बिरहिन ऊठै भी पड़े हिंदी मीनिंग
बिरहिन ऊठै भी पड़े, दरसन कारनि राम।
मूवाँ पीछे देहुगे, सो दरसन किहिं काम।
Birahini UThe Bhi Pade, Darshan Karani Raam,
Muva Pichhe Dehuge, So Darshan Kishi Kaam.कबीर दोहा शब्दार्थ हिंदी Kabir Doha Word Meaning Hindi
बिरहिन -बिरहणि।
ऊठै भी पड़े- उठकर पुनः गिर पड़ती है।
दरसन -दर्शन।
कारनि -कारण।
मूवाँ - मृत्यु।
पीछे - बाद में।
देहुगे- दोगे।
सो दरसन -ऐसा दर्शन।
किहिं काम- किस काम का (उसका क्या प्रयोजन है ).
कबीर साहेब इस साखी में कहते हैं की विरह की अग्नि में आत्मा दग्ध हो रही है। ऐसी अवस्था में उसका तन भी कमजोर पड़ चूका है और वह उठने पर पुनः गिर पड़ती है। विरह में जल रही आत्मा अपने ईश्वर से संवाद स्थापित करते हुए कह रही की मरने के उपरान्त यदि आपने दर्शन दिया तो वह किस काम का। वह इस जीवन के रहते ईश्वर से एकाकार होना चाहती है। भक्ति की पूर्ण पराकाष्ठा है जहाँ पर जीवात्मा अपने तन के प्रति भी विरक्त हो जाती है।
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