पिउजी बिना म्हारो प्राण पड़े म्हारी हेली

पिउजी बिना म्हारो प्राण पड़े म्हारी हेली चलो हमारा देश

 
पिउजी बिना म्हारो प्राण पड़े (म्हारी हेली चलो हमारा देश) लिरिक्स Piuji Bina Mharo Pran Pade Lyrics

गागर ऊपर गागरी चोली ऊपर हार
सूली ऊपर सासरो कहे कबीर विचार
पियूजी बिना म्हारो प्राण पड़े म्हारी हेली
जल बिन मछली मरे
पियूजी बिना म्हारो प्राण पड़े म्हारी हेली
जल बिन मछली मरे
कौन मिलावे म्हारा राम से म्हारी हेली
रोई रोई रुदन करां
म्हारी हेली वो
आवो हमारा देस
अबे म्हाने लाग्यो भजन वालो बाण
म्हारी हेली वो
आवो साहिब जी रा देस
केतो सूती रंग महल में म्हारी हेली
जाग्या रे जतन कराए
केतो सूती रंग महल में म्हारी हेली
जाग्या रे जतन कराए
कौन मिलावे म्हारा राम से म्हारी हेली
रंग भर सेज बिछावो
म्हारी हेली वो
आवो हमारा देस
अबे म्हाने लाग्यो भजन वालो बाण
म्हारी हेली वो
चालो साहिब जी रा देस
छोड़ी दो पीहर सासरो म्हारी हेली
छोड़ी दो रंग भर सेज
छोड़ी दो पीहर सासरो म्हारी हेली
छोड़ी दो रंग भर सेज
छोड़ो पितांबर ओढ़नो म्हारी हेली
धरी लीजो भगवो भेश
म्हारी हेली वो
आवो हमारा देस
अबे म्हाने लाग्यो भजन वालो बाण
म्हारी हेली वो
चालो साहिब जी रा देस
एक भाण की वां क्या पड़ी म्हारी हेली
करोड़ भाण को परकाश
एक भाण की वां क्या पड़ी म्हारी हेली
करोड़ भाण को परकाश
साहिब कबीर धर्मी बोल्या म्हारी हेली
वो तो सूलीरे वालो देस
म्हारी हेली वो
आवो हमारा देस
आबे म्हाने लाग्यो भजन वालो बाण
म्हारी हेली वो
चालो साहिब जी रा देस
म्हारी हेली वो
चालो पीयूजी रा देस
म्हारी हेली वो
आवो हमारा देस

बहुत दिनन की जोवती, बाट तुम्हारी राम
जिव तरसै तुझ मिलन कूँ, मनि नाहीं विश्राम
बिरह सुन्दरी देइ संदेसरा
सुनो हमारे पीव।
जल बिन मछली क्यों जिए
पानी हूं का जीव
बिरह तेज तन मे तपे
अंग सभी अकुलाय
घट सूना जिव पीव में
मौत ढूँढ फिर जाय
पिउजी बिना म्हारो प्राण पड़े
म्हारी हेली
जल बिन मछली मरे
कोण मिलावे म्हारा राम न
म्हारी हेली
रोई रोई रुदन करा
म्हारी हेली चलो हमारा देश


के तो सूती रंग महल
म्हारी हेली
जाग जतन कराय
कोण मिलावे म्हारा राम न
म्हारी हेली
रंग भरस सेज चाव
म्हारी हेली

म्हारी हेली चलो हमारा देश
म्हारी हेली
चलो गुरा के देश

छोड़ी दो पीहर सासरो
म्हारी हेली
छोड़ी दो रंग भर सेज
छोड़ पीताम्बर
घडलो रे भगवो बेस

म्हारी हेली
म्हारी हेली चलो हमारा देश
म्हारी हेली
चलो गुरा के देश
 

kabir bhajan :- पीयूजी बिना म्हारो प्राण पड़े म्हारी हेली जल बिन मछली मरे,, by prahlad singh tipaniya
Saroj Jangir Author Author - Saroj Jangir

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