राधा रानी झूल रही काली खोली में भजन
राधा रानी झूल रही थी काली खोली में
झोटा देते श्याम खड़े भगतो की टोली में
निराली शान राधा की मधुर मुसकान कान्हा की
गूलर ऊपर पेड़ पे रेशम डोरी डाल के
राधा रानी झूलती चन्दन पटड़ी डाल के
घनश्याम थी प्यारी श्री राधा दुनिया से न्यारी श्री राधे
चंदा सा चमकारा लागै सूरत भोली में
कान्हा मुरली बजा रहे भगत नाचते तान पे
खुद मनमोहन मोहित था राधा जी की शान पे
जग हुआ दीवाना श्री राधे मोहक मुसकाना श्री राधे
हीरे मोती दमकै थे जैसे रंग होली में
सारी सखियाँ गा रही राधा जी के साथ में
ताल के ऊपर नाचै थी हाथ डाल के हाथ में
था अजब नजारा श्री राधे मोहित जग सारा श्री राधे
गाती बरियो फूल झड़ै थे मीठी बोली में
इस लीला को देखने ब्रहमा शंकर आ रहे
जय हो राधे श्याम के प्रेम फूल बरसा रहे
प्रियंका गाती श्री राधे मन में हर्षाति श्री राधे
शीश झुका हरेराम बैसले रहे बड़ोली में
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Author - Saroj Jangir
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