हिंदी मीनिंग बुल्ला की जाणां मैं कौंण पंजाबी सोंग लिरिक्स

हिंदी मीनिंग बुल्ला की जाणां मैं कौंण लिरिक्स  Bulla Ki Jana Main Koun Rabby Shergil Song

हिंदी मीनिंग बुल्ला की जाणां मैं कौंण Bulla Ki Jana Main Koun Hindi Meaning

बुल्ला की जाणां मैं कौंण
मैं नहीं जानता की मैं कौन हूँ।
Bulla (Bulle Shah) I know not who I am.
बुल्ला की जाणां मैं कौंण 
मैं नहीं जानता की मैं कौन हूँ। 
 
नां मैं मोमन विच मसीतां
ना तो मैं मुस्लिम हूँ और ना ही मुझे मस्जिद में आस्था है।
Nor am I the believer in mosque
नां मैं विच कुफ़र दियाँ रीतां
Nor am I in the rituals of the infidel
ना ही मुझे धार्मिक विश्वास /अविश्वास के तरीकों में विश्वास है।
 
ना मैं पकां विच पलितां
Nor am I the pure in the impure
ना तो मैं शुद्ध (पकां) हूँ और ना ही अशुद्ध(पलितां)
ना मैं अंदर बेद किताबां
ना ही मैं वेद और धार्मिक किताबों में हूँ
Nor am I inherent in the Vedas
ना मैं रेह्न्दा भंग शराबां
मैं शराब और भांग जैसे किसी भी नशे में नहीं हूँ
Nor am I present in intoxicants
ना मैं रेह्न्दा मस्त ख़राबां
Nor am I lost nor the corrupt
मैं खोया हुआ और खराब भी नहीं हूँ
ना मैं शादी ना गमनाकी
Nor am I union nor grief
ना तो मैं ख़ुशी में हूँ और नाही दुःख में
ना मैं विच पलीतां पाकी
ना तो मैं शुद्ध हूँ और ना ही असुद्ध ही
ना मैं आबी ना मैं खाकी
ना तो मैं पानी (आबि) हूँ और ना ही खाकी (जमीन)
ना मैं आतिश ना मैं पौन
ना तो मैं आग (आतिश ) हूँ और ना ही पानी (पौन) हूँ
बुल्ला की जाणां मैं कौंण
मैं नहीं जानता की मैं कौन हूँ।
Bulla, I know not who I am

ना मैं अरबी ना लाहौरी
ना तो मैं अरबी हूँ और ना ही लाहौर से ताल्लुकात रखता हूँ
Nor am I Arabic nor from Lahore
ना मैं हिंदी शहर नागौरी
ना ही मैं नागौरी (नागौर, राजस्थान ) का हूँ
Nor am I the Indian City of Nagaur
ना हिन्दू ना तुर्क पशुरी
ना तो मैं हिन्दू हूँ और ना ही तुर्क, पाशुरी
Nor a Hindu nor a Peshawri turk
ना मैं भेद मजहब दा पाया
मैं मजहब मैं कोई अंतर् नहीं किया है /मैं मजहब को नहीं जाना है
Nor did I create the difference of faith
ना मैं आदम हवा जाया
ना ही मैं आदम और इव का उत्पन्न हूँ
Nor did I create adam-eve
ना कोई अपना नाम धराया
मैं स्वंय को किसी नाम विशेष (पहचान ) मैं बाँधा नहीं है
Nor did I name myself
अव्वल आखर आप नूं जाणा
शुरआत हो या आखिरी हो जाना खुद को है (खुदा के पास )
Beginning or end I know just the self
ना कोई दूजा होर पछाना
किसी दूसरे की पहचान काम नहीं आनी
Do not acknowledge duality
मैं तो ना कोई होर सयाना
मुझसे बुद्धिमान और कोई नहीं हैं
There’s none wiser than I
बुल्ले शाह खड़ा है कौन
बुल्ले शाह कौन है
Who is this Bulla Shah
बुल्ला की जाणां मैं कौंण
मैं नहीं जानता की मैं कौन हूँ।
Bulla! I know not who I am
ना मैं मूसा ना फरोस
ना तो मैं 'मूसा' हूँ और नाही "फरोस" हूँ
Nor am I Moses nor Pharoah
ना मैं आतिश ना मैं पौन
ना तो मैं आग (आतिश ) हूँ और ना ही पानी (पौन) हूँ
Nor am I fire nor wind
ना मैं रेह्न्दा विच नादाँन
मैं नादानों के बीच भी नहीं रहता हूँ
I do not stay in Nadaun (city of innocents)
बुल्ले शाह खड़ा है कौन
बुल्ले शाह कौन है
Who is this Bulla Shah
बुल्ला की जाणां मैं कौंण
मैं नहीं जानता की मैं कौन हूँ।
Bulla! I know not who I am
बुल्ला की जाणां मैं कौंण
मैं नहीं जानता की मैं कौन हूँ।
Bulla! I know not who I am
बुल्ला की जाणां मैं कौंण
मैं नहीं जानता की मैं कौन हूँ।
Bulla! I know not who I am
 
 

Rabbi Shergill - Bulla Ki Jaana Maen Kaun

ना मैं अन्दर बेद किताबां, ना विच भंगां ना शराबां,
ना विच रिन्दां मसत खराबां, ना विच जागन ना विच सौण ।
बुल्ल्हा की जाणा मैं कौण ।

ना विच शादी ना ग़मनाकी, ना मैं विच पलीती पाकी,
ना मैं आबी ना मैं ख़ाकी, ना मैं आतिश ना मैं पौण ।
बुल्ल्हा की जाणा मैं कौण ।

ना मैं अरबी ना लाहौरी, ना मैं हिन्दी शहर नगौरी,
ना हिन्दू ना तुर्क पशौरी, ना मैं रहन्दा विच नदौण ।
बुल्ल्हा की जाणा मैं कौण ।

ना मैं भेत मज़हब दा पाइआ, ना मैं आदम हवा जाइआ,
ना मैं आपना नाम धराइआ, ना विच बैठण ना विच भौण ।
बुल्ल्हा की जाणा मैं कौण ।

अव्वल आखर आप नूं जाणां, ना कोई दूजा होर पछाणां,
मैथों होर ना कोई स्याणा, बुल्हा शाह खढ़ा है कौण ।
बुल्ल्हा की जाणा मैं कौण ।बुल्ला कि जाणा मैं कोण


ना मैं मोमिन विच्च मसीतां
ना मैं विच कुफर दियां रीतां
ना मैं पाका विच पलीतां

ना मैं अन्दर वेद किताबां
ना मैं विच भंग शराबां
ना विच रिदां मस्त खराबां
ना मैं शादी ना गमनाकी
ना मैं विच पलीती पाकी
ना मैं आबी ना मैं खाकी
ना मैं आतिश ना मैं पोण | बुल्ला कि जाणा मैं कोण .....

ना मैं अरबी ना लाहोरी
ना मैं हिंदी शहर नागोरी
ना हिन्दू ना तुर्क पेशारी
ना मैं बैठ मजहब दा पाया
ना मैं आदम हव्वा जाया
ना मैं कोई अपणा नाम कराया
अव्वल आखिर आप नु जाणा
ना कोई दूजा होर पेहचाणा
मैं तो होर ना कोई सयाणा
बुल्ले शाह खेड़ा है कोण | बुल्ला कि जाणा मैं कोण ......

ना मैं मूसा ना फरों
ना मैं जागण ना विच सोण
ना मैं आतिश ना मैं पोण
ना मैं रैदां विच भोण
बुल्ले शाह खेड़ा है कोण | बुल्ला कि जाणा मैं कोण .......
 
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Saroj Jangir Author Author - Saroj Jangir

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5 टिप्पणियां

  1. Super I'm always looking this site 👌 for lyrics. Thank you
  2. Thanks
  3. बहुत खूब। धन्यवाद।
  4. Kripaya Hindu Wali Line ka bhi Wishleshan Kare...
  5. शानदार ! काफी वक्त तक यह गीत मेरे अंतर्मन में बोलता रहा‌ था, और सही मायनों में हमारे खुद की शख्शियत के पहचान पर सवाल कर अकेला खड़ा कर देता हैं कि इतना कुछ होने बावजूद हमारा अपना वजूद कहां है !?