रंग चढ़ा है रे श्याम रंग चढ़ा है भजन
फागुन का श्याम भक्तों पे सरूर चढ़ा है,
रंग चढ़ा है रे श्याम, रंग चढ़ा है,
भक्तों से मिलन, बाबा भी तैयार खड़ा है,
रंग चढ़ा है रे श्याम, रंग चढ़ा है,
घर घर में होने लगी है तैयारी,
बाबा से मिलने की चढ़ी है खुमारी,
पैदल हम जाएंगे, झूमेंगे, गाएंगे,
भक्तों का रेला तैयार खड़ा है,
रंग चढ़ा है रे श्याम, रंग चढ़ा है,
सज धज के बैठा, यूँ मुसका रहा है,
काहे कन्हैया यूँ तड़पा रहा है,
तेरा इन्तजार है, दिल ये बेकरार है,
साँवरे से मिलाने का जूनून चढ़ा है,
रंग चढ़ा है रे श्याम, रंग चढ़ा है,
बाबा के संग मिलके खेलेंगे होली,
भर भर पिचकारी मारे भक्तों की टोली,
चंग हम बजायेंगे, रंग भी लगाएंगे,
श्याम रंग में रंगने "विकास" (गायक विकास विजयवर्गीय जी) तैयार खड़ा है,
रंग चढ़ा है रे श्याम, रंग चढ़ा है,
फागुन का श्याम भक्तों पे सरूर चढ़ा है,
रंग चढ़ा है रे श्याम, रंग चढ़ा है,
भक्तों से मिलन, बाबा भी तैयार खड़ा है,
रंग चढ़ा है रे श्याम, रंग चढ़ा है,
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