गुरु गोविन्द दोऊ खड़े काको लागूं पायं हिंदी मीनिंग कबीर के दोहे

गुरु गोविन्द दोऊ खड़े काको लागूं पायं हिंदी मीनिंग Guru Govind Dou Khade Kake Lagu Paay Hindi Meaning

गुरु गोविन्द दोऊ खड़े काको लागूं पायं।
बलिहारी गुरु आपने जिन गोविन्द दियो बताय।।
या
गुरू गोविन्द दोऊ खड़े, काके लागूं पांय।
बलिहारी गुरू अपने गोविन्द दियो बताय।।
Guru Govind Dooo Khade Kaako Laagoon Paayan.
Balihaaree Guru Aapane Jin Govind Diyo Bataay.


दोहे का हिंदी मीनिंग: गुरु और गोविन्द दोनों खड़े हैं, पहले किसके पाँव छुए जाएँ ? जटिल प्रश्न है क्योंकि कबीर ने स्थान स्थान पर गुरु को ही ईश्वर तुल्य माना है। दोनों यदि एक साथ आ जाए तो ? इस पर कबीर साहेब की वाणी है की वे गुरु के ही पाँव पहले छुएंग क्योंकि उन्होंने ही गोविन्द का ज्ञान करवाया है /गोविन्द के विषय में जानकारी दी है। यदि किसी के पास हीरा है और उसे ज्ञान नहीं है तो वह पत्थर के सामान ही है, लेकिन यदि कोई हीरे की जानकारी दे तो वह हीरे से भी बढ़कर महत्त्व रखता है।

दुसरे अर्थों में इस दोहे का भाव है की गुरु और गोविन्द दोनों खड़े हैं, लेकिन गोविन्द के बारे में पता नहीं है। इस पर गुरु इशारा करके गोविन्द के बारे में जानकारी देते हैं, इसलिए गुरु बहुत महान हैं।

माया महाठगिनी हम जानी।
निरगुन फांस लिए कर डोलै, बोलै मधुरी बानी।
केसव के कमला होइ बैठी, सिव के भवन भवानी।
पंडा के मूरत होइ बैठी, तीरथ हू में पानी।
जोगि के जोगिन होइ बैठी, राजा के घर रानी।
काहू के हीरा होइ बैठी, काहू के कौड़ी कानी।
भक्तन के भक्ति होउ बैठी, ब्रह्मा के बह्मानी।
कहै कबीर सुनो भाई साधो, वह सब अकथ कहानी।

माटी के कोट पखान के ताला, सोई बन सोई रखने वाला ।
सो बन देखत जीव डेराना, ब्राह्मन वैष्नव एकहि जाना ।
ज्यों किसान कीसानी करई, उपजे खेत बीज नहिं परई?
छाडि देव नर झेलिक झेला, बूडे दोऊ गुरू औ चेला?
तीसर बूडे पारथ भाई, जिन बन दीन्हों दहा लगाई ।
भूकि भूकि कूकुर मरि गयऊ, काज न एक स्यार से भयऊ?
मूस बिलाई एक संग, कहु कैसे रहि जाय ।
अचरज एक देखहु हो संतो, हस्ती सिंहहि खाय ।

Maaya Mahaathaginee Ham Jaanee.
Niragun Phaans Lie Kar Dolai, Bolai Madhuree Baanee.
Kesav Ke Kamala Hoi Baithee, Siv Ke Bhavan Bhavaanee.
Panda Ke Moorat Hoi Baithee, Teerath Hoo Mein Paanee.
Jogi Ke Jogin Hoi Baithee, Raaja Ke Ghar Raanee.
Kaahoo Ke Heera Hoi Baithee, Kaahoo Ke Kaudee Kaanee.
Bhaktan Ke Bhakti Hou Baithee, Brahma Ke Bahmaanee.
Kahai Kabeer Suno Bhaee Saadho, Vah Sab Akath Kahaanee.

Maatee Ke Kot Pakhaan Ke Taala, Soee Ban Soee Rakhane Vaala .
So Ban Dekhat Jeev Deraana, Braahman Vaishnav Ekahi Jaana .
Jyon Kisaan Keesaanee Karee, Upaje Khet Beej Nahin Paree?
Chhaadi Dev Nar Jhelik Jhela, Boode Dooo Guroo Au Chela?
Teesar Boode Paarath Bhaee, Jin Ban Deenhon Daha Lagaee .
Bhooki Bhooki Kookur Mari Gayoo, Kaaj Na Ek Syaar Se Bhayoo?
Moos Bilaee Ek Sang, Kahu Kaise Rahi Jaay .
Acharaj Ek Dekhahu Ho Santo, Hastee Sinhahi Khaay . 

आपको ये पोस्ट पसंद आ सकती हैं
+

एक टिप्पणी भेजें