गुरूवर तेरे चरणों की, गर धूल जो मिल जाये
सच कहता हूं मेरी, तकदीर संवर जाये,
श्रेणी : Satguru Dev Bhajan Lyrics
गुरूवर तेरे चरणों की, गर धूल जो मिल जाये
सच कहता हूं मेरी, तकदीर संवर जाये,
सुनते हैं दया गुरू की, दिन रात बरसती है
इक बूंद जो मिल जये, कली दिल की ये खिल जाये, गुरूवर तेरे,
यह मन बड़ा चंचल है, कैसे प्रभु ध्यान धरूं,
जितना इसे समझाओ, उतना ही मचल जाये, गुरूवर तेरे,
नज़रों से गिराना नहीं, चाहे जितनी सज़ा देना,
नज़रों से जो गिर जाये, मुश्किल है संभल जाये, गुरूवर तेरे,
मेरे इस जीवन की, बस एक तमन्ना है,
तुम सामने हो मेरे, और प्राण निकल जाये, गुरूवर तेरे,
सच कहता हूं मेरी, तकदीर संवर जाये,
सुनते हैं दया गुरू की, दिन रात बरसती है
इक बूंद जो मिल जये, कली दिल की ये खिल जाये, गुरूवर तेरे,
यह मन बड़ा चंचल है, कैसे प्रभु ध्यान धरूं,
जितना इसे समझाओ, उतना ही मचल जाये, गुरूवर तेरे,
नज़रों से गिराना नहीं, चाहे जितनी सज़ा देना,
नज़रों से जो गिर जाये, मुश्किल है संभल जाये, गुरूवर तेरे,
मेरे इस जीवन की, बस एक तमन्ना है,
तुम सामने हो मेरे, और प्राण निकल जाये, गुरूवर तेरे,
गुरुवर तेरे चरणों की यदि धुल जो मिल जाये_ ગુરુવર તેરે ચરણો કી _GURUVAR TERE CHARNO KI
गुरु का महत्व भारतीय धर्म और समाज में बहुत अधिक है। गुरु को ज्ञान का भंडार माना जाता है, और वे अपने शिष्यों को ज्ञान और जीवन के मार्गदर्शन प्रदान करते हैं। गुरु-शिष्य संबंध भारतीय संस्कृति का एक महत्वपूर्ण अंग है, और इसका उल्लेख कई प्राचीन ग्रंथों में किया गया है।
भारतीय धर्मों में, गुरु को एक बहुत ही महत्वपूर्ण स्थान दिया गया है। हिंदू धर्म में, गुरु को ईश्वर का दूत माना जाता है। वे अपने शिष्यों को ज्ञान, आध्यात्मिकता, और जीवन के मार्गदर्शन प्रदान करते हैं। गुरु-शिष्य संबंध हिंदू धर्म में एक बहुत ही पवित्र संबंध माना जाता है। बौद्ध धर्म में, गुरु को बुद्ध का प्रतिनिधि माना जाता है। वे अपने शिष्यों को बौद्ध धर्म के सिद्धांतों और शिक्षाओं का पालन करने में मार्गदर्शन प्रदान करते हैं। गुरु-शिष्य संबंध बौद्ध धर्म में एक बहुत ही महत्वपूर्ण संबंध माना जाता है।
भारतीय धर्मों में, गुरु को एक बहुत ही महत्वपूर्ण स्थान दिया गया है। हिंदू धर्म में, गुरु को ईश्वर का दूत माना जाता है। वे अपने शिष्यों को ज्ञान, आध्यात्मिकता, और जीवन के मार्गदर्शन प्रदान करते हैं। गुरु-शिष्य संबंध हिंदू धर्म में एक बहुत ही पवित्र संबंध माना जाता है। बौद्ध धर्म में, गुरु को बुद्ध का प्रतिनिधि माना जाता है। वे अपने शिष्यों को बौद्ध धर्म के सिद्धांतों और शिक्षाओं का पालन करने में मार्गदर्शन प्रदान करते हैं। गुरु-शिष्य संबंध बौद्ध धर्म में एक बहुत ही महत्वपूर्ण संबंध माना जाता है।
guruvar tere charno ki gar dhool jo mil jaaye
sach kahta hoon meri taqdeer sanvar jaaye
sunte hain daya guru ki, din raat barasati hai
ik boond jo mil jaye, kali dil ki ye khil jaaye, guruvar tere ...
yah man badaa chanchal hai, kaise prabhu dhyaan dharoon,
jitnaa ise samjhaao, utnaa hi machal jaaye, guruvar tere ...
nazaron se giraanaa nahin, chaahe jitni sazaa dena,
nazaron se jo gir jaaye, mushkil hai sambhal jaaye, guruvar tere ...
mere is jeevan ki, bas ek tamannaa hai,
tum saamne ho mere, aur praan nikal jaaye, guruvar tere ...
sach kahta hoon meri taqdeer sanvar jaaye
sunte hain daya guru ki, din raat barasati hai
ik boond jo mil jaye, kali dil ki ye khil jaaye, guruvar tere ...
yah man badaa chanchal hai, kaise prabhu dhyaan dharoon,
jitnaa ise samjhaao, utnaa hi machal jaaye, guruvar tere ...
nazaron se giraanaa nahin, chaahe jitni sazaa dena,
nazaron se jo gir jaaye, mushkil hai sambhal jaaye, guruvar tere ...
mere is jeevan ki, bas ek tamannaa hai,
tum saamne ho mere, aur praan nikal jaaye, guruvar tere ...
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Author - Saroj Jangir
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