कोठे ऊपर कोठडी मैया का भवन सजा दूंगी
जो मेरी मैया टिका माँगे, बिंदी और लगा दूँगी,
जब मेरी मैया पैहर के निकलै, जयकारा लगा दूंगी,
कोठे ऊपर कोठड़ी, मैया का भवन सजा दूँगी,
जो मेरी मैया कुंडल माँगे, नथनी भी पैहरा दूंगी
जो मेरी मैया पैहर के निकलै, जयकारा लगा दूंगी
कोठे ऊपर कोठड़ी, मैया का भवन सजा दूँगी,
जो मेरी मैया पैंडल माँगे माला भी पैहरा दूंगी
जो मेरी मैया पैहर के निकलै, जयकारा लगा दूंगी
कोठे ऊपर कोठड़ी, मैया का भवन सजा दूँगी,
जो मेरी मैया चूड़ी माँगे मेहंदी भी लगवा दूंगी
जो मेरी मैया पैहर के निकलै, जयकारा लगा दूंगी
कोठे ऊपर कोठड़ी, मैया का भवन सजा दूँगी,
जो मेरी मैया चोला माँगे चुनर भी ओढा दूंगी
जो मेरी मैया पैहर के निकलै, जयकारा लगा दूंगी
कोठे ऊपर कोठड़ी, मैया का भवन सजा दूँगी,
जो मेरी मैया पायल माँगे बिछुए भी मँगा दूंगी
जो मेरी मैया पैहर के निकलै जयकारा लगा दूंगी
कोठे ऊपर कोठड़ी, मैया का भवन सजा दूँगी,
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Title - Kothe Upar Kothri Mata Bhajan
Singer - Rekha GargLyrics & Composer - Traditional
Music - Rinku Gujral
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