जळ जमना रो पाणी कइया ल्याऊं ओ रसिया
जळ जमना रो पाणी कइया ल्याऊं ओ रसिया,
पतली कमर म्हारी लुळ लुळ जाय,
पतली कमर म्हारी लुळ लुळ जाय,
छोटोड़ी नणद म्हारी पाणी कोणी लावे,
बां घरां बैठी हुकम चलावे ओ रसिया,
पतली कमर म्हारी लुळ लुळ जाय,
पतली कमर म्हारी लुळ लुळ जाय,
सर पर घड़लो घड़े पर मटकी,
मटकी ऊपर कलसो कोनी चाले ओ रसिया,
पतली कमर म्हारी लुळ लुळ जाय,
पतली कमर म्हारी लुळ लुळ जाय,
ऊँची ऊँची पाळ घड़ो कोनी डूबे,
बीच में जाऊं तो डर लागे ओ रसिया,
पतली कमर म्हारी लुळ लुळ जाय,
पतली कमर म्हारी लुळ लुळ जाय,
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Author - Saroj Jangir
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