थारा रंग महल में अजब शहर में भजन शबनम वीरमानी

थारा रंग महल में अजब शहर में Thara Rang Mahal Me Ajab Shahar Me Shabnam Virmani Kabir Bhajan

 
थारा रंग महल में अजब शहर में लिरिक्स हिंदी Thara Rang Mahal Me Ajab Shahar Me Lyrics

ह्रदय मांहीं आरसी, और मुख देखा नहीं जाय
मुख तो तब ही देखिये, जब दिल की दुविधा जाय
थारा रंग महल में, अजब शहर में
आजा रे हंसा भाई,
निर्गुण राजा पे, सिरगुण सेज बिछाई
यहाँ सिरगुण सेज बिछायी,
थारा रंग महल में, अजब शहर में
आजा रे हंसा भाई,
निर्गुण राजा पे, सिरगुण सेज बिछाई
यहाँ सिरगुण सेज बिछायी,

अरे हां रे भाई, देवलिया में देव नांहीं,
झालर कूटे गरज कसी
अरे हां रे भाई, देवलिया में देव नांहीं,
झालर कूटे गरज कसीथारा रंग महल में, अजब शहर में
आजा रे हंसा भाई,
निर्गुण राजा पे, सिरगुण सेज बिछाई
यहाँ सिरगुण सेज बिछायी,
थारा रंग महल में, अजब शहर में
आजा रे हंसा भाई,
निर्गुण राजा पे, सिरगुण सेज बिछाई
यहाँ सिरगुण सेज बिछायी,

अरे हां रे भाई, बेहद की तो गम नांहि,
नुगुरा से सेन कसी
अरे हां रे भाई, बेहद की तो गम नांहि,
नुगुरा से सेन कसी
थारा रंग महल में, अजब शहर में
आजा रे हंसा भाई,
निर्गुण राजा पे, सिरगुण सेज बिछाई
यहाँ सिरगुण सेज बिछायी,
थारा रंग महल में, अजब शहर में
आजा रे हंसा भाई,
निर्गुण राजा पे, सिरगुण सेज बिछाई
यहाँ सिरगुण सेज बिछायी,

अरे हां रे भाई, अमृत प्याला भर पाओ
भाईला से भ्रांत कसी
अरे हां रे भाई, कहें कबीर विचार
सेण मांहीं सेण  मिली
थारा रंग महल में, अजब शहर में
आजा रे हंसा भाई,
निर्गुण राजा पे, सिरगुण सेज बिछाई
यहाँ सिरगुण सेज बिछायी,
थारा रंग महल में, अजब शहर में
आजा रे हंसा भाई,
निर्गुण राजा पे, सिरगुण सेज बिछाई
यहाँ सिरगुण सेज बिछायी,

सिर्गुण = सगुण = साकार ब्रह्म/ब्रह्म रूप
सेज = पलंग
देवलिया = मंदिर
झालर = घंटी
कसी = कैसी
गम = प्रवेश, पहुंच
नुगुरा -जिसका गुरु ना हो
भ्रांत = शक, भ्रम, धोखा
सेन = संकेत, इशारा
 

Thara Rang Mahal Mein by Shabnam Virmani

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Saroj Jangir Author Author - Saroj Jangir

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