
भोले तेरी भक्ति का अपना ही
बचपन में जब भी गला बैठ जाता था या फिर खांसी हो जाती थी तो हमें मुलेठी का टुकड़ा चुसने को मिलता था। अब जब इसके गुणों के बारे में ज्ञान हुआ है। मुलेठी का टुकड़ा दिखने में भले ही साधारण सा किसी टहनी का टुकड़ा लगता हो लेकिन यह ओषधिय गुणों से भरपूर है। आप बस मुंह में मुलेठी का टुकड़ा रख कर धीरे धीरे चूसते रहे तो आप पाएंगे की यह असर दिखाता है।
मुलेठी में ऐसा क्या होता है जो आपकी आवाज को सुरीली बना दे ? मुलेठी में वस्तुतः एंटीबेक्टेरियल गुण होते हैं जिससे मुंह के कर्मी समाप्त होते हैं और गले का बैठना, गले में खरांस का होना और गले की सुजन को दूर करने में मदद मिलती है। स्वाद में मीठी मुलेठी कैल्शियम, ग्लिसराइजिक एसिड, एंटी-ऑक्सीडेंट, एंटीबायोटिक, प्रोटीन और वसा के गुणों से भरपूर होती है मुंह के छालों में भी मुलेठी के सेवन से लाभ मिलता है। विशेषकर सर्दियों और मानसून के दिनों में गले में अक्सर खरांस हो जाती है। इसके लिए आप चाहे तो मुलेठी को चुसे या तो फिर आप मुलेठी की चाय बना कर भी पिए तो आपकी बैठी हुयी आवाज भी सही हो जायेगी।
मुलेठी की चाय : मुलेठी की चाय आपके गले की लिए किसी भी ओषधि से कम नहीं होती है। आप दो से तीन तुकडे मुलेठी के ले और इसे अच्छे से कूट कर दरदरा बना ले और इसमें आप तो से तीन श्यामा तुलसी के पत्ते और चुटकी भर हल्दी और अदरक मिला कर धीमी आंच पर इसकी चाय बना ले। गला ख़राब होने पर इसका सेवन करे तो आपको लाभ मिलता है।
![]() |
Author - Saroj Jangir
दैनिक रोचक विषयों पर में 20 वर्षों के अनुभव के साथ, मैं इस ब्लॉग पर रोचक और ज्ञानवर्धक जानकारियों और टिप्स यथा आयुर्वेद, हेल्थ, स्वास्थ्य टिप्स, पतंजलि आयुर्वेद, झंडू, डाबर, बैद्यनाथ, स्किन केयर आदि ओषधियों पर लेख लिखती हूँ, मेरे इस ब्लॉग पर। मेरे लेखों का उद्देश्य सामान्य जानकारियों को पाठकों तक पहुंचाना है। मैंने अपने करियर में कई विषयों पर गहन शोध और लेखन किया है, जिनमें जीवन शैली और सकारात्मक सोच के साथ वास्तु भी शामिल है....अधिक पढ़ें। |