म्हारें जनम मरण रा साथी भजन
म्हारें जनम मरण रा साथी भजन
म्हारे जनम मरण रा साथी, थाँने नहिं बिसरूँ दिन राती,
म्हारें जनम मरण रा साथी, थाणे नहिं बिसरूँ दिन राती,
(साथी, साथी, साथी, साथी)
थाँ देख्याँ बिन कल न पड़त है, जाणत मोरी छाती,
ऊँची चढ़-चढ़ पंथ निहारूँ, रोय-रोय अँखिया राती,
यो संसार सकल जग झूँठो, झूँठा कुल रा न्याती,
दोउ कर जोड्याँ अरज करूँ छू, सुणल्यो म्हारी बाती,
यो मन मेरो बड़ो हरामी, ज्यूँ मदमातो हाथी,
सत्गुरू हाथ धर्यो सिर ऊपर, आँकुस दे समझाती,
पल-पल पिय को रूप निहारूँ, निरख निरख सुख पाती,
‘मीराँ’ के प्रभु गिरिधर नागर, हरि चरणाँ चित राती,
म्हारें जनम मरण रा साथी, थाणे नहिं बिसरूँ दिन राती,
(साथी, साथी, साथी, साथी)
थाँ देख्याँ बिन कल न पड़त है, जाणत मोरी छाती,
ऊँची चढ़-चढ़ पंथ निहारूँ, रोय-रोय अँखिया राती,
यो संसार सकल जग झूँठो, झूँठा कुल रा न्याती,
दोउ कर जोड्याँ अरज करूँ छू, सुणल्यो म्हारी बाती,
यो मन मेरो बड़ो हरामी, ज्यूँ मदमातो हाथी,
सत्गुरू हाथ धर्यो सिर ऊपर, आँकुस दे समझाती,
पल-पल पिय को रूप निहारूँ, निरख निरख सुख पाती,
‘मीराँ’ के प्रभु गिरिधर नागर, हरि चरणाँ चित राती,
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