पलकों की हिंडोले में, जब देखूं मैं झाँक के,
मेरी माँ नजर आये, मेरी माँ नजर आये,
बंद करके इन आँखों को, जब बैठूँ मैं ध्यान में,
बंद करके इन आँखों को, जब बैठूँ मैं ध्यान में,
मेरी माँ नजर आये, मेरी माँ नजर आये,
जिस दिन से मुझे दादी की, लगन सी लगी है,
दिल मैं मेरे जैसे कोई, इक अगन जगी है,
जिस दिन से मुझे दादी की, लगन सी लगी है,
दिल मैं मेरे जैसे कोई, इक अगन जगी है,
ये आन बसी हो ज्यों, मेरी साँसों के तार में,
मेरी माँ नजर आये, मेरी माँ नजर आये,
पलकों की हिंडोले में,
नस नस में मेरी दादी की, सरगम सी बजे हैं,
चाहत तेरी मैया मेरी, भजनों में ढले है,
नस नस में मेरी दादी की, सरगम सी बजे हैं,
चाहत तेरी मैया मेरी, भजनों में ढले है,
इस मन को टटोलूँ तो, मेरे नैनों के सामने,
इस मन को टटोलूँ तो, मेरे नैनों के सामने,
मेरी माँ नजर आये, मेरी माँ नजर आये,
पलकों की हिंडोले में,
इक दिल था मेरे पास जो, अब तेरा हुआ है,
पाकर तुम्हे अरमान मेरा, सब पूरा हुआ है,
इक दिल था मेरे पास जो, अब तेरा हुआ है,
पाकर तुम्हे अरमान मेरा, सब पूरा हुआ है,
इस मन को टटोलूँ तो, मेरे नैनों के सामने,
जिस और नजर फेरें, अब हर्ष दीवाना ये,
जिस और नजर फेरें, अब हर्ष दीवाना ये,
मेरी माँ नजर आये, मेरी माँ नजर आये,
पलकों की हिंडोले में, जब देखूं मैं झाँक के,
मेरी माँ नजर आये, मेरी माँ नजर आये,
बंद करके इन आँखों को, जब बैठूँ मैं ध्यान में,
बंद करके इन आँखों को, जब बैठूँ मैं ध्यान में,
मेरी माँ नजर आये, मेरी माँ नजर आये,
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Author - Saroj Jangir
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