कुमति कीच चेला भरा गुरु ज्ञान जल होय हिंदी मीनिंग कबीर के दोहे

कुमति कीच चेला भरा गुरु ज्ञान जल होय-हिंदी भावार्थ/मीनिंग Kumati Keech Chela Bhara Guru Gyan Jal Hoy-Hindi Meaningvकबीर दोहा व्याख्या हिंदी में

कुमति कीच चेला भरा गुरु ज्ञान जल होय।
जनम  जनम का मोरचा, पल में डारे धोया॥
 
 
 Kumati Keech Chela Bhara Guru Gyaan Jal Hoy.
Janam  Janam Ka Moracha, Pal Mein Daare Dhoya.  
 
कुमति कीच चेला भरा गुरु ज्ञान जल होय हिंदी मीनिंग Kumati Keech Chela Bhara Guru Gyan Jal Hoy Hindi Meaning Kabir Ke Dohe

Kabir Dohe Hindi Meaning कबीर के दोहे का हिंदी मीनिंग निकृष्ट बुद्धि (कुमति) से/ बुराइयों से भरे हुए चेले के लिए गुरु निर्मल जल की भाँती होते हैं। शिष्य के पाप और बुराइयों को सद्गुरु एक पल में धो डालते हैं। गुरु के संपर्क में आने पर सभी बुराइयां दूर हो जाती हैं। कबीर साहेब ने गुरु की महिमा को बहुत बड़ा माना है क्योंकि गुरु ही शिष्य की बुराइयों को चिन्हित करता है और उन्हें दूर करके जीवन के मूल उद्देश्य की और बढ़ाता है। गुरु के अभाव में नर नुगरा ही बना रहता है। 
गुरु के विषय में कबीर साहेब के अन्य विचार :-

गुरु कुम्हार शिष्य कुंभ, गढ़ि गढ़ि काढ़ै खोट
  अंदर हाथ सहार दै, बाहर बाहै चोट
Guru Kumhaar Shishy Kumbh, Gadhi Gadhi Kaadhai Khot
Andar Haath Sahaar Dai, Baahar Baahai Chot 

Kabir Dohe Hindi Meaning कबीर के दोहे का हिंदी मीनिंग  गुरु कुम्हार (मिटटी के बर्तन बनाने वाला ) के समान होता है जो की शिष्य को गढ़ने (चरित्र निर्माण ) का कार्य करता है। शिष्य को बाहर से चोट लगाता है और अंदर से सहारा देता है जिससे वह कहीं टूट ना जाए।

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