यमुनाष्टक लिरिक्स हिंदी टेक्स्ट लिरिक्स Yamunashtak Lyrics Hindi Text Lyrics

यमुनाष्टक लिरिक्स हिंदी टेक्स्ट लिरिक्स Yamunashtak Lyrics Hindi Text Lyrics

यमुनाष्टक लिरिक्स हिंदी टेक्स्ट लिरिक्स Yamunashtak Lyrics Hindi Text Lyrics
नमामि यमुनामहं सकल सिद्धि हेतुं मुदा,
मुरारि पद पंकज स्फ़ुरदमन्द रेणुत्कटाम।
तटस्थ नव कानन प्रकटमोद पुष्पाम्बुना,
सुरासुरसुपूजित स्मरपितुः श्रियं बिभ्रतीम।।१।।

कलिन्द गिरि मस्तके पतदमन्दपूरोज्ज्वला,
विलासगमनोल्लसत्प्रकटगण्ड्शैलोन्न्ता।
सघोषगति दन्तुरा समधिरूढदोलोत्तमा,
मुकुन्दरतिवर्द्धिनी जयति पद्मबन्धोः सुता।।२।।

भुवं भुवनपावनी मधिगतामनेकस्वनैः,
प्रियाभिरिव सेवितां शुकमयूरहंसादिभिः।
तरंगभुजकंकण प्रकटमुक्तिकावालूका,
नितन्बतटसुन्दरीं नमत कृष्ण्तुर्यप्रियाम।।३।।

अनन्तगुण भूषिते शिवविरंचिदेवस्तुते,
घनाघननिभे सदा ध्रुवपराशराभीष्टदे।
विशुद्ध मथुरातटे सकलगोपगोपीवृते,
कृपाजलधिसंश्रिते मम मनः सुखं भावय।।४।।

यया चरणपद्मजा मुररिपोः प्रियं भावुका,
समागमनतो भवत्सकलसिद्धिदा सेवताम।
तया सह्शतामियात्कमलजा सपत्नीवय,
हरिप्रियकलिन्दया मनसि मे सदा स्थीयताम।।५।।

नमोस्तु यमुने सदा तव चरित्र मत्यद्भुतं,
न जातु यमयातना भवति ते पयः पानतः।
यमोपि भगिनीसुतान कथमुहन्ति दुष्टानपि,
प्रियो भवति सेवनात्तव हरेर्यथा गोपिकाः।।६।।

ममास्तु तव सन्निधौ तनुनवत्वमेतावता,
न दुर्लभतमारतिर्मुररिपौ मुकुन्दप्रिये।
अतोस्तु तव लालना सुरधुनी परं सुंगमा,
त्तवैव भुवि कीर्तिता न तु कदापि पुष्टिस्थितैः।।७।।

स्तुति तव करोति कः कमलजासपत्नि प्रिये,
हरेर्यदनुसेवया भवति सौख्यमामोक्षतः।
इयं तव कथाधिका सकल गोपिका संगम,
स्मरश्रमजलाणुभिः सकल गात्रजैः संगमः।।८।।

तवाष्टकमिदं मुदा पठति सूरसूते सदा,
समस्तदुरितक्षयो भवति वै मुकुन्दे रतिः।
तया सकलसिद्धयो मुररिपुश्च सन्तुष्यति,
स्वभावविजयो भवेत वदति वल्लभः श्री हरेः।।९।।


यह श्लोक श्री महाप्रभुजी द्वारा श्री यमुनाजी की स्तुति में लिखा गया है। इस श्लोक में, श्री महाप्रभुजी श्री यमुनाजी की भक्ति और प्रेम के साथ प्रणाम करते हैं। वे कहते हैं कि श्री यमुनाजी भक्त की सभी इच्छाओं को पूर्ण करने में सक्षम हैं, और वे सभी तरह की उपलब्धियां प्रदान कर सकती हैं। इस श्लोक के पहले भाग में, श्री महाप्रभुजी श्री यमुनाजी की भौतिक स्थिति का वर्णन करते हैं। वे कहते हैं कि नदी के दोनों किनारे चमकदार रेत से भरे हुए हैं, जिन्हें श्री मुरारी प्रभु के कमल के पैरों के रूप में नरम माना जाता है। इसके अलावा, नदी के दोनों किनारों के विभिन्न प्रकार के बगीचे हैं। बगीचे के फूलों के कारण नदी का पानी सुगंध से भरा हुआ है।

यमुनाष्टक लिरिक्स हिंदी Yamunashtak Lyrics Hindi Text

Namāmi Yamunāmahaṁ Sakala Sid'dhi Hētuṁ Mudā,
Murāri Pada Paṅkaja Sfuradamanda Rēṇutkaṭāma.
Taṭastha Nava Kānana Prakaṭamōda Puṣpāmbunā,
Surāsurasupūjita Smarapituḥ Śriyaṁ Bibhratīma..1..

Kalinda Giri Mastakē Patadamandapūrōjjvalā,
Vilāsagamanōllasatprakaṭagaṇḍśailōnntā.
Saghōṣagati Danturā Samadhirūḍhadōlōttamā,
Mukundarativard'dhinī Jayati Padmabandhōḥ Sutā..2..

Bhuvaṁ Bhuvanapāvanī Madhigatāmanēkasvanaiḥ,
Priyābhiriva Sēvitāṁ Śukamayūrahansādibhiḥ.
Taraṅgabhujakaṅkaṇa Prakaṭamuktikāvālūkā,
Nitanbataṭasundarīṁ Namata Kr̥ṣṇturyapriyāma..3..

Anantaguṇa Bhūṣitē Śivaviran̄cidēvastutē,
Ghanāghananibhē Sadā Dhruvaparāśarābhīṣṭadē.
Viśud'dha Mathurātaṭē Sakalagōpagōpīvr̥tē,
Kr̥pājaladhisanśritē Mama Manaḥ Sukhaṁ Bhāvaya..4..

Yayā Caraṇapadmajā Muraripōḥ Priyaṁ Bhāvukā,
Samāgamanatō Bhavatsakalasid'dhidā Sēvatāma.
Tayā Sahśatāmiyātkamalajā Sapatnīvaya,
Haripriyakalindayā Manasi Mē Sadā Sthīyatāma..5..

Namōstu Yamunē Sadā Tava Caritra Matyadbhutaṁ,
Na Jātu Yamayātanā Bhavati Tē Payaḥ Pānataḥ.
Yamōpi Bhaginīsutāna Kathamuhanti Duṣṭānapi,
Priyō Bhavati Sēvanāttava Harēryathā Gōpikāḥ..6..

Mamāstu Tava Sannidhau Tanunavatvamētāvatā,
Na Durlabhatamāratirmuraripau Mukundapriyē.
Atōstu Tava Lālanā Suradhunī Paraṁ Suṅgamā,
Ttavaiva Bhuvi Kīrtitā Na Tu Kadāpi Puṣṭisthitaiḥ..7..

Stuti Tava Karōti Kaḥ Kamalajāsapatni Priyē,
Harēryadanusēvayā Bhavati Saukhyamāmōkṣataḥ.
Iyaṁ Tava Kathādhikā Sakala Gōpikā Saṅgama,
Smaraśramajalāṇubhiḥ Sakala Gātrajaiḥ Saṅgamaḥ..8..

Tavāṣṭakamidaṁ Mudā Paṭhati Sūrasūtē Sadā,
Samastaduritakṣayō Bhavati Vai Mukundē Ratiḥ.
Tayā Sakalasid'dhayō Muraripuśca Santuṣyati,
Svabhāvavijayō Bhavēta Vadati Vallabhaḥ Śrī Harēḥ..9..

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