नाचु रे मेरो मन नट हो लिरिक्स Nachu Re Mero Man Nat Ho

नाचु रे मेरो मन नट हो लिरिक्स Nachu Re Mero Man Nat Ho Lyrics Kabir Bhajan Lyrics

 
नाचु रे मेरो मन नट हो लिरिक्स Nachu Re Mero Man Nat Ho Lyrics Kabir Bhajan Lyrics

कवि कबीर
नाचु रे मेरो मन नट होय
ज्ञान के ढोल बजाय रैन दिन
सब्द सुने सब कोई
राहू केतु नवग्रह नाचे
जमपुर आनँद होई
नाचु रे मेरो मन...
छापा तिलक लगाए बाँस चढ़ि
होई रहु जग से न्यारा
सहस कला कर मन मेरो नाचे
रीझे सिरजनहारा
नाचु रे मेरो मन...
जो तुम कूद जाओ भवसागर
कला बदाऊं में तेरो
कहे कबीर, सुनो भाई साधो
हो रहु सतगुरु चेरो
नाचु रे मेरो मन...
 

 
'Naachu Re Mero Mann' by Bindhumalini & Vedanth
 
Naachu Re Mero Mann
POET Kabir
Naachu re mero mann nat hoye
Gyaan ke dhol bajaaye rain din
Sabd sune sab koi
Raahu Ketu navgrah naache
Jampur aanand hoi
Naachu re…
Chhaapa tilak lagaaye baans chadhhi
Hoi rahu jag se nyaara
Sahas kala kar mann mero naache
Reejhe sirjanhaara
Naachu re…
Jo tum kood jaao bhavsaagar
Kala badaaun mein tero
Kahe Kabir, suno bhai saadho
Ho rahu satguru chero
Naachu re…
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Saroj Jangir Author Author - Saroj Jangir

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