अजहुँ तेरा सब मिटै जो जग मानै हार हिंदी मीनिंग
अजहुँ तेरा सब मिटै जो जग मानै हार
घर में झजरा होत है, सो घर डारो जार
Ajahun Tera Sab Mitai Jo Jag Maanai Haar
Ghar Mein Jhajara Hot Hai, So Ghar Daaro Jaar
दोहे का हिंदी मीनिंग: कबीर साहेब की अलौकिक वाणी है की इस घर को ही जला डालो ! सभी समस्याओं और परेशानियों का मूल यह घर ही है। घर में ही झगड़ा होता है। घर से साहेब का संकेत है यह देह लेकिन इस देह को जलाना क्यों है। इस देह में ही लोभ है, अहम है, अभिमान है, लालच है, काम क्रोध और विषय वासना है, इन्हे जलाना है। जब इनको जला दोगे तो फिर हृदय /आत्मा निर्मल हो जायेगी।
माया के जल जाने पर मार्ग स्पष्ट दिखाई देगा। कहाँ से आये हैं और कहाँ को जाना है, मेरा कौन है-कोई नहीं, सभी विकार इसी घर से ही शुरू होते हैं।
यदि तुम इन विकारों को जला दोगे /इनको प्रश्रय देने वाले तन रूपी घर को जला दोगे तो तुम पाओगे की तुम्हारे सब झगड़े शांत हो गए हैं। अब भी यदि तुम इस संसार से हार मान जाओ तो सब विकार मिट जाएंगे। संसार से हार मानने से अभिप्राय है की मुझे कुछ नहीं चाहिए, यदि तुम अपने को बड़ा मानते हो तो ठीक है तुम हो मैं नहीं, यह दृष्टिकोण एक साधू का ही हो सकता है। जब तुम्हारा इस संसार से सब कुछ जल जायेगा तो तुम शहंशाह बन जाओगे --
चाह गई चिंता मिटी, मनुआ बेपरवाह।
जिनको कछु नहि चाहिये, वे साहन के साह।।
Chaah Gaee Chinta Mitee, Manua Beparavaah.
Jinako Kachhu Nahi Chaahiye, Ve Saahan Ke Saah..
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