मंजिल मेरी तू ही है और तू ही रास्ता है भजन लिरिक्स Manjil Meri Tu Hi Hai Aur Tu Hi Rasta Hai Bhajan Lyrics

मंजिल मेरी तू ही है, और तू ही रास्ता है भजन लिरिक्स Manjil Meri Tu Hi Hai Aur Tu Hi Rasta Hai Bhajan Lyrics

 
मंजिल मेरी तू ही है और तू ही रास्ता है भजन लिरिक्स Manjil Meri Tu Hi Hai Aur Tu Hi Rasta Hai Bhajan Lyrics

बोलो जयकारा, बोल मेरे श्री गुरु महाराज की जय,
मंजिल मेरी तू ही है, और तू ही रास्ता है,
ए सतगुरु मेरा कौन अब तेरे सिवा है,
मंजिल मेरी तू ही है, और तू ही रास्ता है,
मंजिल मेरी तू ही है, और तू ही रास्ता है,

हर कदम साथ देकर हाथों में हाथ लेकर,
हर कदम साथ देकर हाथों में हाथ लेकर,
अपनी तरफ मुझे तू खींचे ही जा रहा है,
मंजिल मेरी तू ही है, और तू ही रास्ता है,
मंजिल मेरी तू ही है, और तू ही रास्ता है,

तेरा जो साथ छूटे तो कदम डगमगायेंगे,
तेरा जो साथ छूटे तो कदम डगमगायेंगे,
साथी तू ही है मेरा और तू ही रहनुमा है,
मंजिल मेरी तू ही है, और तू ही रास्ता है,
मंजिल मेरी तू ही है, और तू ही रास्ता है,

सब कुछ तुझी से होना, सब कुछ तू ही करने हारा,
सब कुछ तुझी से होना, सब कुछ तू ही करने हारा,
मेरा तो नाम है बस तेरा ही आसरा है,
मंजिल मेरी तू ही है, और तू ही रास्ता है,
मंजिल मेरी तू ही है, और तू ही रास्ता है,

सौंपी है बाग़अपनी तेरे ही हाथ अब तो,
आधार फ़क़त तू ही दासों के दास का है,
मंजिल मेरी तू ही है, और तू ही रास्ता है,
मंजिल मेरी तू ही है, और तू ही रास्ता है,


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