सन्मुख लेवै झेल। फकीरी अलबेला रो खेल। कायर सके ना झेल फकीरी सती पति संग नी सरी, अपने पिया के गैल। सुरत लगी अपने साहिब से, अग्नि काया बिच मेल। फकीरी अलबेला रो खेल। कायर सके ना झेल फकीरी अलल पक्षी ज्यूँ उलटा चाले,
बांस भरत नट खेल। मेरु इक्कीस छेद गढ़ बंका, चढ़गी अगम के महल। फकीरी अलबेला रो खेल। कायर सके ना झेल फकीरी दो और एक रवे नहीं दूजा, आप आप को खेल। कहे सामर्थ कोई असल पिछाणै, लेवै गरीबी झेल। फकीरी अलबेला रो खेल। कायर सके ना झेल फकीरी
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