झूठ जवाहिर को बनिज हिंदी मीनिंग Jhunth Javahir Ko Banij par ndi Meaning कबीर के दोहे मीनिंग

झूठ जवाहिर को बनिज पर सो तब लग पूर हिंदी मीनिंग Jhunth Javahir Ko Banij par So Tab Lab Poor Hindi Meaning कबीर के दोहे मीनिंग

झूठ जवाहिर को बनिज पर सो तब लग पूर।
जब लग मिले ना पारखी, घन पे चढ़े ना कूर।।
 
Jhooth Javaahir Ko Banij Par So Tab Lag Poor.
Jab Lag Mile Na Paarakhee, Ghan Pe Chadhe Na Koor
 
झूठ जवाहिर को बनिज हिंदी मीनिंग Jhunth Javahir Ko Banij par ndi Meaning कबीर के दोहे मीनिंग

Jhooth Jawahir Ko Banij Par To Tab Lag Poor Hindi Meaning Kabir Ke Dohe Hindi Meaning

झूठ जवाहिर को बनिज पर सो तब लग पूर हिंदी शब्दार्थ : Word Meaning of Kabir Ke Dohe
झूठ जवाहिर : झूठे और नकली रत्न
बानिज : व्यापार
तब लग पूर : तब तक ही चलता है।
पारखी : ज्ञाता
घन :कूटने और पीटने का ओजार।
कूर : कुटना / पीटना, परख करना।


इस दोहे का हिंदी मीनिंग : किसी भी झूठे और छद्म व्यक्ति के नकली जवाहरात (रत्न ) का काम तभी तक चलता है जब तक की पारखी व्यक्ति उन रत्नों को घन पर रख कर परख ना लें। भाव है की पारखी और ज्ञानी व्यक्ति के पास झूठ का व्यापार नहीं चल पाता है। कबीर साहेब का संकेत है की समाज में तरह तरह के नकली लोग भरे पड़े हैं जिनका ज्ञान /वस्तु कसोटी पर कसी नहीं गयी है। जब कोई पारखी व्यक्ति उस ज्ञान को कसोटी पर कसता है तभी उसकी वास्तविकता का भेद पाया जा सकता है। 

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