यह प्रसिद्द गीत "बत्ती बाळ के बनेरे उत्ते, रखनी आ" पंजाबी फिल्म भांगड़ा, वर्ष १९५९ का एक गीत है। इस मूवी के निर्देशक का नाम जुगल किशोर जी है। इस गीत की गायिका शमशाद बेगम हैं इसके अतिरिक्त इसमें मोहम्मद रफी जी ने भी अपना स्वर दिया है। इस गीत के बोल पंजाबी भाषा में है इसलिए इसका अर्थ निचे दिया गया है.
बत्ती बाल के लिरिक्स Batti Bal Ke Song Lyrics
बत्ती बाळ के बनेरे उत्ते, रखनी आ, बत्ती बाळ के बनेरे उत्ते, रखनी आ, गली भुल्ल ना जावे, चन्न मेरा, हाय नी, बत्ती बाळ के बनेरे उत्ते, रखनी आ।
उसनूं ना चंगी तरह गली दी पहचान है, उसनूं ना चंगी तरह गली दी पहचान है, रात हनेरी मेरा माही अनजान है, रात हनेरी मेरा माही अनजान है, बूहा खोल के, नी बूहा खोल के, मैं चोरी चोरी तकनी आ, ओहनूं पूछना पावे ना घर मेरा, हाय नी, बत्ती बाळ के बनेरे उत्ते, रखनी आ।
कुट्ट कुट्ट चूरियाँ मैं, चन्न लई रखियाँ, दूध नूं उबाल के, झल नी आ पखियाँ, कदे बहनियां, नी कदे बह नियाँ ते कदे, उठ उठ नचनिया, अग्गे लंग जा जावे चन्न मेरा, हाय नी, बत्ती बाळ के बनेरे उत्ते, रखनी आ।
फेरियां मैं कंघिया ते, कजला वी पाया है,
अज्जे प्रोहणे नहियो, बूहा खड़काया है, नी मैं अखियां, नी मैं अखियां, बूहे दे वल्ल रखनियाँ आ, आके मुड़ ना जावे, माही मेरा, हाय नी, बत्ती बाळ के बनेरे उत्ते, रखनी आ। गली भुल्ल ना जावे, चन्न मेरा, हाय नी, बत्ती बाळ के बनेरे उत्ते, रखनी आ।
Batti Bal Ke Song Hindi Meaning (Punjabi Song) बत्ती बाल के सांग हिंदी मीनिंग (पंजाबी सांग हिंदी मीनिंग)
बत्ती बाळ के बनेरे उत्ते, रखनी आ, बत्ती बाळ के बनेरे उत्ते, रखनी आ, गली भुल्ल ना जावे, चन्न मेरा, हाय नी, बत्ती बाळ के बनेरे उत्ते, रखनी आ।
बत्ती बाळ के बनेरे उत्ते, रखनी आ : मैं लालटेन, दीपक को जला कर बनेरा/बनेरे पर रखती हूँ। गली भुल्ल ना जावे, चन्न मेरा : ताकि रात के अँधेरे में मेरा प्रियतम गली को भूल जा जाए। प्रेमिका अपने प्रिय के लिए मुंडेर घर आंगन के सामने कम ऊंचाई की दीवार, जिसे बनेरा कहते हैं पर रखती है। बत्ती बाल : बत्ती (रौशनी करना ) से आशय उजाला है और बाल से आशय जलाने से है। ਬਨੇਰਾ/Parapet : a low protective wall along the edge of a roof, bridge, or balcony.(रेलिंग ) ਬਨੇਰਾ (ਨਾਂ,ਪੁ) ਬਰਸਾਤੀ ਪਾਣੀ ਦੀ ਰੋਕ ਲਈ ਛੱਤ ਤੋਂ ਉੱਤੇ ਚੁਫ਼ੇਰੇ ਬਣਾਈ ਅੜਤਲ ਬਨੇਰਾ ਕਾਹਲਾਤਾ ਹੈ। उसनूं ना चंगी तरह गली दी पहचान है : उसे (प्रियतम को) गली की पहचान ठीक तरह से नहीं है। चंगी : अच्छे से, भलीभाँति। चंगी शब्द चंगा से बना है जिसका अर्थ अच्छी, अच्छी तरह से होता है। ਚਂਗੀ : ਚੰਗਾ ਚੰਗਾ good, fine ਮੈਂ ਚੰਗਾ ਹਾਂ, ਧੰਨਵਾਦ। ਚੰਗਾ: ਠੀਕ, ਮਨਪਸੰਦ; ਰਾਜ਼ੀ-ਬਾਜ਼ੀ, ਰੋਗ ਰਹਿਤ , ਤਗੜਾ; ਕਿਸਮਤ ਵਾਲ਼ਾ, ਸੁਭਾਗਾ अच्छा। रात हनेरी मेरा माही अनजान है : रात अँधेरी है, (चाँद नहीं है ) माही मेरा रास्ते से अनजान है। बूहा खोल के, मैं चोरी चोरी तकनी आ : मैं दरबाजा (बूहा) खोल के चोरी चोरी उसकी राह देख रही हूँ। ओहनूं पूछना पावे ना घर मेरा : उसको किसी से मेरा घर पूछने की जरूरत ही ना पड़े/इसलिए मैं दरवाजा खोल कर उसकी राह देख रही हूँ। ओहनूं : उसको. पवे : पड़े। ਬੂਹਾ /Buha : ਦਰਵਾਜਾ /दरवाजा। ਬੂਹਾ (ਨਾਂ,ਪੁ) ਕੋਠੇ ਅੰਦਰ ਲੰਘਣ ਲਈ ਕੰਧ ਵਿੱਚ ਰੱਖਿਆ ਮੁਨਾਸਿਬ ਚੌੜਾਈ ਅਤੇ ਉਚਾਈ ਦਾ ਰਸਤਾ
कुट्ट कुट्ट चूरियाँ मैं, चन्न लई रखियाँ : मैंने बड़े ही चाव से चूरमा बनाया है और इसे मेरे चाँद (चन्न -प्रिय) के लिए रखा है। दूध नूं उबाल के झल नी आ पखियाँ : दूध को उबालने के बाद मैं अपने प्रिय के लिए उसे पंखा झलाती हूँ, हाथ के पंखे से उसे ठंडा करती हूँ। कदे बहनियां : मैं कभी तो "बह नी ) बैठ जाती हूँ।
कदी : कभी, ਕਦੀ [ਕਿਵਿ] ਕਦੇ, ਵਿੱਚੋਂ-ਵਿੱਚੋਂ, ਆਮ ਨਿਤਨੇਮ ਤੋਂ ਹੱਟ ਕੇ, ਕਿਸੇ ਸਮੇਂ बहनिया : यह शब्द "बह / बही " से बना है जिसका अर्थ है बैठना, नीचे बैठना। ਬਹਿ ਬੈਠ ਕੇ, ਮੰਨੇ ਕਾ ਬਹਿ ਕਰਨਿ ਵੀਚਾਰੁ ; ਬੈਠ ਕੇ, ते कदे उठ उठ नचनिया : तो कभी मैं उठ उठ कर नाचने लग जाती हूँ।
अग्गे लंग जा जावे चन्न मेरा : मेरा प्रिय कहीं मेरा घर छोड़कर आगे ना चला जाए। चूरियाँ : चुरिया शब्द "चूरी" से बना है जिसका अर्थ गेहूं की रोटी में घी और शक़्कर मिला कर उससे चूरमा बना लिया जाता है। ਚੂਰੀ : ਚੂਰੀ (ਨਾਂ,ਇ) ਖੰਡ, ਘਿਓ ਰਲਾ ਕੇ ਚੂਰਨ ਕੀਤੀ ਰੋਟੀ पखिया : पंखिया शब्द पंजाबी के पखी से बना है। ਪੱਖੀ. ਸੰਗ੍ਯਾ—ਛੋਟਾ ਪੰਖਾ/हाथ का छोटा पंखा.
फेरियां मैं कंघिया ते कजला वी पाया है : मैंने अपने बालों में कंघी भी फिराई है, बालों को कंघी से संवारा है और काजल भी लगाया है। अज्जे प्रोहणे नहियो बूहा खड़काया है : अभी तक मेहमान ने दरवाजा खड़काया है, दरवाजे पर दस्तक नहीं दी है। ते : और। फेरिया : फिराया है। कंघिया : कंघी करना, बाल संवारना, बाल बनाना।
Bhangra - Batti bal ke banere uttey rakhni aan gali bhul na - Google Chrome.flv
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Bhangra (Punjabi: ਭੰਗੜਾ) १९५९ में रिलीज़ हुई फिल्म है। यह फिल्म रोमांस, ड्रामा और कॉमेडी पर आधारित है। इस फिल्म के निर्देशक जुगल किशोर जी हैं। फिल्म में सुन्दर, निशि और मंजू लीड रोल में हैं। फिल्म का संगीत हंसराज बहल जी का है। Bhangra/ਭੰਗੜਾ (१९५९) निर्देशक /Directed by: Jugal Kishore कहानी : Story by: Mulk Raj Bhakti निर्माता : Produced by: Mulk Raj Bhakhri कलाकार : Starring-Sunder as Sunder, Nishi as Banto, Manju Gopal Saigal as Ruldu Ram, Kharaiti as munshi mehnga mall Vimla Kumari, Ramlal as Bulaki,Banto‘s father, Cinematography: Raj Kumar Bhakhri Edited by: Lachhman Dass Music by: Hans Raj Bahi Production companies Mohan Studios Prakash Studios Release : 1959 Running time : 120 minutes Language: Punjabi
Batti Bal Ke Banere Ute Rakhniya Aa Complete Lyrics
बत्ती बाल के बनेरे उत्ते रखनी आं, ग़ली भूल ना जावे चन मेरा, हाय नी, बत्ती बाल के बनेरे उत्ते रखनी आं।
ओसनूं ना चंगी तरां गली दी पहचान ऐ, रात हनेरी मेरा माही अनजान ऐ, बुहा खोल के, हाय नी बुहा खोल के, में चोरी चोरी तकनी आं। ओनूं पूछना पवे न घर मेरा, हाय नी, बत्ती बाल के बनेरे उत्ते रखनी आं।
कुट कुट चूरी मैं चन लई रखदियाँ दुध नू उबाल के ते झलनियां पखियां, घड़ी बैठ्नियाँ, घड़ी उठ उठ नचनियां, अग्गे लंग न जावे चन मेरा, हाय नी, बत्ती बाल के बनेरे उत्ते रखनियां।
फेरियां मैं कंघियां ते कज्जल वी लाया ऐ, अजे वी प्रोहुने ने नयियों बुहा खडकाया ऐ, नी मैं अखियन बूहे दे वाल रखनियां, आके मूढ़ ना जावे माही मेरा, हाय नी, बत्ती बाल के बनेरे उत्ते रखनियां, गली भूल ना जावे चन मेरा , हाय नी, बत्ती बाल के बनेरे उत्ते रखनियां।