आरती संग सतगुरु के कीजै भजन लिरिक्स Aarti Sang Satguru Ke Kije Bhajan Lyrics

आरती संग सतगुरु के कीजै भजन लिरिक्स Aarti Sang Satguru Ke Kije Bhajan Lyrics Gurudev Bhajan Lyrics 

 
आरती संग सतगुरु के कीजै भजन लिरिक्स Aarti Sang Satguru Ke Kije Bhajan Lyrics

आरती संग सतगुरु के कीजै।
अन्तर जोत होत लख लीजै ।।1।।
पाँच तत्व तन अग्नि जराई।
दीपक चास प्रकाश करीजै ।।2।।
गगन-थाल रवि-शशि फल-फूला।
मूल कपूर कलश धर दीजै ।।3।।
अच्छत नभ तारे मुक्ताहल।
पोहप-माल हिय हार गुहीजै ।।4।।
सेत पान मिष्टान्न मिठाई।
चन्दन धूप दीप सब चीजैं ।।5।।
झलक झाँझ मन मीन मँजीरा।
मधुर-मधुर धुनि मृदंग सुनीजै ।।6।।
सर्व सुगन्ध उडि़ चली अकाशा।
मधुकर कमल केलि धुनि धीजै ।।7।।
निर्मल जोत जरत घट माँहीं।
देखत दृष्टि दोष सब छीजै ।।8।।
अधर-धार अमृत बहि आवै।
सतमत-द्वार अमर रस भीजै ।।9।।
पी-पी होय सुरत मतवाली।
चढि़-चढि़ उमगि अमीरस रीझै ।।10।।
कोट भान छवि तेज उजाली।
अलख पार लखि लाग लगीजै ।।11।।
छिन-छिन सुरत अधर पर राखै।
गुरु-परसाद अगम रस पीजै ।।12।।
दमकत कड़क-कड़क गुरु-धामा।
उलटि अलल ‘तुलसी’ तन तीजै । ।13।।



आपको ये पोस्ट पसंद आ सकती हैं
Next Post Previous Post
1 Comments
  • बेनामी
    बेनामी 10/12/2022

    Satpusrush ki aarti ki lyrics chahiye mujhe

Add Comment
comment url