कैसे जिऊ मैं राधा रानी तेरे बिना भजन

कैसे जिऊ मैं राधा रानी तेरे बिना

 
कैसे जिऊ मैं राधा रानी तेरे बिना लिरिक्स Kaise Jiu Me Radha Rani Tere Bina Lyrics

कैसे जीऊँ मैं राधा रानी तेरे बिना,
मेरा मन ही ना लागे तुम्हारे बिना।

मेरे पापों का कोई ठिकाना नहीं,
तेरी प्रीत क्या होती जाना नहीं,
शरण दे दो मेरे अवगुण निहारे बिना,
कैसे जीऊँ मैं राधा रानी तेरे बिना।

मोहे प्रीत की रीत सिखा दो प्रिया,
अपनी यादो में रोना सिखा दो प्रिया,
जीवन नीरस है अँखियों के तारे बिना,
कैसे जीऊँ मैं राधा रानी तेरे बिना।

प्यारी पतितों की पतवार तुम ही तो हो,
दीन-दुखियों की सरकार तुम ही तो हो,
अब मैं जाऊं कहा तेरे द्वारे बिना,
कैसे जीऊँ मैं राधा रानी तेरे बिना।

कैसे जीऊँ मैं राधा रानी तेरे बिना,
मेरा मन ही ना लागे तुम्हारे बिना।  

कैसे जिऊ मैं राधा रानी तेरे बिना Kaise Jiun Main Radha Rani Tere Bina

कैसे जिऊ मैं राधा रानी तेरे बिना,
मेरा मन ही ना लागे तुम्हारे बिना॥
मेरे पापों का कोई ठिकाना नहीं,
तेरी प्रीत क्या होती जाना नहीं,
शरण देदो मेरे अवगुण निहारे बिना॥
कैसे जिऊ मैं राधा रानी तेरे बिना॥

मोहे प्रीत की रीत सिखा दो प्रिया,
अपनी यादो में रोना सिखा दो प्रिया,
जीवन नीरस है अखिओं के तारे बिना॥
कैसे जिऊ मैं राधा रानी तेरे बिना॥

प्यारी पतितों की पतवार तुम ही तो हो,
दीन दुखिओं की आधार तुम्ही तो हो,
अब मैं जाऊं कहा तेरे द्वारे बिना॥
कैसे जिऊ मैं राधा रानी तेरे बिना॥

कैसे जिऊ मैं राधा रानी तेरे बिना,
मेरा मन ही ना लागे तुम्हारे बिना॥
कैसे जिऊ मैं राधा रानी तेरे बिना
मेरा मन ही ना लागे तुम्हारे बिना

मेरे पापों का कोई ठिकाना नहीं
तेरी प्रीत क्या होती जाना नहीं
शरण देदो मेरे अवगुण निहारे बिना
कैसे जिऊ मैं राधा रानी तेरे बिना

मोहे प्रीत की रीत सिखा दो प्रिया
अपनी यादो में रोना सिखा दो प्रिया
जीवन नीरस है अखिओं के तारे बिना
कैसे जिऊ मैं राधा रानी तेरे बिना

प्यारी पतितों की पतवार तुम ही तो हो
दीन दुखिओं की आधार तुम्ही तो हो
अब मैं जाऊं कहा तेरे द्वारे बिना

कैसे जिऊ मैं राधा रानी तेरे बिना
कैसे जिऊ मैं राधा रानी तेरे बिना
मेरा मन ही ना लागे तुम्हारे बिना 

भजन: कैसे जिऊं मैं राधा रानी तेरे बिना स्वर: चित्र विचित्र जी महाराज

कैसे जिऊं मैं राधा रानी तेरे बिना,
मेरा मन ही ना लागे तुम्हारे बिना ||
कैसे जिऊं मैं राधा रानी तेरे बिना,
मेरा मन ही ना लागे तुम्हारे बिना ||

मेरे पापो का कोई ठिकाना नहीं,
तेरी प्रीत क्या होती जाना नहीं,
शरण दे दो मेरे अवगुण निहारे बिना,
कैसे जिऊ मैं राधा रानी तेरे बिना ||

मोहे प्रीत की रीत सिखा दो प्रिया,
अपनी यादो में रोना सिखा दो प्रिया,
जीवन नीरस है अँखियों के तारे बिना,
कैसे जिऊ मैं राधा रानी तेरे बिना ||

प्यारी पतितों की पतवार तुम ही तो हो,
दीन-दुखियों की सरकार तुम ही तो हो,
अब मैं जाऊं कहा तेरे द्वारे बिना,
कैसे जिऊ मैं राधा रानी तेरे बिना ||

कैसे जिऊं मैं राधा रानी तेरे बिना,
मेरा मन ही ना लागे तुम्हारे बिना।
कैसे जिऊं मैं राधा रानी तेरे बिना,
मेरा मन ही ना लागे तुम्हारे बिना ||
 
 
Saroj Jangir Author Author - Saroj Jangir

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