ख्वाबों में तू है ख्यालों में तू है भजन
ख्वाबों में तू है ख्यालों में तू है
जिधर देखता हूँ उधर तू ही तू है
मुझे हर जन्म में है जिसने सँभाला,
माया के बंधन से है जिसने निकाला,
मेरे देवता तुम वही हू बू हू है जिधर देखता हूँ,
नफस की ख्वाहिश गमों को बढाये,
प्रभु नाम बक्शों के संतोष आये,
यही है तमन्ना यही आरजू है जिधर देखता हूँ,
दिल में जो उतरी है तस्वीर तेरी,
तो मस्तक पर उभरी है तदवीर तेरी,
तू ही मेरे दिल में तू ही रूबूरू है जिधर देखता हूँ,
कभी आप कुछ मांगने को कहेंगे,
तो तुम से तुम्हीं को प्रभु मांग लेंगें,
तुम्हारी ही हर दम हमें जूस्तजू है जिधर देखता हूँ,
तेरे नाम की धुन में गीत गाऊँ,
के दरगाह में तेरी प्रभु जब मैं आऊँ,
तो आवाज आये ये रूह सुर्ख रूह है जिधर देखता हूँ,
झलकता है सीने में जो प्यार तेरा,
है मुझपे ये सतगुरु उपकार तेरा,
तू ही पीर मेरा तू ही सतगुरु है जिधर देखता हूँ,
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