पतंजली मुलेठी क्वाथ के फायदे Patanjali Mulethi Kvath Benefits Usages Doses and Price

मुलेठी क्या है What is Mulethi Mulethi kya Hoti Hai Hindi

मुलेठी क्वाथ के विषय में जानने से पहले जाहिर सी बात है की हमें मुलेठी को जान लेना चाहिए। औशधिय गुणों से भरपूर मुलेठी एक झाड़ीनुमा पौधा होता है जिसका वानस्पतिक नाम Glycyrrhiza glabra Linn ग्‍लीसीर्रहीजा ग्लाब्र, और इसका कुल - Fabaceae होता है जिसे प्राचीन समय से ही उपयोग में लिया जाता रहा है। इसको कई नामो से जाना जाता है यथा यष्टीमधु, यष्टीमधुक, मधुयष्टि, जलयष्टि, क्लीतिका, मधुक, स्थल्यष्टी आदि। पंजाब के इलाकों में इसे मीठी जड़ के नाम से भी जाना जाता है। यह पौधा भारत के अलावा अरब, ईरान, तुर्कीस्तान, अफगानिस्तान, ईराक, ग्रीक, चीन, मिस्र दक्षिणी रूस में अधिकता से पाया जाता है। पहले यह खाड़ी देशों से आयात किया जाता था लेकिन अब इसकी खेती भारत में भी की जाने लगी है।

पतंजली मुलेठी क्वाथ के फायदे Patanjali Mulethi Kvath Benefits Usages Doses and Price
 
इसको पहचाने के लिए बताये तो इसके गुलाबी और जामुनी रंग के फूल होते हैं और इसके पत्ते एक दुसरे के पास (संयुक्त) और अंडाकार होते हैं। मुलेठी या मुलहटी पहाड़ी क्षेत्रों की माध्यम ऊँचाई के क्षेत्रों में अधिकता से पायी जाती है। इसका पौधा लगभग 6 फूट तक लम्बाई ले सकता है। इस पौधे की जो जड़े होती/ भूमिगत तना ही ओषधिय गुणों से भरपूर होता हैं। मुलेठी से हमें मुलेठी कैल्शियम, ग्लिसराइजिक एसिड, एंटी-ऑक्सीडेंट, एंटीबायोटिक, प्रोटीन और वसा आदि प्राप्त होते हैं। मुख्यतः मुलेठी जी जड़ों को ही उपयोग में लिया जाता है। इसकी मांग को देखते हुए पंजाब के कई इलाकों में इसकी खेती की जाने लगी है।

पतंजलि मुलेठी क्वाथ के लाभ /फायदे Mulethi Ke Fayde Benefits of Mulethi Hindi

मुलेठी का आप कई प्रकार से सेवन कर सकते हैं यथा मुंह के विकारों के लिए सीधे ही मुलेठी के एक तुकडे को मुंह में रख कर चूंस सकते हैं। इसका चूर्ण भी उपयोग में ले सकते हैं और इसका काढ़ा बनाकर उपयोग में ले सकते हैं। मुलेठी के निम्न ओषधिय लाभ प्राप्त होते हैं।
  • गले की खरांस, सर्दी जुकाम और खांसी के लिए इसका उपयोग किया जाता है।
  • मुलेठी गले, दाँतों और मसूड़ों के लिए लाभदायक होती है।
  • दमा रोगियों के लिए भी मुलेठी अत्यंत लाभदायी होती है।
  • वात और पित्त रोगों के लिए मुलेठी सर्वोत्तम मानी जाती है।
  • खून साफ़ करती है और त्वचा के संक्रमण को दूर करती है।
  • मुलेठी चूर्ण को दूध और शहद में मिलाकर लेने से कमोत्त्जना की बढ़ोत्तरी होती है।
  • मुलेठी की एक डंडी को मुंह में रखकर देर तक चूसते रहे इससे गले की खरांस और खांसी में लाभ मिलता है।
  • स्वांस से सबंधित रोगों में भी मुलेठी क्वाथ से लाभ मिलता है।
  • हल्दी के साथ मुलेठी चूर्ण को लेने से पेट के अल्सर में सुधार होता है।
  • पेट दर्द के लिए भी आप मुलेठी चूर्ण की फाकी ले सकते हैं जिससे पेट दर्द और एंठन में लाभ मिलता है।
  • स्वांस नली की सुजन के लिए भी यह श्रेष्ठ है।
  • एंटी बेक्टेरिअल होने के कारन यह पेट के कर्मी को समाप्त करती है और त्वचा के संक्रमण के लिए भी लाभदायी होती है।
  • खांसी या सुखी खांसी के लिए आप मुलेठी चूर्ण को शहद में मिलाकर दिन में दो बार चाटे तो लाभ मिलता है इसके साथ ही आप मुलेठी का एक टुकड़ा मुंह में भी रखे तो जल्दी आराम मिलता है।
  • यदि मुंह में जलन हो / इन्फेक्शन हो / छाले हो तो आप मुलेठी को सुपारी जितने आकार के टुकड़ों में काट लें और इनपर शहद लगाकर मुंह में रखे और इसे चूसे इससे लाभ मिलता है।
  • मुलेठी चूर्ण को नियमित रूप से दूध में लेने से शारीरिक कमजोरी दूर होती है।
  • पीलिया, अल्सर, ब्रोंकाइटिस आदि विकारों में भी मुलेठी लाभदायी होती है।
  • अन्य दवाओं के योग से ये स्त्रियों के रोगों के लिए भी उत्तम होती है। इसके सेवन से सौन्दय भी बढ़ता है।
  • अपच, अफरा, पेचिश, हाइपर एसिडिटी आदि विकारों में भी मुलेठी के सेवन से लाभ मिलता है।
  • अल्सर के घावों को शीघ्र भरने वाले विभिन्न घटक ग्लाइकेसइड्स, लिक्विरीस्ट्रोसाइड्स, आइसोलिक्विरीस्ट्रोसाइड आदि तत्व भी मुलेठी में पाये जाते हैं।
  • मुलेठी वमननाशक व पिपासानाशक होती है।
  • मुलेठी अमाशय की अम्लता में कमी व क्षतिग्रस्त व्रणों में सुधार लाता है।
  • अम्लोतेजक पदार्थ खाने पर होने वाली पेट की जलन, दर्द आदि को चमत्कारिक रूप से ठीक करता है

मुलेठी की चाय Mulethi Tea Benefits

मुलेठी क्वाथ के साथ आप मुलेठी की जड को पोदीना, तुलसी और अदरक के साथ कूट कर आप इसकी चाय भी बना सकते हैं।

मुलेठी का पान Mulethi Paan Ke Fayade Hindi


मुलेठी के पान के लिए आप सामान्य पान बनवाते वक़्त इसमें मुलेठी भी बनवा ले तो यह मुंह और गले के लिए उत्तम माना जाता है।
मुलेठी का स्वाद : मीठा, तिक्त और अम्लीय।

मुलेठी को सीधे ही सुपारी की तरह चुसे

मुलेठी के अधिकतम गुण प्राप्त करने के लिए आप मुलेठी के टुकड़े को मुंह में रखकर धीरे धीरे चुसे जिससे गुटका / सुपारी /जर्दा खाने की आदत छूट जायेगी और आपको मुलेठी के भरपूर गुण भी प्राप्त हो सकेंगे। इसके साथ ही मुलेठी को चूसने से दांत के कर्मी दूर होते हैं, मौखिक स्वास्थ्य सुधरता है और गले में भी लाभ प्राप्त होता है। गले की खरांस या फिर खांसी में आप इसे चुसे तो लाभ मिलता है।

पतंजलि मुलेठी क्वाथ की मात्रा : मुलेठी क्वाथ के सेवन के लिए आप वैद्य से सलाह लेवे क्योंकि इसकी मात्रा और लेने की विधि आपकी उम्र, रोग का प्रकार और शरीर की तासीर के अनुसार भिन्न हो सकती है।

मुलेठी खरीदते वक़्त रखी जाने वाली सावधानिया :
जब भी आप पंसारी से मुलेठी ख़रीदे तो इस विषय पर ध्यान देने की महत्ती आवश्यकता है क्यों की मुलेठी में मिलावट बहुत की जाती है, मसलन मुलेठी में इससे मिलते जुलते मचुरियन मल्हटी की मिलावट की जाती है जिसका स्वाद भी इससे मिलता जुलता ही होता है लेकिन उसमे ओषधिय गुण नहीं होते हैं। कई बार आपको बरसों पुरानी पड़ी हुयी मुलेठी भी दे दी जाती है जिसका स्वाद तो शुद्ध मुलेठी जैसा होता है लेकिन उसमे किसी भी प्रकार के कोई गुण नहीं होते हैं। इसलिए किसी विश्वास पात्र से या तो पतंजलि के प्रोडक्ट को प्राथमिकता दे जिसमे मेरे खयाल से कोई मिलावट नहीं होती है। असली मुलेठी अन्दर से कुछ पीलापन लिए हुए और हल्की लिए होती है।

मुलेठी क्वाथ के उपयोग में सावधानियां : यदि आप गुर्दे के रोग / मधुमेह का कोई इलाज ले रहे हों तो मुलेठी का उपयोग करने से पूर्व वैद्य की सलाह अवश्य लेवे। अधिक मात्रा में मुलेठी का सेवन नहीं किया जाना चाहिए।

पतंजलि मुलेठी क्वाथ की कीमत : वर्तमान की उपलब्ध जानकारी के हिसाब से पतंजलि मुलेठी क्वाथ १०० ग्राम के पेकेट में मिल रहा है जिसकी कीमत ३० रूपये है जो काफी किफायती है।

पतंजलि मुलेठी क्वाथ कहाँ से ख़रीदे :
पतंजलि मुलेठी क्वाथ को आप पतंजलि आयुर्वेदा के स्टोर्स से खरीद सकते हैं या फिर आप इसे ऑनलाइन भी खरीद सकते हैं। मजीद मालूमात के लिए पतंजली आयुर्वेद की अधिकृत वेबसाइट पर विजिट करे जिसका लिंक निचे दिया गया है।

पतंजलि आयुर्वेदा वेबसाइट का लिंक : -

https://www.patanjaliayurved.net/product/ayurvedic-medicine/kwath/mulethi-kwath/127
पतंजलि आयुर्वेदा का मुलेठी क्वाथ के विषय में कथन :

Beneficial in jugular infection, acidity, indigestion and other stomach related ailments. A mix of ancient formulae, with specific qualities. Tasty and effective kwath / decoction. Mix 5-10 grams of kwath in around 400 ml water and boil it, till residue is 100 ml. Filter it and take empty stomach in the morning, one hour before dinner or before going to sleep. If the taste of any kwath is acerbic, then, if you are not diabetic, mix honey or any other sweet item. If you are unable to take this decoction in more quantity, boil for a longer period and with less water content, filter it. Be alert that honey shall be mixed, when decoction is cool and not hot.
The author of this blog, Saroj Jangir (Admin), is a distinguished expert in the field of Ayurvedic Granths. She has a diploma in Naturopathy and Yogic Sciences. This blog post, penned by me, shares insights based on ancient Ayurvedic texts such as Charak Samhita, Bhav Prakash Nighantu, and Ras Tantra Sar Samhita. Drawing from an in-depth study and knowledge of these scriptures, Saroj Jangir has presented Ayurvedic Knowledge and lifestyle recommendations in a simple and effective manner. Her aim is to guide readers towards a healthy life and to highlight the significance of natural remedies in Ayurveda.
 

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3 टिप्पणियां

  1. मुलेठी क्वाथ के सेवन से पित्त कितने दिनों में शांत हो जाता हैं
  2. कफ खांसी में चुसने के लिए मुलैठी के तुकड़े भी उपलब्ध कराई जाये।
  3. Mulethi kwath Powder hai kya