जग्गा जमया ते मिलन वधाईयां
जग्गा जामिया
जग्गा जमया ते मिलन वधाईयां
जग्गा जामिया
जग्गा जमया ते मिलन वधाईयां
के वड्डे हो के डाके मारदा
पुरना .... माँ कोलो बिछड़ गया पुत्त सुरमा
जग्गे जट दे कबूतर चीने
जग्गे जट दे
जग्गे जट दे कबूतर चीने
जग्गे जट दे
जग्गे जट दे कबूतर चीने
जग्गे जट दे
नदियों पार चुग दे दाणे
दाणे ....दाणे
रब्ब दी लिखिया नु रब्ब जाने
जग्गा जट नि किसे ने बन जाना
जग्गा जट नि
जग्गा जट नि किसे ने बन जाना
जग्गा जट नि
जग्गा जट नि किसे ने बन जाना
जग्गा जट नि
घर घर पुत्त जमदे...पुरना
पूरना....अंखिया चो रब्ब बस्दा कोई दूर ना
अंखिया चो रब्ब बस्दा कोई दूर ना
अंखिया चो रब्ब बस्दा कोई दूर ना
दूर ना.................
पक्के पुला ते लड़िया होइया
पक्के पुला ते
पक्के पुला ते लड़िया होइया
पक्के पुला ते
पक्के पुला ते लड़िया होइया
पक्के पुला ते
छाबिया दे किल मुड गए
अड़ अड़ के
अड़ अड़ के ....दुनिया ने मूक (समाप्त हो जाना) जाना
लड़ लड़ के
लड़ के ........................
जे में जान दी जग्गे ने मर जाना
जे में जानदी
जे में जान दी जग्गे ने मर जाना
जे में जानदी
जे में जान दी जग्गे ने मर जाना
जे में जानदी
में इक ते दो जमदी...जगिया
मा तेरी रोंदी दे बुहा (दरवाजा) वज्जिया
वज्जिया................
Jagga Gurdas Mann
The Original Text Belows:
जग्गा जमया ते मिलन वधाईयां,
के वड्डे हो के डाके मारदा, जग्गया
के तुर परदेस गयों वे बूहा वज्जया,
जग्गा, जमया ते मिलन वधाईयां
के सारे पिंड गुड वण्डया, जग्गया,
के तुर परदेस गयों वे बूहा वज्जया,
जे मैं जाणदी जग्गे मर जाणा,
मैं इक थाईं दो जम्मदी, जगया
के टुट्टी होई माँ दे कलेजे छुरा वज्जया
जग्गे जिन्दे नू सूली उत्ते टंगया,
ते भैण दा सुहाग चुमके, मखना,
के क्यों तुर चले गयों बेडा चखना,
जग्गा मारया बोड़ दी छांवे,
के नौ मण रेत भिज गयी,पूरना
के माँ दा मार दित्ताइ पुत्त सूरमा,
जग्गा, जमया ते मिलन वधाईयां
जग्गा (गुरुदास मान) लिरिक्स हिंदी मीनिंग Jagga Song Hindi Meaning जग्गा : जग्गा का पूरा नाम जगत सिंह विरक था, जो आज भी पंजाबी लोक गीतों में अमर है। जग्गा के दिल में गरीब और मजलूम लोगों के लिए एक विशेष स्नेह था। जग्गा को पंजाब का रोबिन हुड भी कहा जाता है। कहने को तो इन्हें डाकू मान लिया जाता है लेकिन गौरतलब है की जग्गा ने जो भी लुटा वो गरीबो में बाटा था। लोक गीतों के माध्यम से हमें पता चलता है की जग्गा ने किस तरह से ब्रिटिश रूल और सेठ साहूकारों के आगे हार ना मानकर आम जनता के लिए क्या क्या किया। जग्गा को नफरत थी ब्रिटिश लूट खसोट से। उनकी नफ़रत भी काफी उग्र थी। जहाँ अंग्रेज जो दीनी लोगो के साथ जुल्म करते थे वहां जग्गे की तलवार उठने में देर नहीं लगती थी। जग्गा निडर था जो किसी से छुपा नहीं है। अंग्रेजो की तो रूह काप जाती थी जग्गा का नाम सुनकर। सच्चे मायने में जग्गा गरीबो और मसकिनो का एक तरह से हमदर्द और मसीहा था। आज भी लोकगीतों की शान है "जग्गा". जग्गा आज भी जिन्दा है लोगो के दिलों में।