काहे गरजे गरज डरावे भजन
काहे गरजे गरज डरावे भजन
काहे गरजे गरज डरावे
काहे गरजे गरज डरावे
बिन बात के आंख दिखावे
बिन बात के आंख दिखावे
काहे गरजे गरज डरावे
बिन बात के आंख दिखावे
जाने भी दे
जाने दे
उस पार
ओ सागर
मैं रामदूत हनूमाना
मैं राम दूत हनुमाना
मुझको गढ़ लंका है जाना
माता सिया की पाने खबर सार
औ सागर
जाने भी दे
जाने दे
उस पार
ओ सागर
काहे गरजे गरज डरावे
बिन बात के आंख दिखा वे
जाने दे
जाने दे
उस पार
औ सागर
रावण दुराचारी मात का
ले गया करके हरण
और दंड देना चाहिए
जो ऐसा करें आचरण
वह भी अपराधी है
ऐसे आदमी को
क्यों दे शरण
वह भी अपराधी है
ऐसे आदमी को
क्यों दे शरण
चिंता में है राम रघुनंदन
चिंता में है नाम रघुनंदन
दुखों से घिरे दुख भंजन
ऐसे में मुझसे
ना कर तकरार
सागर
जाने दे जाने दे
उस पार ओ सागर
काहे गरजे गरज डरा वे
बिन बात के आंख दिखा दे
जाने दे जाने दे
ओ सागर
हे पूज्य आप विद्वान
ब्राह्मण को बड़प्पन चाहिए
श्री राम की सेवा में
थोड़ा हाथ आप बटाइए
दीजिए मुझे रास्ता
कुछ रास्ता बताइए
दीजिए मुझे रास्ता
कुछ रास्ता बतलाइए
अगर तू जिद पे
अपनी अड़ेगा
अगर तू जिद पे
अपनी अड़ेगा
फिर कुछ मुझको करना पड़ेगा
जैसे चाहोगे
वैसे मैं तैयार हूं
ओ सागर
जाने दे जाने दे
जाने दे जाने दे
राम जी काज हित
में तो कुछ भी कर जाऊंगा
अंजुली में भर तुझे
एक घूंट में पी जाऊंगा
अंजनी का लाल हूं
नहीं दूध को लजाऊंगा
ओ लक्खा मान ले विनती मेरी
औ लक्खा मान ले विनती मेरी
मुझको बहुत हो रही देरी
करदे सरल इतना सा उपकार सागर
जाने दे जाने दे
उस पार
औ सागर
काहे गरजे गरज डरावे
बिन बात के आंख दिखावे
जाने दे जाने दे
ओ सागर
मैं राम दूत हनुमाना
मैं राम दूत हनुमाना
मुझको गढ़ लंका है जाना
माता सिया के पाने खबर सार
औ सागर
जाने दे जाने दे
उस पार ओ सागर
जाने दे जाने दे
