जागृत रहना रे नगर में चोर आवे है

जागृत रहना रे नगर में चोर आवे है भजन

 
जागृत रहना रे नगर में चोर आवे है लिरिक्स Jagrat Rahna Re Nagar Me Chor Ave Hai Lyrics

आछे दिन पाछे गये, किया ना गुरु से हेत
अब पछतावा क्या करे, जब चिडि़या चुग गयी खेत
जागृत रहना रे नगर में चोर आवे है
होशियार रहना रे नगर में चोर आवेगा
चोर आवेगा एक दिन, जम आवेगा
तीर तोप तलवार ना बरछी, ना बंदूक चलावेगा
आवत जात नज़र नहीं आवे, भीतर घूम घुमावेगा
होशियार रहना रे, नगर में चोर आवेगा
गढ़ नहीं तोड़े, किला नहीं फोड़े, ना कोई रूप दिखावेगा
इस नगर से कोई काम नहीं, वो तुझे पकड़ ले जावेगा
होशियार रहना रे, नगर में चोर आवेगा
धन दौलत और माल खजीना, यहीं धरा रह जाएगा
भाई बंधू और कुटुंब कबीला, खड़े देख रह जाएगा
होशियार रहना रे, नगर में चोर आवेगा
कहें कबीर या मुल्क वीराना, कोई नहीं यहां अपना
मुट्ठी बांध कर आया रे बंदे, हाथ पसारे जाएगा
होशियार रहना रे, नगर में चोर आवेगा
 

Kaluram Bamaniya Sings 'Jaagrat Rehna Re' - Luniyakhedi, Malwa

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