राम रस मीठो घणो शबनम विरमानी
राम रस मीठो घणो कबीर भजन
मैं मेरा घर जाळिया रे, जोगिया जी
लियो पलीता हाथ
कोई अगर जाळो घर आपरो रे, जोगिया जी
चलो हमारे साथ
हे राम रस मीठो घणो रे, जोगिया जी
पिए अमर होई जाए
घर जाळिया घर ऊभरे रे, जोगिया जी
घर राख्यो घर जाए
एक अचंभो मैं देखियो रे, जोगिया जी
मड़ौ काल ने खाये
हे राम रस,
आगे रे आगे दव जले रे, जोगिया जी
पीछे हरिया है
बलिहारी इण रूंखड़ी रे, जोगिया जी
जड़ काट्यो फल होए
हे राम रस…
ध्रुव पियो, प्रहलाद पियो रे, जोगिया जी
पियो पीपे रविदास
भगत कबीरो पिए रह्यो रे, जोगिया जी
फेर पीयण री आस
हे राम रस…
लियो पलीता हाथ
कोई अगर जाळो घर आपरो रे, जोगिया जी
चलो हमारे साथ
हे राम रस मीठो घणो रे, जोगिया जी
पिए अमर होई जाए
घर जाळिया घर ऊभरे रे, जोगिया जी
घर राख्यो घर जाए
एक अचंभो मैं देखियो रे, जोगिया जी
मड़ौ काल ने खाये
हे राम रस,
आगे रे आगे दव जले रे, जोगिया जी
पीछे हरिया है
बलिहारी इण रूंखड़ी रे, जोगिया जी
जड़ काट्यो फल होए
हे राम रस…
ध्रुव पियो, प्रहलाद पियो रे, जोगिया जी
पियो पीपे रविदास
भगत कबीरो पिए रह्यो रे, जोगिया जी
फेर पीयण री आस
हे राम रस…
मैं मेरा घर जाळिया रे, जोगिया जी
लियो पलीता हाथ
कोई अगर जाळो घर आपरो रे, जोगिया जी
चलो हमारे साथ
हे राम रस मीठो घणो रे, जोगिया जी
Raam Ras Meetho Ghano by Vipul Rikhi & Shabnam Virmani
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Author - Saroj Jangir
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